गया. बोधगया स्थित महाबोधि मंदिर में दो दिसंबर से शुरू होने वाले इंटरनेशनल त्रिपिटक चैटिंग के लिए तैयारियां चरम पर हैं। विश्व शांति की कामना के साथ बुद्ध उपदेशों का पाठ इस बार बेहद भव्य होगा। दक्षिण-पूर्व एशिया के देशों से करीब 20 हजार भिक्षु, भिक्षुणी और श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। इसी को देखते हुए महाबोधि मंदिर परिसर से लेकर कालचक्र मैदान तक व्यवस्थाओं को दुरुस्त किया जा रहा है। कालचक्र मैदान में बड़ा टेंट-पंडाल बन रहा है। यहीं मुख्य आयोजन होगा। इंटरनेशनल त्रिपिटक चैटिंग का आयोजन पिछले 20 सालों से होता चला आ रहा है। हर साल अलग-अलग देश इसका आयोजन करते हैं, लेकिन इस बार पहली बार भारत इसकी मेजबानी कर रहा है। ऐसे में देश-विदेश के दर्जनों डिग्निटी के भी आने की उम्मीद है। इसी को ध्यान में रखते हुए डीएएम शशांक शुभंकर ने बीटीएमसी कार्यालय में विस्तृत समीक्षा बैठक की। बैठक में क्राउड मैनेजमेंट, यातायात व्यवस्था, मेडिकल सुविधा, आग सुरक्षा, आवासन और सुरक्षा व्यवस्था पर खासी चर्चा हुई। 20 हजार से अधिक श्रद्धालुओं के आने की संभावना डीएम ने कहा कि 20 हजार से अधिक श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। इसको देखते हुए निगमा मोनास्ट्री, मगध विश्वविद्यालय, बरमी बिहार, बांग्लादेश मोनास्ट्री समेत कई स्थानों पर आवासन केंद्र बनाए गए हैं। सरकारी भवनों का भी उपयोग होगा। सभी आवासन स्थलों पर बेड, कंबल-चादर, पेयजल, टॉयलेट, स्नानागार, रोशनी और बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है। एंबुलेंस की उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा डीएम ने कालचक्र मैदान और महाबोधि मंदिर के पास मेडिकल कैंप लगाने, डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ की तैनाती और एंबुलेंस की उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा। अग्निशमन पदाधिकारी को मैदान व मंदिर परिसर में फायर ऑडिट कराने और जगह-जगह फायर वाहनों की तैनाती का आदेश दिया गया। यातायात व्यवस्था पर भी डीएम ने सख्त निर्देश दिए। कहा कि 30 नवंबर तक बोधगया का ट्रैफिक प्लान जारी कर दिया जाए। भीड़ के दिनों में नोड-01 से मंदिर तक और चिल्ड्रन पार्क से मंदिर तक भारी वाहनों पर रोक रहेगी। जरूरत पड़ने पर पासधारी वाहनों का भी रूट डायवर्ट किया जाएगा। जहां-जहां नो-एंट्री होगी, वहां से मंदिर तक ई-रिक्शा चलाने की जिम्मेदारी जिला परिवहन पदाधिकारी को दी गई है। सफाई और स्वच्छता पर भी डीएम ने सख्ती दिखाई है। कालचक्र मैदान से लेकर बोधगया के सभी सार्वजनिक स्थलों पर नियमित सफाई, डस्टबिन और 12 दिसंबर तक लगातार फॉगिंग का निर्देश दिया गया। सभी स्ट्रीट लाइट और सीसीटीवी कैमरों की कार्य शीलता सुनिश्चित करने का आदेश दिया गया। सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी सख्त तैयारी है। कालचक्र मैदान के सभी गेटों पर DFMD मशीनें लगेंगी। विशेष पहचान पत्र दिखाने पर ही श्रद्धालुओं को प्रवेश मिलेगा। मंदिर और कालचक्र मैदान के सभी गेटों, कैंपों और संवेदनशील स्थानों पर पुलिस बल की तैनाती होगी। कालचक्र मैदान के बाहर अस्थायी थाना भी बनाया जाएगा। बैठक में त्रिपिटक चांटिंग के ऑर्गेनाइजर, बौद्ध भिक्षु, पुलिस अधिकारी, प्रशासनिक अधिकारी, स्वास्थ्य, विद्युत और अग्निशमन विभाग के पदाधिकारी मौजूद थे।
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