गयाजी में केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने शराबबंदी पर अपनी ही सरकार को नसीहत दी है। कहा कि नीतीश कुमार का शराबबंदी कानून बिल्कुल सही है। इससे घर में झगड़े कम हुए, घरेलू हिंसा खत्म हुई। शराब पीने वाला अपना मानसिक संतुलन खो देता है, ये सबने देखा है, लेकिन कुछ बातें ऐसी हो जाती हैं कि हमें बोलना जरूरी हो जाता है। मांझी ने पुराने दिनों की याद दिलाते हुए कहा कि जब नीतीश कुमात ने तीसरी समीक्षा की थी, वह मेरे कहने पर हुई थी। उसमें साफ कहा गया था तस्कर और धंधेबाज को पकड़ो। मजदूर को नहीं। जो थकान मिटाने के लिए या कोई दवा के नाम पर थोड़ा सा लेकर जा रहा है। आज उल्टा हो रहा है। जंगल और खेतों में हजारों लीटर शराब रोज तैयार हो रही पता नहीं वर्तमान प्रशासन को सरकार से चिढ़ है, या जनता से चिढ़ है। गरीब को पकड़-पकड़कर जेल भेज रहे हैं। उन्होंने आंकडों के हवाला देते हुए कहा कि राज्य में शराबबंदी से जुड़े 6 लाख केस हैं, जिनमें से 4 लाख ऐसे लोग हैं जो आदतन नहीं हैं। मतलब पहली बार में पकड़े गए, या मामूली मामला था। ये सभी गरीब हैं। गरीब तबके को जेल भेजना गलत है। मांझी ने इस मौके पर तस्करों का चुनावी कनेक्शन भी खोला। बातचीत के दौरान मांझी ने एक और बड़ा खुलासा किया। कहा कि हम देख रहे हैं कि शराब तस्कर और धंधेबाज बड़े-बड़े चुनाव लड़ रहे हैं। 5 से 10 करोड़ खर्च कर चुनाव जीत रहे हैं। मैं ऐसे कुछ लोगों को जानता भी हूं। उन्होंने दावा किया कि पहाड़ों, नदी किनारे, जंगल और खेतों में हजारों लीटर शराब रोज तैयार हो रही है। पर कार्रवाई नहीं हो रही। उन्हें नहीं पकड़ा जा रहा है। यह सब अफसरों और विभागीय कर्मियों की मिलीभगत है।
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