सीतामढ़ी के पुनौरा धाम में मां जानकी मंदिर के निर्माण की वर्षों पुरानी प्रतीक्षा अब समाप्त हो रही है। भूमि अधिग्रहण पूरा होने के बाद मंगलवार से मंदिर परिसर के सीमांकन और बाउंड्री निर्माण का कार्य आधिकारिक तौर पर शुरू हो गया है। यह मंदिर अयोध्या की तर्ज पर भव्य और आधुनिक स्वरूप में बनेगा, जिसे पर्यटन विभाग का एक महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट माना जा रहा है। इस पूरे परिसर को एक विकसित और अंतरराष्ट्रीय स्तर के धार्मिक-पर्यटन केंद्र के रूप में तैयार करने की योजना है। इसका उद्देश्य सीतामढ़ी की पहचान को देश-दुनिया में और मजबूत करना है। मंदिर के साथ-साथ व्यापक पैमाने पर सौंदर्यीकरण और पर्यटन सुविधाओं का विकास भी किया जाएगा। धार्मिक सर्किट तैयार करने की योजना परिसर के चारों ओर हरित क्षेत्र, आधुनिक प्रकाश व्यवस्था, आकर्षक प्रवेश द्वार, दर्शन पथ, श्रद्धालुओं के लिए विश्राम स्थल, पेयजल और पार्किंग जैसी अनेक सुविधाएं विकसित की जाएंगी। इसके अतिरिक्त, उर्विजा कुंड और आसपास के धार्मिक स्थलों को भी जोड़कर एक समग्र धार्मिक सर्किट तैयार करने की योजना है, जिससे श्रद्धालु एक ही यात्रा में मिथिला के कई आध्यात्मिक स्थलों का दर्शन कर सकेंगे। स्थानीय लोगों-श्रद्धालुओं में उत्साह मंदिर निर्माण की प्रक्रियाओं में तेजी आने से स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं में भारी उत्साह है। बाउंड्री निर्माण शुरू होते ही यह विश्वास और मजबूत हुआ है कि मां जानकी का मंदिर अपने भव्य रूप में अवश्य बनेगा। दुकानदारों, होटल व्यवसायियों और ग्रामीणों को उम्मीद है कि मंदिर पूरा होने पर क्षेत्र में पर्यटन के नए अवसर खुलेंगे, रोजगार बढ़ेगा और सीतामढ़ी आर्थिक रूप से सशक्त होगा। पर्यटन तथा कला-संस्कृति विभाग के प्रभारी मंत्री ने इस पूरी प्रक्रिया पर कहा कि मां जानकी का मंदिर अयोध्या की तर्ज पर भव्य स्वरूप में तैयार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि कार्य को निर्धारित 42 माह की समय सीमा के भीतर पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि प्रोजेक्ट के लिए आवश्यक राशि जारी कर दी गई है और किसी भी चरण में कार्य रुकने नहीं दिया जाएगा।
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