पटियाला हाउस कोर्ट स्थित विशेष एनआईए अदालत ने सोमवार को दिल्ली विस्फोट के आरोपियों पुलवामा (जम्मू-कश्मीर) निवासी डॉ. मुजम्मिल शकील गनई, अनंतनाग (जम्मू-कश्मीर) निवासी डॉ. अदील अहमद राथर, लखनऊ (उत्तर प्रदेश) निवासी डॉ. शाहीन सईद और शोपियां (जम्मू-कश्मीर) निवासी मुफ्ती इरफान अहमद वागे की राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (एनआईए) की हिरासत चार दिनों के लिए बढ़ा दी। 10 दिनों की एनआईए हिरासत की अवधि समाप्त होने के बाद उन्हें अदालत में पेश किया गया। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश (विशेष एनआईए न्यायाधीश) अंजू बजाज चंदना ने बंद कमरे में हुई सुनवाई में आरोपियों की एनआईए हिरासत चार दिनों के लिए बढ़ा दी।
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एनआईए ने दिल्ली विस्फोट मामले की जांच और मामले में उनकी भूमिका का पता लगाने के लिए आरोपियों की पांच दिनों की और रिमांड मांगी थी। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा था कि उसने राष्ट्रीय राजधानी में लाल किले के बाहर 10 नवंबर को हुए विस्फोट में शामिल चार और प्रमुख आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इस विस्फोट में 15 लोगों की जान चली गई थी और कई अन्य घायल हो गए थे। एजेंसी ने कहा था कि चारों आरोपियों को पटियाला हाउस कोर्ट के जिला सत्र न्यायाधीश के पेशी आदेश पर जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में एनआईए ने हिरासत में लिया था। एनआईए ने यह भी कहा था कि उसने पहले दो अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया था – आमिर राशिद अली, जिसके नाम पर विस्फोट में इस्तेमाल की गई कार पंजीकृत थी, और जसीर बिलाल वानी उर्फ दानिश, जिसने घातक हमले में शामिल आतंकवादी को तकनीकी सहायता प्रदान की थी।
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मामले में पूरी आतंकी साजिश का पर्दाफाश करने के एनआईए के प्रयासों के तहत उनसे पूछताछ जारी है। आतंकवाद-रोधी एजेंसी, जिसे हमले के तुरंत बाद भारत सरकार के केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जांच सौंपी गई थी, नरसंहार में शामिल आतंकवादी मॉड्यूल के प्रत्येक सदस्य का पता लगाने और उसे गिरफ्तार करने के लिए विभिन्न राज्य पुलिस बलों के साथ मिलकर काम कर रही है।
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