भास्कर न्यूज | लखीसराय किऊल रेलवे मैदान परिसर में सोमवार को गुरू तेगबहादुर के बलिदान दिवस पर पर्यावरण भारती द्वारा देव वृक्ष बरगद का पौधरोपण किया गया। पौधरोपण का नेतृत्व पर्यावरण प्रहरी प्रांत प्रमुख सुजीत कुमार सिंह ने किया। इस अवसर पर पर्यावरण भारती के संस्थापक राम बिलास शाण्डिल्य ने कहा कि पर्यावरण भारती 2008 से लगातार समाज के सहयोग से पौधरोपण अभियान चला रहा है। इसका उद्देश्य केवल पर्यावरण संरक्षण के लिए संसार के मानव को जागरूक करना है। पर्यावरण भारती अब तक 1,22,913(एक लाख बाईस हजार नौ सौ तेरह) पेड़ लगा चुका है। भविष्य में भी पौधरोपण अभियान चलते रहेगा। सज्जन मानव को निःशुल्क पौधरोपण अभियान में जोड़ने का कार्य लगातार चलता रहेगा। वृक्ष सूर्योदय के बाद प्राकृतिक ऑक्सीजन मानव को निःशुल्क प्रदान करते हैं। अतः प्राचीन काल से भारत में ब्रह्म मुहूर्त में जगने की परंपरा है। परन्तु आधुनिक विज्ञान के दुष्प्रभाव के कारण आलसी मानव सूर्योदय के बाद जगते हैं। अतः मधुमेह, हृदय रोग इत्यादि असाध्य रोग मानव को परेशान करते हैं। पर्यावरण संरक्षण के लिए पौधरोपण आवश्यक है। अतः कहा गया है–” पेड़ लगाओ, पेड़ लगाओ। हरा- भरा जीवन बनाओ, छाया ये हमको देते हैं। बाढ़ से हमको ये बचाते हैं,प्रदूषण दूर हटाते हैं। हम भी पेड़ लगायेंगे, संसार को हरा- भरा बनायेंगे। ” शाण्डिल्य ने बताया कि पीपल वृक्ष 100 % , बरगद वृक्ष 80 %तथा नीम वृक्ष 75 % कार्बन डाई ऑक्साइड अवशोषित करते हैं। अतः 500 मीटर की दूरी पर पीपल, बरगद,नीम के पेड़ अवश्य लगायें। पौधरोपण अभियान से ही भारत प्रदूषण मुक्त होगा। धर्म रक्षा के लिए गुरु तेगबहादुर 24 नवंबर 1675 को दिया था बलिदान प्रज्ञा प्रवाह के अखिल भारतीय अधिकारी रामाशीष सिंह ने बताया कि पर्यावरण संतुलन हेतु भारत के महापुरुषों के पुण्य तिथि पर देव वृक्ष पीपल, बरगद, गूलर और पाकड़ अवश्य लगायें। भारत के महान संत और सिख पंथ के नौवें गुरू तेगबहादुर जी का बलिदान 24 नवंबर 1675 को पंजाब प्रांत के अमृतसर में हुआ था। उनका पिता गुरू हर गोविंद सिंह जी एवं माता नानकी जी थीं। उनकी धर्मपत्नी माता गुजरी और पुत्र दशवें गुरू गोविंद सिंह जी थे। गुरू तेगबहादुर 54 वर्ष की उम्र में 24 नवंबर 1675 को धर्म रक्षा के लिए दिल्ली के चांदनी चौक पर बलिदान हो गए। आज वहां शीशगंज गुरूद्वारा है। ऐसे महापुरुष के पुण्य स्मरण में पौधरोपण स्मरणीय कार्य है। कार्यक्रम में रामाशीष सिंह, शिवनाथ शर्मा, हिमालय, सुजीत कुमार सिंह, राम बिलास शाण्डिल्य, मुकेश कुमार, रणधीर प्रसाद, नीरज नयन, अविनाश कुमार, अनुज मंडल, संदीप कुमार सिंह आदि भाग लिया।
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