बिहार में नई सरकार के गठन के छह दिन बाद सभी मंत्रियों को विभागों का बंटवारा कर दिया गया है। सबसे बड़ा फेरबदल गृह विभाग को लेकर किया गया है। 20 साल में पहली बार नीतीश कुमार ने गृह विभाग अपने सहयोगियों के लिए छोड़ दिया है। अब CM की जगह डिप्टी CM सम्राट चौधरी गृह विभाग मंत्री होंगे। विभागों के इस बंटवारे को देखें तो मैसेज साफ है कि कद के हिसाब से सम्राट चौधरी सबसे पावरफुल मंत्री होंगे। जबकि CM नीतीश कुमार के पास अब सामान्य प्रशासन, मंत्रिमंडल, निगरानी और निर्वाचन विभाग बच गया है। दूसरे डिप्टी CM विजय सिन्हा की बात करें तो उन्हें भूमि, राजस्व, खान और भू तत्व विभाग की जिम्मेदारी दी गई है। पैसे और पावर की लिहाज से देखें तो पावर BJP के पास आ गया है, पैसे वाले विभाग अभी भी JDU के पास ही हैं। नीतीश कुमार की नई सरकार में किन पार्टियों के पास कितने का बजट है… पैसे के लिहाज से टॉप-5 मंत्री.. किनके जिम्मे होगी नौकरी और रोजगार की जिम्मेदारी.. छोटी पार्टियों कितने का बजट और क्या जिम्मेदारी मिली.. पढ़िए एक्सक्लूसिव रिपोर्ट में सहयोगियों के लिए BJP ने अपने 3 विभाग छोड़े बिहार के बजट 2025-26 के मुताबिक, पैसे के लिहाज से टॉप-5 विभागों की बात करें तो इसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, गृह, नगर विकास और ग्रामीण विकास विभाग हैं। इनमें शिक्षा, ग्रामीण कार्य और ग्रामीण विकास विभाग जदयू के पास है, जबकि नगर विकास, स्वास्थ्य और गृह विभाग BJP के पास हैं। गृह विभाग के अलावा BJP ने अपने कोटे के तीन विभाग पंचायती राज, PHed. और गन्ना उद्योग विभाग अपने सहयोगी LJP(R) को दिया है। इसके बाद बाकी सभी मौजूदा NDA सरकार की तरह ही है। अब BJP और JDU के पास बराबर-बराबर 20–20 विभाग बचे हैं। पहले और अब में क्या अंतर है NDA की पिछली सरकार में BJP, JDU और HAM थी। इस बार के NDA में चिराग पासवान की LJP(R) और उपेंद्र कुशवाहा की RLM भी शामिल है। विभागों के बंटवारे में BJP ने अपने हिस्से के तीन विभाग अपने सहयोगियों को दे दी है। इसमें पैसे के लिहाज से बड़ा पंचायती राज विभाग भी BJP ने उपेंद्र कुशवाह के RLM के लिए छोड़ दिया है। जबकि Phed जैसे अहम विभाग चिराग पासवान की पार्टी को दिया गया है। इसके अलावा लोजपा (आर) के खाते में आई गन्ना उद्योग विभाग भी पिछली सरकार में BJP के पास ही था। JDU के हिस्से में समाज कल्याण के सभी जरूरी विभाग इस बार मंत्रिमंडल के बंटवारे में पावर-पैसा और समाज कल्याण के अधिकतर विभाग नीतीश कुमार ने अपने पास ही रखा है। भाजपा के पास बड़े विभाग के रूप में केवल स्वास्थ्य और पंचायती राज विभाग दिए गए हैं, जबकि पैसा के आधार पर सबसे ज्यादा बजट वाला विभाग शिक्षा, गृह, ऊर्जा, ग्रामीण कार्य और ग्रामीण विकास विभाग जदयू ने अपने पास रखे हैं। अब BJP नहीं, JDU के नेता पेश करेंगे बिहार का बजट 2005 के बाद जब-जब NDA की सरकार बिहार में आई, वित्त विभाग BJP के पास ही रहा। यानी बिहार का बजट तैयार करने की जिम्मेदारी BJP के हिस्से रही। 2005 के बाद से सबसे ज्यादा 11 बार सुशील मोदी ने बिहार का बजट पेश किया है। इसके बाद दो बार BJP के नेता तारकिशोर प्रसाद ने बिहार का बजट पेश किया। जबकि दो बार सम्राट चौधरी बजट पेश कर चुके हैं। 2005 से 2024 तक वित्त विभाग की जिम्मेदारी या तो बीजेपी के पास रही या जदयू के पास। बीच में दो साल 2015-17 के लिए वित्त विभाग की जिम्मेदारी RJD के पास रही। एडमिनिस्ट्रेशन और गांव JDU, शहर और सड़क की जिम्मेदारी BJP को क्राइम कंट्रोल की जिम्मेदारी भले नीतीश कुमार ने BJP हाथ में सौंप दिया हो, लेकिन एडिमिनिस्ट्रेशन की कमान उन्होंने अपने पास ही रखा है। सामान्य प्रशासन, निगरानी और मंत्रिमंडल सचिवालय अब भी सीएम नीतीश कुमार के पास ही है। योजना और संसदीय कार्य की जिम्मेदारी भी JDU के नेता ही संभालेंगे। इस सेक्शन में गृह के अलावा विधि और आपदा प्रबंधन की जिम्मेदारी BJP को दी गई है। वहीं, अगर इन्फ्रास्ट्रक्चर की बात करें तो गांव के विकास की जिम्मेदारी JDU एक बार फिर से अपने पास रखी है। जबकि शहर के विकास का जिम्मा BJP अपने हाथों में लिया है। भवन निर्माण का काम एक बार फिर से BJP के पास ही है। नौकरी और रोजगार की जिम्मेदारी दोनों की बराबर-बराबर इस बार नीतीश सरकार ने युवाओं को एक करोड़ नौकरी और रोजगार देने का वादा किया है। ऐसे में नौकरी और रोजगार को सबसे अहम माना जा रहा है। बिहार में सरकारी नौकरी की बात करें तो मुख्य रूप से शिक्षा, स्वास्थ्य, गृह, ग्रामीण विकास, उद्योग और शहरी विकास में सबसे ज्यादा नौकरियां हैं। इनमें BJP और JDU दोनों की बराबर-बराबर की हिस्सेदारी होगी। नीतीश से 5.5 और विजय से 8 गुणा ज्यादा सम्राट का अगर मंत्रालय के बजट की बात करें तो CM डिप्टी CM में सबसे भारी सम्राट चौधरी हैं। सम्राट चौधरी के गृह विभाग का बजट 17,831.21 करोड़ है। जबकि नीतीश कुमार के 4 विभाग सामान्य प्रशासन, मंत्रिमंडल सचिवालय, निगरानी और निर्वाचन को मिलाकर 3041.63 करोड़ का बजट है। वहीं विजय सिन्हा के राजस्व व भूमि सुधार और खान व भूतत्व विभाग का बजट 2033.45 करोड़ है। BJP के मंगल तो JDU के सुनील के पास सबसे ज्यादा पैसा CM और डिप्टी CM के अलावा अगर बजट के लिहाज से टॉप-5 मंत्रियों की बात करें तो सबसे टॉप पर जदयू कोटे से शिक्षा विभाग के मंत्री सुनील कुमार हैं। इनके पास शिक्षा और विज्ञान प्रावैधिकी विभाग का जिम्मा है। इन दोनों का बजट 62,123.87 करोड़ है। बजट के लिहाज से दूसरे नंबर पर BJP के मंगल पांडेय हैं। इनके पास स्वास्थ्य और विधि विभाग है। दोनों का बजट 21,717.52 करोड़ है। तीसरे नंबर पर नितिन नवीन हैं। इनके पास पथ निर्माण और शहरी विकास का जिम्मा है। इसका बजट 18,788 करोड़ है। चौथे नंबर पर JDU के विजय चौधरी हैं। इनके पास जल संसाधन, संसदीय कार्य, सूचना जनसंपर्क और भवन निर्माण विभाग का जिम्मा है। इनका बजट 14,639 करोड़ है। जबकि पांचवें नंबर पर नीतीश के सबसे भरोसेमंद बिजेंद्र यादव हैं। इनके पास ऊर्ज, वित्त, योजना, वाणिज्य कर और मद्य निषेध विभाग है। इनका बजट 8603.32 करोड़ है। जदयू के पास कौन से 20 विभाग जनता दल (यूनाइटेड) को विभागों के बंटवारे में वित्त, सामान्य प्रशासन, मंत्रिमंडल सचिवालय, निगरानी, निर्वाचन, जल संसाधन, संसदीय कार्य, उर्जा, योजना एवं विकास, शिक्षा, ग्रामीण कार्य, ग्रामीण विकास, भवन निर्माण, खाद्य एवं उपभोक्ता, समाज कल्याण, विज्ञान प्रावैधिकी एवं तकनीकी शिक्षा, सूचना एवं जन संपर्क, परिवहन, अल्पसंख्यक कल्याण और मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग मिला है। इन सभी 20 विभागों का कुल बजट 1,38,919.16 करोड़ है। बीजेपी के पास कौन से 20 विभाग भारतीय जनता पार्टी को विभागों के बंटवारे में गृह विभाग के साथ वाणिज्य कर, पथ निर्माण, नगर विकास एवं आवास, कृषि, स्वास्थ्य, विधि, उद्योग, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन, पशु एवं मत्स्य संसाधन, राजस्व एवं भूमि सुधार, अनुसूचित जाति- जनजाति कल्याण, पिछड़ा-अति पिछड़ा वर्ग कल्याण, खेल, श्रम संसाधन, पर्यटन, आपदा प्रबंधन, सहकारिता, कला- संस्कृति एवं युवा और खान एवं भूतत्व विभाग मिला है। इन 20 विभागों का कुल बजट बजट – 81,518.69 है। LJP(R) के पास पुराने 2 विभाग LJP(R) को विभागों के बंटवारे में गन्ना उद्योग और लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग मिला है। इन दोनों विभागों का कुल बजट 2894.36 करोड़ रुपए है। HAM पार्टी और RLM को पास विभाग HAM पार्टी को विभागों के बंटवारे में लघु जल संसाधन विभाग मिला है, जिसका कुल बजट 1839 करोड़ रुपए है। इसके साथ ही, RLM के हिस्से में पंचायती राज जैसा बड़ा विभाग आया है, जिसका कुल बजट 11302.57 करोड़ है।
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