बिहार में पंचायत चुनाव के सभी पदों पर पहली बार ईवीएम से वोट कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। वोटर इस बार सभी पदों के लिए ईवीएम का बटन दबाकर अपना जनप्रतिनिधि चुनेंगे। राज्य निर्वाचन आयोग ने बिहार सरकार से ईवीएम खरीदे जाने की अनुमति मांगी है। राज्य सरकार की हरी झंडी मिलने के बाद राज्य निर्वाचन आयोग ईवीएम खरीदने की कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। पंचायत चुनाव में कितने ईवीएम लगेंगे? कितनी राशि खर्च होगी? यह चुनाव पिछली बार से कितना अलग यह होगा? राज्य निर्वाचन विभाग ने अब तक क्या-क्या तैयारियां शुरू की है? चुनाव कब कराए जाएंगे? जानिए दैनिक भास्कर की इस रिपोर्ट में… 1. पंचायत चुनाव में 32 हजार से ज्यादा ईवीएम लगेंगे पंचायत चुनाव ईवीएम से कराने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग लगभग 32 हजार से अधिक ईवीएम खरीदेगी। ईवीएम खरीदने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। इसे खरीदने के लिए राज्य सरकार से अनुमति मांगी गई है। राज्य निर्वाचन आयोग ने खरीदारी को लेकर पंचायती राज विभाग को पत्र लिखा है। पंचायती राज विभाग के हरी झंडी के साथ ही ईवीएम खरीदने की प्रक्रिया आगे बढ़ जाएगी। 2. कितनी राशि खर्च होगी? पंचायत चुनाव ईवीएम से कराने पर खर्च बढ़ना तय है। राज्य निर्वाचन आयोग पारदर्शिता और तेज परिणाम के लिए 200 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च करेगी। मौजूदा वक्त में राज्य निर्वाचन को 200 करोड़ रुपए खर्च करने की अनुमति दी गई है। बिहार मंत्रिपरिषद की ओर से राशि ट्रांसफर और खर्च करने की अनुमित दे दी गई है। 3. पिछली बार से कितना अलग चुनाव होगा
पंचायत चुनाव 2021 से यह चुनाव बिल्कुल अलग होगा। राज्य निर्वाचन आयोग से मिली जानकारी के मुताबिक, इस बार का चुनाव ज्यादा पारदर्शी होगा, क्योंकि इस चुनाव में तकनीक का इस्तेमाल होगा। रियल टाइम रिपोर्टिंग की व्यवस्था होगी। इसके साथ ही कम चरण में मतदान कराने की कोशिश होगी। 4. आरक्षण रोस्टर बदलेगा, नए सिरे से होगा परिसीमन इस चुनाव के दौरान एक बार फिर से पद का आरक्षण रोस्टर बदल जाएगा। नए रोस्टर से चुनाव कराए जाएंगे। आयोग ने नए सिरे से परिसीमन का निर्धारण शुरू कर दिया है। मौजूदा आरक्षित सीट को परिवर्तन किया जाएगा। उदाहरण के लिए यदि कोई सीट सामान्य होगा तो अब वह आरक्षण में बदल जाएगा। वहीं, कोई सीट ओबीसी आरक्षण है तो इस बार वह EVM या फिर एससी पद के लिए बदल जाएगा। 5. कौन से ईवीएम से चुनाव पंचायत चुनाव 2026 लेटेस्ट ईवीएम M3 से कराया जाएगा। मार्क-3 ईवीएम में 24 बैलेट यूनिट और 384 प्रत्याशियों की जानकारी रखी जा सकती है। लिहाजा इसे इस्तेमाल किया जायेगा। मतदान के दौरान 1 कंट्रोल यूनिट और छह पदों के लिए छह बैलेट यूनिट कनेक्ट होगा। 6. कहां से खरीदा जाएगा नया ईवीएम? राज्य निर्वाचन आयोग ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर बताया है कि ईवीएम ईसीआईएल से खरीदा जाएगा। बेंगलुरु स्थित इलेक्ट्रॉनिक कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ईसीआईएल) ने इस विशेष एम-3 ईवीएम को बनाया है। यह ईवीएम थर्ड जेनरेशन है। 7. VPAT नहीं, टोटलाइजर इस्तेमाल होगा राज्य निर्वाचन आयोग वीवीपैट को नहीं प्रयोग करेगा। मिली जानकारी के मुताबिक, आयोग पिछले चुनाव की तरह टोटलाइजर का प्रयोग होगा। टोटलाइजर वह यूनिट है जहां ईवीएम में डाले गए कुल वोट को दर्शाता है। 8. ईवीएम की कीमत कितनी? ईवीएम की कीमत 20 हजार रुपए तक है। देश में दो तरह के ईवीएम हैं। M2 ईवीएम और दूसरा M3 ईवीएम। M2 ईवीएम जो कि 2006 और 2010 के बीच बनाए गए हैं।इसकी कुल लागत कास्ट 8670 रुपए थी। वहीं लेटेस्ट M3 ईवीएम होती है। इसकी लागत लगभग 20 हजार रुपए प्रति यूनिट है। त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव में कुल छह पद पंचायत चुनाव में कुल छह पदों के लिए मतदान कराया जाएगा। मुखिया से लेकर ग्राम कचहरी पद के लिए अलग-अलग वोट डाले जाएंगे। मुखिया, पंचायत समिति सदस्य, जिला परिषद सदस्य, वार्ड सदस्य, सरपंच और पंच पद के लिए वोटर अलग-अलग बटन दबाएंगे। अब जानते है कि पिछला चुनाव कितने चरण में हुए…
पंचायत चुनाव 2021 को लेकर 24 अगस्त, 2021 को अधिसूचना की गई थी। कुल 11 चरण में मतदान कराए गए थे। पहले चरण का मतदान 24 सितंबर, 2021 को और अंतिम चरण का मतदान 12 दिसंबर, 2021 को किया गया था। 2021 का मतदान प्रक्रिया करीब ढाई महीने तक चली थी। पंचायत चुनाव में कब-कौन से चरण की हुई थी वोटिंग नए ईवीएम मशीनों की कीमत कितनी होगी? ईवीएम की कीमत 20 हजार रुपए तक है। देश में दो तरह के ईवीएम हैं। M2 ईवीएम और दूसरा M3 ईवीएम। M2 ईवीएम, जो कि 2006 और 2010 के बीच बनाए गए हैं। इसकी कुल लागत 8670 रुपए थी। वहीं, लेटेस्ट नया मॉडल M3 ईवीएम है। इसकी लागत लगभग 20 हजार रुपए प्रति यूनिट है।
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