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बिहार में 150 जगह बुलडोजर एक्शन-पीड़ितों का दर्द:बोले- यहां पंजाब से भी खराब हालात, गरीबों की दुकानें तोड़ी जा रही; माफिया पर एक्शन नहीं

‘अपराधी तो गरीब आदमी है, दुकानदार है, जो रोड पर कमा रहा है। बुलडोजर सच में अपराधियों पर चलता तो अच्छा होता, लेकिन चल गरीबों पर रहा है। कितने बाहुबली के घर पर बुलडोजर चला है बताइए न?’ पटना के बोरिंग रोड चौराहे पर चाट की दुकान चलाने वाले जितेंद्र कुमार इतना कहकर चुप हो जाते हैं। चारों ओर नजर दौड़ाते हैं। फिर कहते हैं, ‘हर वक्त डर लगा रहता है कि कोई दुकान तोड़ने तो नहीं आ रहा।’ यह हालत सिर्फ जितेंद्र की नहीं। बिहार के हजारों स्ट्रीट वेंडर्स की है। अतिक्रमण हटाओ अभियान के दौरान उनकी दुकानों पर बुलडोजर चल रहे हैं। 10 दिन में 9 जिलों में 150 जगह बुलडोजर चले हैं। सरकार के बुलडोजर एक्शन के बीच हम पटना के बोरिंग रोड चौराहा पहुंचे। यहां भी लगातार कार्रवाई होती रहती है। हमने जाना कि दुकानदार क्यों सड़क छोड़ने को तैयार नहीं? वेंडिंग जोन जाने में क्या परेशानी है? पढ़ें ग्राउंड रिपोर्ट पहले जानिए, बोरिंग रोड का हाल, अतिक्रमण हटाने के चंद घंटे बाद फिर वही हालत 2 दिसंबर की शाम बोरिंग रोड चौराहे पर बुलडोजर और मिनी ट्रक लेकर नगर निगम के कर्मी और पुलिस वाले पहुंचे। इन्हें देखते ही अफरा-तफरी मच गई। चाट, चाय, तंदूरी नान, चाउमीन जैसी चीजों का स्टॉल लगाने वाले अपने-अपने ठेले लेकर इधर-उधर भागने लगे। जो भाग नहीं पाए, उनके स्टॉल नगर निगम के लोग ट्रक में भरकर ले गए। फाइन लगाया। नगर निगम के कर्मियों के वापस जाते ही महज आधे घंटे में फिर से ठेले लेकर दुकानदार पहुंच गए। यह एक दिन की बात नहीं। जब भी पटना में अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलता है। यहां यही स्थिति नजर आती है। नगर निगम के कर्मी आते हैं, फाइन लगाते हैं। फिर दुकानदार वहीं दुकान सजा देते हैं। इसकी वजह है कि कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई है। पटना में तो पंजाब से भी खराब हालत, कहां जाएं? गुरुवार सुबह करीब 10 बजे हम बोरिंग रोड चौराहा पहुंचे। देखा, सड़क किनारे पहले की तरह दुकानें लगी हैं। लोग उनसे खाने-पीने के सामान खरीद रहे हैं। हमारी मुलाकात वंश लाल गुप्ता से होती है। वंश लाल सीतामढ़ी के हैं। बोरिंग रोड चौराहे पर तंदूरी-नान की दुकान लगाते हैं। वंश लाल ने कहा, ‘1994 में पंजाब के लुधियाना में तंदूरी-नान बेचता था। जो परेशानी पंजाब में झेली वही बिहार में भी हो रही है। वहां बिहारी के नाम पर परेशान किया जाता था। 1997 में बिहार आ गया। यहां ठेला लगाना शुरू किया। अब यहां भी परेशान किया जा रहा है। हालत पंजाब से भी खराब हैं। 28 साल में 20 लाख रुपए फाइन दिया यहां किस तरह की परेशानी है? सवाल पर वंश लाल बोले, ‘सुबह घर से सब्जी बनाकर लाता हूं। कभी दुकान के सामने बड़ी गाड़ी वाला अपनी गाड़ी लगा देता है तो कभी अतिक्रमण के नाम पर हमें भगा दिया जाता है। दुकान तोड़ दी जाती है।’ उन्होंने कहा, ‘1997 से लेकर अभी तक करीब 20 लाख रुपए फाइन भर चुका हूं। नगर निगम वाले आते हैं तो हमलोग गली में भागते हैं। वहां भी प्रशासन हमारा पीछा कर फाइन कर देती है। सरकार गरीबी खत्म नहीं कर रही या गरीबों को खत्म कर रही है।’ जानता हूं नगर निगम की जमीन पर ठेला लगा है, कहां जाऊं? आप लोग पार्किंग एरिया में अतिक्रमण कर ठेला लगाते हैं। यह सुनकर वंश लाल ने कहा, ‘दिनभर में 400-500 रुपए ही बचा पाता हूं। मानता हूं कि नगर निगम की जमीन में ठेला लगाया है, लेकिन कहां जाऊं। जो कॉमर्शियल भाड़ा होगा सरकार हमसे वसूले, हम देने को तैयार हैं, लेकिन सही सलामत रहने दिया जाए।’ उन्होंने कहा, ‘सरकार को अगर जमीन की जरूरत है, पार्किंग के लिए जगह चाहिए तो हमलोग जगह छोड़ने के लिए तैयार हैं, लेकिन हमारे लिए सरकार कम से कम एक वेंडिंग जोन बना दे। सरकार हमारे लिए बिना व्यवस्था किए हमें भगाने पर तुली है।’ मरीन ड्राइव पर दुकान के लिए लग रही 5 लाख तक की बोली पहले से बने वेंडिंग जोन में क्यों नहीं जाते? इस सवाल पर वंश लाल ने कहा, ‘जहां वेंडिंग जोन है भी वहां हमें जगह नहीं मिल रही। बड़े-बड़े लोगों का कब्जा है। पटना के मरीन ड्राइव पर दुकानें मिल रही हैं, लेकिन किराया इतना ज्यादा है कि हम चुका नहीं सकते। 3-5 लाख रुपए तक बोली लग रही है। मैं गरीब हूं। मेरे लिए 50 हजार जुटाना भी मुश्किल है। इतनी महंगी जगह कैसे लूं? बड़े-बड़े लोग जगह ले रहे हैं और उसे महंगे दाम पर भाड़े पर दे रहे हैं।’ सरकार हम गरीबों पर चला रही बुलडोजर वंश लाल ने कहा, ‘मेरे परिवार में बच्चे और माता-पिता को लेकर 7 लोग हैं। परिवार चलाने की जिम्मेदारी मुझ पर है। महीने में 20 दिन अतिक्रमण हटाने के दौरान दुकान लेकर इधर-उधर भागता रहता हूं। इधर एक सप्ताह से 2 घंटा भी ढंग से दुकान नहीं चली। हर वक्त डर लगा रहता है कि पता नहीं कब दुकान तोड़ दी जाए।’ सरकार ने स्ट्रीट वेंडर का लाइसेंस दिया, दुकान लगाने की जगह नहीं दी बोरिंग रोड चौराहे पर ही हमें पान की दुकान चला रहे नालंदा जिले के संजय कुमार मिले। उन्होंने कहा, ‘हम अपनी दुकान सड़क के सफेद पट्टी के अंदर लगाते हैं। इसके बाद भी अतिक्रमण के नाम पर हमें हटाया जाता है। हम भागते हैं तो गली के अंदर पीछा कर 5-7 हजार रुपए का फाइन काट दिया जाता है।’ संजय ने कहा, ‘हाल के 10 दिन में 8-10 हजार रुपए का जुर्माना दिया है। सरकार ने हमें स्ट्रीट वेंडर का लाइसेंस तो दिया, लेकिन दुकान लगाने के लिए जगह नहीं दी। यह दुकान मेरे पिताजी ने खोली थी। 30 साल से मैं चला रहा हूं। 50 साल का हूं। इस उम्र में दूसरा कौन सा काम करूं? यहां दुकान लगाकर रोज के 500-700 रुपए कमाता हूं।’ उन्होंने कहा, ‘मरीन ड्राइव पर 3 से 5 लाख रुपए में दुकान दी जा रही है। अगर इतने पैसे होते तो अपनी दुकान नहीं खोल लेता। फुटपाथ पर क्यों पड़ा रहता? सरकार अपराधियों की जगह हम गरीबों पर बुलडोजर चला रही है।’ यही हाल रहा तो मांगना पड़ेगा भीख हमने बोरिंग रोड चौराहे पर चाट कि दुकान चला रहे बिहारशरीफ के जितेंद्र कुमार से बात की। उन्होंने कहा, ‘2003 से यहां दुकान लगा रहा हूं। पहले भी अतिक्रमण के नाम पर हमारी दुकान हटाई जाती थी, लेकिन हाल के दिनों में सबसे ज्यादा परेशान किया जा रहा है।’ जितेंद्र कुमार ने कहा, ‘हमलोग पार्किंग एरिया में जबरदस्ती दुकान नहीं लगाते, सवाल पेट भरने का है। चुनाव के पहले सरकार ने कई वादे किए। अब चुनाव खत्म होते ही हमें उजाड़ा जा रहा है। बोरिंग रोड में ही हरिलाल के पास अस्थाई जगह दी गई थी, लेकिन जगह इतनी कम है कि सभी की दुकानें नहीं लग सकतीं। कुछ लोग गए, बाकी लोग यहीं रह गए।’ उन्होंने कहा, ‘बोरिंग रोड में वेंडिंग जोन नहीं बनाया गया है। सरकार ने हमें कहीं जगह नहीं दी। प्रशासन के लोग आते हैं, फाइन काट देते हैं। हमारा समान भी खराब हो जाता है। मेरे परिवार में 7 लोग हैं। उन सभी का खर्च इसी दुकान से चलता है। सरकार जो कर रही है, ऐसे में हम लोग सड़क पर आ जाएंगे। भीख मांगने पर मजबूर हो जाएंगे।’ मरीन ड्राइव पर नहीं मिल रही दुकानबोरिंग रोड चौराहे पर हमें कामेश्वर साहू चाय बेचते दिखे। बक्सर के रहने वाले हैं। अतिक्रमण को लेकर पूछने पर बोले, ‘30 साल से यहां चाय बेच रहा हूं। अतिक्रमण हटाने के नाम पर हमारी दुकानें तोड़ दी जाती हैं। फाइन लगाया जाता है। गरीब हूं, रोज कमाता हूं तो खाता हूं। एक दिन दुकान नहीं चले तो घर में खाना नहीं बनेगा।’ आप पार्किंग एरिया में दुकान लगा रहे हैं? सवाल सुनकर कामेश्वर बोले, ‘सरकार यहां ऐसी व्यवस्था करे कि पार्किंग भी हो जाए और हमारी दुकान भी चलती रहे। मरीन ड्राइव पर जगह देने की बात कही गई, लेकिन दबंग टाइप के लोगों ने पहले ही कब्जा कर लिया।’ उन्होंने कहा, ‘वहां हमें दुकान नहीं मिल रही। कागज जमा करने जाते हैं तो एक ऑफिस से दूसरे ऑफिस दौड़ाया जाता है। नगर निगम जाते हैं तो कहा जाता है कि स्मार्ट सिटी वाले के पास जाओ। वहां जाने पर नगर निगम भेजा जाता है। जो पहुंच वाले या दबंग टाइप के लोग हैं उन्हें दुकानें मिली हैं।’ कोर्ट के कहने पर हटा रहे अतिक्रमण, मेरा नाम बुलडोजर नहीं: सम्राट चौधरी उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने गुरुवार को बिहार विधानसभा में अतिक्रमण विरोधी अभियान पर सरकार का पक्ष रखा। उन्होंने कहा, ‘यहां कोई बुलडोजर मामला नहीं है। ना मेरा नाम बुलडोजर है। मैं सिर्फ सम्राट चौधरी के नाम से जाना जाता हूं। बिहार में कोर्ट ने तय किया है, न्यायालय ने ये पूरी व्यवस्था खड़ी की है। जिला प्रशासन को निर्देश दिए। सभी जगह अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई चल रही है।’ सम्राट चौधरी ने माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई पर कहा, ‘माफिया पर तो कार्रवाई होगी ही। चाहे वो जमीन माफिया हो, बालू माफिया हो या शराब माफिया हो। नीतीश कुमार के नेतृत्व में कोई बचेगा नहीं, इतना जरूर गारंटी देना चाहता हूं।’


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