राजद विधायक भाई वीरेंद्र के खिलाफ पटना पुलिस की ओर से सिविल कोर्ट में 50 पन्ने की चार्जशीट दाखिल की गई है। भाई वीरेंद्र और पंचायत सचिव संदीप कुमार के बीच हुई बातचीत और धमकी की पूरी रिकॉर्डिंग और ब्योरा है। पुलिस ने अपनी जांच में भाई वीरेंद्र के ऊपर लगाए गए आरोप सही पाए हैं। हालांकि इस मामले में फिलहाल भाई वीरेंद्र बॉन्ड पर बाहर हैं। SC/ST थाने की ओर से उन्हें नोटिस भेजा गया था। इसके बाद वो थाने पर आए। बंध पत्र भरा। उसके बाद रिलीज किया गया था। भाई वीरेंद्र पर जो धाराएं लगी हैं, उसके तहत वह 7 साल जेल भी जा सकते हैं। जांच में सहयोग नहीं इस केस को महिला पदाधिकारी जांच कर रही थीं। उन्होंने इस बात का जिक्र किया है कि जो सहयोग पुलिस को करना चाहिए, वो राजद MLA ने नहीं किया। साक्ष्य के तौर पर पुलिस की ओर पंचायत सचिव के रिकॉर्ड बयान, बातचीत के ऑडियो और गवाह पेश किए गए हैं। पंचायत सचिव संदीप ने पुलिस के बयान में फिर वहीं, बात दोहराई है, जो 28 जुलाई को बोला था। उन्होंने कहा है कि राजद विधायक की ओर से फोन कर के धमकाया गया और अपशब्द, जाति सूचक शब्दों का इस्तेमाल किया गया। दैनिक भास्कर को विधायक और पंचायत सचिव के बीच हुई बातचीत का ऑडियो मिला था। इस ऑडियो के सवाल-जवाब जानिए विधायक- मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने के लिए सचिव को फोन किया सचिव- बोलिए विधायक- कौन बोल रहा है रे सचिव- किस से बात करना है विधायक- तुम भाई वीरेंद्र को नहीं पहचानता है और तुम बोलेगा कि बोलिए सचिव- आप अपना परिचय दीजिएगा तब तो पहचानेंगे विधायक- भाई वीरेंद्र को भी परिचय देना पड़ता है? भाई वीरेंद्र मेरा नाम है। तुम नहीं जानता है कि भाई वीरेंद्र तुम्हारा कौन है? भाई वीरेंद्र मनेर का कौन है, तुम नहीं जानता है? सचिव- जानकारी रहता तो ऐसे थोड़े ना बात करते विधायक- पूरा हिंदुस्तान जानता है हमको और तुम नहीं जानता। इंग्लैंड से हो का तुम, टेढ़िया है तू, मनेर का विधायक को नहीं जानता है तुम। सचिव- जी विधायक जी बोलिए विधायक- विधायक जी बोलिए? जूता से मारेंगे तुमको खींच कर, तुम रिकॉर्ड करो चाहे, कुछ करो। तुम प्रोटोकॉल का ख्याल नहीं रखेगा रे। पूरा हिंदुस्तान जानता है हमको और तुम कह रहा है कि भाई वीरेंद्र कौन है, नहीं जानते हैं। सचिव- बोलिए क्या बात है, हां हमको प्रणाम करना चाहिए था, प्रणाम विधायक जी! बोलिए। विधायक- रिंकी देवी के पति अविनाश कुमार का मृत्यु प्रमाण पत्र बनाना है, उसको बनवाए। कब का आवेदन गया है। टेढ़ई से काम मत करो। कर्मचारी हो, कर्मचारी की तरह काम करो। सचिव- आप प्रेम से बात कीजिएगा तो हम प्रेम से बात करेंगे। आपको जो करना है करिए, आपसे डर नहीं है हमको। सीधा बात कीजिएगा तो सीधा बात करेंगे। टेढ़ा बात कीजिएगा तो टेढ़ा बात करेंगे। आपसे डरने वाला नहीं है यहां कोई। विधायक- तुम इस तरह का भाषा बोलेगा हमको। सचिव- आपको भी तो प्रेम से बात करना चाहिए, आप जनप्रतिनिधि हैं तो प्रेम से अपना काम का बात करना चाहिए। विधायक- तुम हमको पहचाने कैसे नहीं, तुम ऐसा कैसे बोल सकता है कि कौन भाई वीरेंद्र? तू नहीं जानता है विधायक जी का नाम? सचिव- हम नहीं जानते थे कि यहां का विधायक कौन है? विधायक- तुमको नौकरी करने का भी अधिकार नहीं है, जब तुम अपने क्षेत्र के विधायक को नहीं जानते हो सचिव- जाकर लिखित दे दीजिए और ट्रांसफर करवा दीजिए मेरा विधायक- ट्रांसफर ही नहीं अब दूसरा बात हो जाएगा। ट्रांसफर तो बहुत छोटी चीज है। कहां का है तू? सचिव- इस तरह का धमकी मत दीजिए, आप काम का बात कीजिए हमसे। आपका काम प्रोसेस में गया हुआ है। जब काम होगा तो पता चल जाएगा।
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