राज्य में मनरेगा के निबंधित मजदूरों की कुल संख्या 2.72 करोड़ है। इनमें 99.27 लाख मजदूर एक्टिव होकर विभिन्न योजनाओं में काम कर रहे हैं। अभी मनरेगा मजदूरों की फर्जी हाजरी बनाने की शिकायत के बाद केंद्र सरकार ने इसे रोकने की विशेष योजना तैयार की है। इसके तहत मनरेगा मजदूरों की आनॅलाइन हाजिरी बनाने के लिए ई-केवाईसी करने के साथ फेस रिकॉग्नाइजेशन कराया जा रहा है। पहले चरण में एक सितंबर से एक नवंबर तक सभी एक्टिव मजदूरों का ई-केवाईसी कराने का काम हुआ। निर्धारित समय गुजरने के बाद इनमें भी केवल 28.54 लाख का ही ई-केवाईसी हो सका है। इसमें भी अररिया जिले में सर्वाधिक 45.48 फीसदी मजदूरों का ई-केवाईसी हुआ है। नवादा व पश्चिम चंपारण जिले के 16 फीसदी मजदूरों का ही ई-केवाईसी हुआ है। इसी प्रकार पटना, बेगूसराय, पूर्वी चंपारण व वैशाली जिले के 18.5 फीसदी मजदूरों का ई-केवाईसी हुआ है। मुजफ्फरपुर जिले के 3.77 लाख एक्टिव मजदूरों में 43.48 फीसदी 1.64 लाख मजदूरों का ई-केवाईसी हुआ है। हालांकि, सरकार ने ई-केवाईसी कराने के लिए समय सीमा बढ़ा दी है। जिला एक्टिव मजदूर ई केवाईसी अबतक मजदूरों के बदले ट्रैक्टर व जेसीबी से काम कराकर उनके नाम पर हाजिरी बनाते हुए राशि की निकासी की शिकायत मिलती रही है। इसको देखते हुए सभी वास्तविक मजदूरों का ई-केवाईसी करते हुए कार्यस्थल पर बायोमेट्रिक हाजिरी बनानी है। इसमें उनके फेस से तस्वीर खींचकर मिलान करना है। इससे मजदूरी भुगतान में फर्जीवाड़ा नहीं हो सकेगा और मजदूरों को मनरेगा में काम मिलेगा।
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