मुजफ्फरपुर में एक महिला ने अपने नवजात बेटे को जन्म के तुरंत बाद 2 दिन पहले 1.60 लाख रुपए में बेच दिया। प्रसव कराने वाली आशा बिचौलिया बनी। बच्चे को सदर थाना क्षेत्र के एक परिवार ने खरीदा। थानाध्यक्ष चंदन कुमार ने बताया कि पुलिस ने मासूम को कल बरामद कर लिया है। बच्चा खरीदने वाले परिवार का कहना है कि उनके बेटे की एक्सीडेंट में मौत हो गई थी। इसलिए उन्होंने एक दूसरे बच्चे को खरीद लिया। मामला पारु थाना क्षेत्र का है। शुक्रवार दोपहर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से महिला को डिस्चार्ज कर दिया गया। अस्पताल से निकलते ही मां ने आशा की मदद से अपने नवजात बच्चे को बेच दिया और घर लौट गई। गांव पहुंचने पर जब महिला के ससुर ने बच्चे के बारे में पूछा, तो उसने बताया कि उसने बच्चे को बेच दिया है। ससुर ने स्थानीय लोगों की मदद से पारु थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए नवजात की मां और बिचौलिया आशा को पकड़ लिया। पूछताछ में पूरे मामले का खुलासा हुआ और यह सामने आया कि सौदा 1.60 लाख रुपए में तय हुआ था, जिसमें से मां को एक लाख और आशा को 60 हजार रुपए मिले थे। खरीदने वाले परिवार के घर से पुलिस ने बच्चा किया बरामद पारु थानेदार चंदन कुमार ने पूरे घटनाक्रम की सूचना चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (CWC) को दी। CWC के अधिकारियों ने पुलिस के सहयोग से आशा की ओर से बताए गए स्थान पर छापेमारी की। नवजात को सदर थाना क्षेत्र के उस परिवार के घर से बरामद कर लिया, जिसने उसे खरीदा था। बच्चा खरीदने वालों ने दी दलील नवजात मासूम को खरीदने वाला परिवार शहर के सदर थाना इलाके का रहने वाला है। उनका कहना है कि बेटे की मौत हो जाने के कारण परिवार में उनका कोई वारिस नहीं बचा था। जिसके कारण यह सौदा आशा के माध्यम से किया था। यह सुनकर चाइल्ड वेलफेयर के अधिकारियों ने समझाया और कहा कि बच्चों को गोद लेने की प्रक्रिया आधिकारिक रूप से होती है, आप ये करें। इस तरह से अपराध नहीं करें, अन्यथा कठोर कार्रवाई होगी। फिर अपने साथ टीम बच्चों को लेकर लौट गई। महिला के पहले से हैं दो बेटे, पति दिल्ली में करता मजदूरी पूछताछ में पुलिस को यह पता चला कि बेटे को बेचने वाली महिले के पहले से दो बेटे हैं। एक बेटा एक साल का और दूसरा 5 साल का है। उसका पति दिल्ली में मजदूरी करता है। पैसे के अभाव में उसने अपने बच्चे को बेचने का फैसला लिया। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी हैदर अयूब ने बताया कि अस्पताल से जच्चा-बच्चा को डिस्चार्ज कर दिया गया था। इसके बाद की जानकारी नहीं है। दोनों को सुरक्षित अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया था। बाहर क्या हुआ, क्या नहीं इसकी जानकारी नहीं है। अस्पताल के अंदर इस तरह की कोई बात नहीं हुई है। मामले में जांच पड़ताल होगी और अगर अस्पताल का कोई कर्मी इस मामले में सम्मिलित होगा, तो उनके ऊपर कठोर कार्रवाई होगी। थानेदार चंदन कुमार ने कहा कि हिदायत के साथ कागजी प्रक्रिया पूरी कर बच्चे को मां को सौंपा गया है। बच्चे को बरामद कर लिया गया है । इस मामले में कांड नहीं दर्ज किया गया है। परिजन केस करने के लिए तैयार नहीं हुए थे। लेकिन, हिदायत के साथ-साथ कागजी प्रक्रिया पूरी की गई है और बच्चों को सकुशल उसके मां के हवाले कर दिया गया है। इस प्रक्रिया के दौरान चाइल्ड वेलफेयर की भी टीम थी और स्थानीय जनप्रतिनिधि भी मौजूद रहे।
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