DniNews.Live

Fast. Fresh. Sharp. Relevant News

ब्रह्मोस के पूर्व इंजीनियर निशांत अग्रवाल बरी:पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के लिए जासूसी का आरोप था; एक साल पहले उम्रकैद की सजा हुई थी

बॉम्बे हाईकोर्ट ने ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड के पूर्व सीनियर सिस्टम इंजीनियर निशांत अग्रवाल को बरी कर दिया है। इनपर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के लिए जासूसी करने का आरोप था। अक्टूबर 2018 में निशांत को गिरफ्तार किया गया था। फिर बाद में 3 जून 2024 को नागपुर डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने उम्रकैद (14 साल) की सजा सुनाई थी। जांच एजेंसियों की शुरुआती जांच में सामने आया था कि निशांत कोड गेम्स के जरिए ब्रह्मोस मिसाइल से जुड़ी जानकारी ISI को भेजा करता था। निशांत नागपुर में मिसाइल सेंटर में इंजीनियर था निशांत ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड के नागपुर स्थित मिसाइल सेंटर के टेक्निकल रिसर्च सेंटर में काम करता था। यहां उसने चार साल काम किया। ब्रह्मोस एयरोस्पेस, रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) और रूस के आर्मी इंडस्ट्रियल कंसोर्टियम (NPO मशीनोस्ट्रोयेनिया) के बीच एक जॉइंट वेंचर है। निशांत ने कुरुक्षेत्र NIT से पढ़ाई की थी। वो गोल्ड मेडलिस्ट था। अग्रवाल फेसबुक पर नेहा शर्मा और पूजा रंजन अकाउंट्स से चैट करता था मिलिट्री इटेलिजेंस और यूपी-महाराष्ट्र की एटीएस ने जॉइंट ऑपरेशन में निशांत को गिरफ्तार किया था। जांच में सामने आया था कि वह फेसबुक पर नेहा शर्मा और पूजा रंजन नाम के दो अकाउंट्स से चैट किया करता था। दोनों अकाउंट्स को पाकिस्तानी खुफिया एजेंट हैंडल कर रहे थे। निशांत के अलावा एक और इंजीनियर पर सेना नजर रख रही थी। इसके बाद निशांत को गिरफ्तार किया गया था। कैसे नाम पड़ा ब्रह्मोस? ब्रह्मोस को भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) और रूस के फेडरल स्टेट यूनिटरी इंटरप्राइज NPOM के बीच साझा समझौते के तहत विकसित किया गया है। ब्रह्मोस एक मध्यम श्रेणी की स्टील्थ रैमजेट सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है। इस मिसाइल को जहाज, पनडुब्बी, एयरक्राफ्ट या फिर धरती से लॉन्च किया जा सकता है। रक्षा विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, ब्रह्मोस का नाम भगवान ब्रह्मा के ताकतवर शस्त्र ब्रह्मास्त्र के नाम पर दिया गया। हालांकि कुछ रिपोर्ट्स में ये भी दावा किया गया है कि इस मिसाइल का नाम दो नदियों भारत की ब्रह्मपुत्र और रूस की मोस्कवा नदी के नाम पर रखा गया है। ऐसा माना जाता है कि ये एंटी-शिप क्रूज मिसाइल के रूप में दुनिया में सबसे तेज है। ब्रह्मोस पर एक नजर


https://ift.tt/tR3Dqi1

🔗 Source:

Visit Original Article

📰 Curated by:

DNI News Live

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *