महिला सशक्तिकरण और महिला संबंधी अपराधों के खिलाफ बिहार की पुलिस असंवेदनशील है। यह बात बिहार पुलिस की रिस्पॉन्स रेट के आधार पर कही जा रही है, जो अन्य राज्यों के मुकाबले बहुत कम है। इस पर संज्ञान लेते हुए बिहार राज्य महिला आयोग ने पुलिस महानिदेशक विनय कुमार को पत्र लिखा है। उन्होंने अनुरोध किया है कि पुलिस प्रशासन को महिला अपराधों के प्रति संवेदनशीलता को बढ़ाना होगा। इसके लिए महिला आयोग के साथ जिलावार समीक्षात्मक बैठक आयोजित करने संबंधी आवश्यक कार्रवाई की जाए। बिहार पुलिस की भूमिका असंवेदनशील बिहार राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष अप्सरा मिश्रा ने कहा, दैनिक भास्कर अखबार में यह खबर छपी थी कि महिला हेल्पलाइन में जो भी मामले आते हैं, उसमें पुलिस की भूमिका संवेदनशील नहीं है। इसमें एक आंकड़ा प्रस्तुत किया गया था, जिसमें गुजरात पुलिस अपनी संवेदनशीलता दिखाते हुए 100% केस को सॉल्व करती है। जबकि बिहार का आंकड़ा 6% के आसपास था। अप्सरा मिश्रा ने आगे कहा, ‘इतना बड़ा गैप बिहार पुलिस की भूमिका की असंवेदनशील दर्शाता है। हमने इसलिए पुलिस महानिदेशक को चिट्ठी लिखी है और इसके बारे में जानकारी उपलब्ध कराने को कहा है।’ महिला आयोग के साथ जिलावार समीक्षात्मक बैठक की मांग महिला आयोग ने लेटर में लिखा कि, ‘7 नवंबर को दैनिक समाचार पत्र दैनिक भास्कर में प्रकाशित “महिला हेल्प लाइन…गुजरात में पुलिस का रिस्पॉन्स 100%, बिहार में 6.20%” के अन्तर्गत महिलाओं के मदद के प्रति अन्य राज्यों की अपेक्षा बिहार राज्य में महिला सशक्तीकरण और महिला संबंधी अपराधों के खिलाफ पुलिस संवेदनशील नहीं रहने के कारण रिस्पॉन्स रेट अन्य राज्यों की अपेक्षा बहुत कम है।’ महिला हेल्पलाइन की रिपोर्ट के अनुसार, बिहार पुलिस प्रशासन को महिला अपराधों के प्रति संवेदनशीलता को बढ़ाने की आवश्यकता है। इसलिए अनुरोध है कि पुलिस प्रशासन को महिला अपराधों के प्रति संवेदनशीलता को बढ़ाने के लिए महिला आयोग के साथ जिलावार समीक्षात्मक बैठक आयोजित करने संबंधी आवश्यक कार्रवाई की जाए। इसके साथ ही कृत कार्रवाई से आयोग को अविलम्ब अवगत कराना सुनिश्चत की जाए।’
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