भागलपुर में सिविल सर्जन कोठी परिसर स्थित हजरत मेंहदी शाह रहमतुल्लाह अलैह और हजरत अनजान शाह रहमतुल्लाह अलैह के मजार शरीफ का मुख्य गेट पिछले दो महीनों से बंद है। 16 अगस्त से मजार के प्रवेश द्वार पर ताला लगा हुआ है। मजार कमेटी ने आरोप लगाया है कि जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को कई बार आवेदन देने के बाद भी गेट नहीं खोला गया है। कमेटी के सदस्यों ने बताया कि उन्होंने जिला पदाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी और सीएमओ कार्यालय तक दर्जनों आवेदन दिए हैं। हालांकि, इन आवेदनों पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। कमेटी ने 14 अक्टूबर को मुख्यमंत्री के नाम भी एक सार्वजनिक याचिका भेजी, जिसमें तत्कालीन सिविल सर्जन अशोक प्रसाद द्वारा गेट बंद कराने का उल्लेख किया गया है। 6 सितंबर को उर्स के मौके पर एक दिन के लिए गेट खोला था कमेटी से जुड़े आलोक कुमार ने जानकारी दी कि 6 सितंबर को सालाना उर्स के अवसर पर गेट केवल एक दिन के लिए खोला गया था। इसके अगले ही दिन गेट पर फिर से ताला लगा दिया गया। उन्होंने कहा कि बिना किसी स्पष्ट कारण या पूर्व सूचना के गेट बंद करना जायरीनों के लिए परेशानी का कारण बन रहा है। आलोक कुमार ने यह भी बताया कि यह मजार केवल मुस्लिम समुदाय के लिए ही नहीं, बल्कि हिंदू समुदाय के लिए भी आस्था का केंद्र रहा है। उनके परिवार द्वारा कई दशकों से यहां चादरपोशी की परंपरा निभाई जाती रही है। मुख्य गेट बंद होने से धार्मिक गतिविधियां प्रभावित हो रही हैं और श्रद्धालुओं को मजार तक पहुंचने में कठिनाई हो रही है। इस मामले पर सिविल सर्जन डॉ. अशोक प्रसाद से संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन उनसे बातचीत नहीं हो सकी। स्थानीय लोगों और मजार कमेटी ने प्रशासन से जल्द से जल्द गेट खुलवाने की मांग की है, ताकि श्रद्धालु नियमित रूप से मजार पर आ सकें और धार्मिक गतिविधियां सामान्य रूप से संचालित हो सकें।
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