बेतिया नगर निगम ने ऐतिहासिक किशुनबाग मंदिर के संरक्षण और सौंदर्यीकरण की पहल की है। महापौर गरिमा देवी सिकारिया ने बताया कि पुराने मंदिरों को अब इसके मूल स्वरूप को सुरक्षित रखते हुए भव्य निर्माण किया जाएगा। इस योजना के तहत निगम प्रशासन ने चहारदीवारी निर्माण और परिसर के सौंदर्यीकरण के लिए निविदा जारी की है। मां कालीधाम कॉरिडोर का होगा विस्तार महापौर सिकारिया ने कहा कि बेतिया राजकाल की ये ऐतिहासिक धरोहरों की पहचान हैं। इन्हें उपेक्षा से बाहर निकालना उनकी प्राथमिकता रही है। उन्होंने बताया कि प्रस्तावित मां कालीधाम कॉरिडोर के विस्तार में किशुनबाग मंदिर परिसर का विशेष महत्व है। इसी कारण मंदिर क्षेत्र की चहारदीवारी को मजबूत और आकर्षक बनाया जाएगा, और पूरे परिसर को सुव्यवस्थित व सौंदर्यपूर्ण रूप दिया जाएगा। मंदिर के मूल स्वरूप से नहीं होगा छेड़छाड़ नगर निगम बोर्ड की बैठक में इस योजना को विस्तृत रूप से प्रस्तुत किया गया था। इसमें मंदिर के मूल स्वरूप को बनाए रखते हुए विकास कार्य करने पर सहमति बनी। इन कार्यों में मंदिर परिसर की जमीन का समतलीकरण, बेहतर मार्ग व्यवस्था, स्वच्छता प्रबंधन, हरियाली बढ़ाना और मंदिर के फर्श पर उच्च गुणवत्ता वाले टाइल्स लगाना शामिल है। महापौर का उद्देश्य मंदिर की ऐतिहासिक पवित्रता को बनाए रखते हुए उसे आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित करना है। निविदा की प्रक्रिया के बाद ठेकेदार होगा चयन-महापौर महापौर ने जानकारी दी कि निविदा प्रक्रिया पूरी होने के बाद निर्धारित समय सीमा में ठेकेदार का चयन किया जाएगा। इसके उपरांत कार्य को नियमानुसार समयबद्ध तरीके से पूरा कराया जाएगा। महापौर सिकारिया ने विश्वास व्यक्त किया कि इस योजना के पूर्ण होने पर किशुनबाग मंदिर अपने गौरवशाली स्वरूप में लौटेगा और श्रद्धालुओं व पर्यटकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण का केंद्र बनेगा।
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