लोहे की मजबूत प्लेट से बनी तलवार है। एक वार में सिर को धड़ से अलग कर देगी। यह बात बोली नहीं जाती है। आप तलवार देखकर इसके वार का अंदाजा लगा लीजिए। आप तो बस पैसा दीजिए, तलवारों की खेप ट्रक से आपके घर पहुंच जाएगी। पुलिस का कोई टेंशन नहीं है, अपना तो रोज का धंधा है। आप मॉडल फाइनल कीजिए, बाकी डीलिंग फोन पर हो जाएगी। सोनपुर मेले में तलवारों की पूरी सप्लाई चेन मेरी है। भास्कर के कैमरे पर एक लाख तलवार की डील करता ये डीलर जलेश्वर तिवारी है। इसका दावा है कि एक ऑर्डर पर कई ट्रक तलवारों की डिलीवरी कर सकता है। झारखंड से लेकर बिहार तक उसकी बड़ी सप्लाई चेन है। भास्कर की इन्वेस्टिगेशन टीम ने सोनपुर मेले में तलवार के 6 डीलर्स से डील की, जिसमें ऑन डिमांड बड़े पैमाने पर तलवारों की होम डिलीवरी का खुलासा हुआ। ऑपरेशन सोनपुर के दूसरे पार्ट में पढ़िए और देखिए जानलेवा तलवारों की खुलेआम बिक्री की कहानी..। दुकान पर मॉडल दिखाकर तलवार की डील भास्कर इन्वेस्टिगेशन टीम को सोनपुर पशु मेले में धारदार तलवारों की बिक्री का इनपुट मिला। बिहार में नई सरकार की कानून व्यवस्था को लेकर योगी मॉडल की चर्चा के बीच तलवारों की बिक्री चौंकाने वाली थी। ऐसे में हमारी इन्वेस्टिगेशन टीम गृहमंत्री सम्राट चौधरी के योगी मॉडल वाले दावों की पड़ताल करने सोनपुर मेले में तलवारों की डील करने पहुंची। चार दिनों की पड़ताल में भास्कर को कई इनपुट मिले। यहां प्रशासन का कोई खौफ नहीं दिखा, डीलर्स ने खुलेआम तलवारों की डील की और मॉडल दिखाकर होम डिलिवरी का दावा किया। सोनपुर मेले में तलवारों की तलाश में हमारी मुलाकात जालेश्वर तिवारी से हुई। मेले में वह दुकान लगाकर तलवारों की सप्लाई कर रहा है। जालेश्वर ने दावा किया कि वह मेले की सभी दुकानों पर तलवारों की सप्लाई करता है। झारखंड से लेकर बिहार तक उसका बड़ा नेटवर्क काम करता है। वह ट्रक भरकर तलवारों की होम डिलीवरी के लिए तैयार हो गया। भास्कर रिपोर्टर ने जालेश्वर से एक लाख तलवारों की डील की है। रिपोर्टर – अधिक संख्या में तलवार चाहिए। जलेश्वर – 2-4 दिन का समय दीजिए, मिल जाएगी। रिपोर्टर – हां-हां, ले लीजिए, कोई बात नहीं। जलेश्वर – 220 रुपए प्रति पीस लगेंगे। रिपोर्टर – कितने पीस मिल जाएगी? जलेश्वर – जितनी चाहिए उतनी मिल जाएगी, ट्रक भार कर चाहिए तो वो भी मिल जाएगा। रिपोर्टर – कहां दीजिएगा? जलेश्वर – जहां कहिएगा, वहां डिलीवरी कर देंगे। रिपोर्टर – कई शहरों में कार्यक्रम है, वहीं बांटना है। जलेश्वर – जिस शहर में जहां बोलिएगा, वहां भेज देंगे गाड़ी से। रिपोर्टर – लोहा कौन-सा होगा? जलेश्वर – बढ़िया रहेगा, ग्रिल का पटिया का बनता है। रिपोर्टर – बताया जाता है एक बार में सिर धड़ से अलग हो जाएगा। जलेश्वर – इतना बताने वाली बात नहीं है, लोहा देखकर समझ जाइए। रिपोर्टर – ऐसी ही चाहिए (फोटो दिखाते हुए) लोहे से बनी हुई है। जलेश्वर – हां यही मिलेगी, जहां कहिएगा, जितना कहिएगा मिल जाएगी। रिपोर्टर – तलवार के बारे में कुछ डिटेल बताइए ना? जलेश्वर – इतना समझाने का मौका नहीं है। रिपोर्टर – मार्केट में बोला जा रहा है, इस तलवार से सिर धड़ से अलग हो जाएगा। जलेश्वर – पट्टी की बनी होती है, काफी मजबूत होती है। इसके वार का अंदाजा देखने से लगाइए। रिपोर्टर – एडवांस क्या करना होगा? जलेश्वर – क्वांटिटी के आधार पर एडवांस करना होगा। फर्जी GST और आधार पर तलवार का खेल इन्वेस्टिगेशन में खुलासा हुआ कि पूरा माल फर्जी GST नंबर और फर्जी आधार कार्ड पर बिहार में भेजा जा रहा है। बातचीत के दौरान जलेश्वर तिवारी ने कहा ट्रक से माल चाहिए तो फर्जी GST नंबर या फिर फर्जी आधार कार्ड दे दीजिएगा। इन पेपर्स पर जितनी तलवार जिस शहर में कहिएगा डिलीवरी करा देंगे। रिपोर्टर – पटना, बेगूसराय, दरभंगा सहित सभी शहरों में 10 से 12 हजार पीस चाहिए। जलेश्वर – पटना में बोलिए, वहीं दे देंगे। 50 का बंडल आता है, एक का वजन 7 किलो होता है। रिपोर्टर – तब कैसे जाएगा, पुलिस का भी टेंशन है। जलेश्वर – वह मेरा टेंशन है, पिकअप में 3000 पीस आ जाएगा। रोज एक-एक पिकअप पहुंचा देंगे। रिपोर्टर – तब तो बहुत समय लग जाएगा। जलेश्वर – आप GST दीजिएगा तो एक ही दिन में ट्रक से पहुंचा देंगे। रिपोर्टर – हम पटना सिटी गए थे लेने, लेकिन बताया कि प्रतिबंधित है। जलेश्वर – हम दे देंगे GST का पेपर दीजिएगा, नहीं तो आधार दीजिएगा। रिपोर्टर – ‘तलवार’ लिखा हुआ रहेगा तो कोई डर तो नहीं होगा? जलेश्वर – नहीं, सब लिखा-पढ़ी में आता है, लेकिन GST में कोई और माल दिखाया जाएगा। रिपोर्टर – तलवार कहां से आएगी। जलेश्वर – माल तो झारखंड से आता है। रिपोर्टर – एक लाख तलवार के लिए कितना एडवांस देना होगा। जलेश्वर – कम से कम 5 लाख रुपए चाहिए, एडवांस दीजिए फिर डिलिवरी होगी। रिपोर्टर – अभी आज कितनी मिल जाएगी? जालेश्वर – दो से तीन हजार पीस आज दे देंगे। रिपोर्टर – कहां बनती है यह? जलेश्वर – कम से कम 10 कारखानों से संपर्क करना होगा, तब एक लाख मिल जाएगी। रिपोर्टर – शहर के हिसाब से एक लाख 20 हजार पीस हो रहा है, हो जाएगा ना? जालेश्वर – हां, हो जाएगा, आप एडवांस की व्यवस्था कीजिए। रिपोर्टर – कोई दिक्कत तो नहीं? जलेश्वर – कोई दिक्कत नहीं, यहां एक दिन में 20- 20 हजार तलवारें बिकती थीं। रिपोर्टर – सभी शहरों में पहुंच जाएगी ना? जालेश्वर – हां, कोई दिक्कत नहीं होगी, सभी शहरों में नेटवर्क है। मैं तलवार का ही सप्लायर रहा हूं। जलेश्वर तिवारी की दुकान पर पड़ताल के दौरान ही रिपोर्टर को संतोष का इनपुट मिला। संतोष भी बर्तन की दुकान लगाता है। संतोष की तलाश में हम मेले में मीना बाजार पहुंचे। संतोष ने बड़े पैमाने पर तलवारों की डील करते हुए दावा किया कि सुबह-सुबह पुलिस नहीं होती है। गाड़ी लेकर आइएगा तलवारों की खेप लोड करा देंगे। रिपोर्टर – तलवार चाहिए थी, अलग अलग शहरों में बांटने के लिए। संतोष – मिल जाएगी? गाड़ी आई है, लदवा देंगे। अगर आपको डर हो तो सुबह-सुबह लोड कीजिए। रिपोर्टर – यहां दिक्कत हो तो हमारे एड्रेस पर भेज दीजिए। संतोष – हम यहीं दे देंगे, सुबह आ जाइए गाड़ी में लोड करवाकर मेले से बाहर करा देंगे। रिपोर्टर – सुबह पुलिस की ड्यूटी नहीं रहती है क्या? संतोष – सुबह उतनी सख्ती नहीं होती है, निकलवा देंगे। रिपोर्टर – जहां बनती है, वहीं से दिलवा दीजिए। संतोष – बनता तो धनबाद में है, वहां आपको नहीं मिलेगा। रिपोर्टर – अभी कितनी तैयार है? संतोष – (फोटो दिखाते हुए) आप जितनी कहिएगा उतनी हो जाएगी। आपको कितनी चाहिए? रिपोर्टर – 1000 पीस से अधिक चाहिए, लेकिन सामान बढ़िया हो। संतोष – जो दिखाई है, वही मिलेगी। रिपोर्टर – लंबाई कितनी होगी? संतोष – (हाथ से दिखाते हुए) 3 फीट लंबी होगी। एक बोरे में 50 तलवार होती है। रिपोर्टर – आप कहां रहते हैं? संतोष – जनवरी तक मेला में रहेंगे, जितनी चाहिए मिल जाएगी। रिपोर्टर – अभी कितनी मिल जाएगी? संतोष – अभी तो 300 मिल जाएगी, लेकर जाइए, दोबारा फिर ले जाइएगा। रिपोर्टर – जो फोटो दिखाई है बस उसी तरह चाहिए। लंबाई कम नहीं होनी चाहिए। संतोष – कम नहीं होगा, जो दिखाई है, वही मिलेगी। सोनपुर मेले में संतोष की दुकान से थोड़ी ही दूर हम आगे बढ़े तो हमें एक बड़ी लोहे की दुकान दिखी। दुकानदार से जब तलवार की डिमांड की गई और बड़ी खेप की बात की गई तो उसने अपने बेटे प्रदीप तिवारी को बुलाया। प्रदीप ने तलवार को लेकर बड़ी डील की और बोला झारखंड से सेटिंग कराकर तलवारों की खान में पहुंचा देंगे। रिपोर्टर – आपके पिता जी से तलवार की बात हुई है। प्रदीप – देखिए हम लोग तलवार बेचते हैं, लेकिन यहां नहीं रखते। रिपोर्टर – यहां नहीं रखते हैं, तब कैसे मिलेगा। प्रदीप – झारखंड से डील करा देंगे। रिपोर्टर – देवघर नहीं, हमे तो बिहार में बांटना है। प्रदीप – कहां बटवाना है? कहां से हैं आप? कार्यक्रम कब है? रिपोर्टर – बेगूसराय, पटना और अलग-अलग जगह पर देना है। प्रदीप – मिल जाएगी, 4 जनवरी तक पटना में डिलीवरी दे देंगे। रिपोर्टर – कितनी पीस मिलेगी? प्रदीप – जितनी कहिएगा उतनी मिल जाएगी, जहां कहिएगा वहां दे देंगे। ढाई फीट की तलवार से गर्दन कट जाएगी डील के दौरान प्रदीप ने बताया कि झारखंड की तलवार काफी मजबूत होती है। इस पर अच्छे से धार दे दी जाए तो एक ही झटके में खेल खत्म कर देगी। तलवार के दुकानदार के इस बयान से समझा जा सकता है कि मेले में बिक रही तलवार कितनी खतरनाक है। रिपोर्टर – कितनी फीट वाली है? प्रदीप – ढाई फीट लंबी तलवार है। रिपोर्टर – बढ़िया वाली चाहिए। प्रदीप – हां, बढ़िया होती है, उसपर धार भी लगी रहती है। रिपोर्टर – समय पड़ने पर काम भी दे दे ऐसी चाहिए। प्रदीप – यह बहुत बढ़िया वाली है, धार लगवा दीजिएगा तो एक बार में पूरा खत्म। रिपोर्टर – मतलब एक बार मारे तो सिर धड़ से अलग हो जाएगा? प्रदीप – हां, हो जाएगा। रिपोर्टर – मतलब कोई मारे तो सर धड़ से अलग हो जाएगा? प्रदीप- हां, हो जाएगा। रिपोर्टर – ट्रक वाली पट्टी से बनी है क्या? प्रदीप – हां, उसी से बनी है, आप अपना नंबर दे दीजिए और हमारा नंबर ले लीजिए। रिपोर्टर – कब तक माल दे देंगे? प्रदीप – मंडे को आइए ले लिया जाएगा। जहां पहुंचाना होगा पहुंचा देंगे। रिपोर्टर – बस एक कलर और एक डिजाइन की चाहिए। प्रदीप – सब एक ही तरह की है, कोई अलग नहीं होगी। प्रदीप से तलवार की डील के बाद सोनपुर मेले में ही मीना बाजार के दुकानदार सुरेश का इनपुट मिला। हम सुरेश की दुकान पर पहुंचे तो वह पुलिस वाला समझकर पहले तो मना करता रहा, लेकिन बाद में डील करने को तैयार हो गया। रिपोर्टर – (हाथ से दिखाते हुए) सामान है? सुरेश – मेले के बाद आइए, जितनी चाहिएगा मिल जाएगी। रिपोर्टर – थोड़ा-सा हमें समय दीजिए। रिपोर्टर – देखिए हमें तलवार बटवानी है, कार्यक्रम है यहां पर। सुरेश – यहां पर आई नहीं है, सरकारी मेले में। रिपोर्टर – मंगवा कर दिलवा दीजिए, हमें बहुत जरूरी है, ज्यादा संख्या में चाहिए। सुरेश – कितनी चाहिए? रिपोर्टर – आज तो 2000 पीस चाहिए। सुरेश – अच्छा, ठीक है। मिल जाएगी, पैसे की व्यवस्था कीजिए। रिपोर्टर – बात कर बताइए फाइनल तो कर लीजिए। सुरेश – आपको ज्यादा लेनी है, कुछ कम रेट में मिल जाएगी। सोनपुर मेले में हमे महेश का सुराग मिला। मीना बाजार से थोड़ी ही दूरी पर महेश की दुकान है। हम महेश की दुकान पर पहुंचे तो वह भी तलवार का बड़ा डीलर निकला। वह तलवार की डील के लिए पहले खुद बात की फिर अपने भाई से बात कराई। रिपोर्टर – एक कार्यक्रम के लिए बिहार में तलवार बंटवाना है। महेश – कितनी चाहिए? रिपोर्टर – चाहिए तो ज्यादा, लेकिन अभी आप 10 हजार पीस दे दीजिए। महेश – दे देंगे, अभी चाहिए तो 500 पीस दे देंगे। रिपोर्टर – (महेश से मिली फोटो दिखाते हुए) ऐसी ही तलवार चाहिए। महेश – हो जाएगा, एकदम इसी तरह का मिल जाएगी। रिपोर्टर – जितनी चाहिए, सब वही मॉडल चाहिए। महेश – एक का दाम 500 रुपए लगेगा। रिपोर्टर – बढ़िया काम करेगी न? महेश – बहुत बढ़िया और मजबूत रहेगी। रिपोर्टर – क्या दाम लगेगा? महेश – 600 में खुदरा बेचते हैं, ज्यादा लेने पर 500 रुपए पीस पड़ेगा। रिपोर्टर – कितना-कितना पीस डिलीवरी कर देंगे? महेश – 200 पीस का एक बंडल है, दो-दो बंडल करके जितना चाहिए दे देंगे, आपको कहां चाहिए? रिपोर्टर – बिहार के 12 शहरों में चाहिए। महेश – हो जाएगा, अपना नंबर दे दीजिए, सब जगह सामान चला जाएगा। रिपोर्टर – लेकिन जैसा दिखाएंगे, वैसा ही दीजिएगा कोई अंतर नहीं होना चाहिए। महेश – कोई अंतर नहीं होगा, जहां बनता है, वहीं एक वजन का बनता है। रिपोर्टर – 10 हजार पीस हर जिले में भेजना है, भाड़ा हम दे देंगे। महेश – जब माल आपके पास पहुंचेगा तब पेमेंट कर दीजिएगा। रिपोर्टर – एडवांस देना पड़ेगा क्या। महेश – हां, पैसा लेकर ही हम लोग माल छोड़ते हैं। रिपोर्टर – माल सही चाहिए, पैसे की कोई दिक्कत नहीं आएगी। महेश – ठीक है, एक पीस का पूरा वीडियो फैक्ट्री से बनवाकर आपको दिखा देंगे। रिपोर्टर – देखिए, टाइम नहीं है। महेश – आप कल आइए, कल मेरे भइया यहीं रहेंगे। बत कीजिएगा, वह हर जगह डिलीवरी करा देंगे। सोनपुर मेले में महेश की दुकान पर तलवार की डील के दौरान ही हमें सुभाष के बारे में जानकारी मिली। सुभाष भी तलवार का डीलर है, वह लोहे के बर्तन की दुकान लगाता है, लेकिन तलवार के साथ धारदार हथियार भी बेचता है। डील में उसने अधिक संख्या में तलवार देने की बात कही। रिपोर्टर – तलवार रखते हैं? सुभाष – मेले में चेकिंग बहुत है, मेले के बाद आइए जितना चाहिए मिल जाएगी। रिपोर्टर – एक पीस हो तो दिखा दीजिए, डिलिवरी कर दीजिएगा। सुभाष – कहां से आए हैं आप? रिपोर्टर – हम तो बाहर से हैं, लेकिन रूम यहीं पर है। सुभाष – बाद में आपको जितना चाहिए मिल जाएगी। रिपोर्टर – कब आएं तलवार लेने? सुभाष – मेले के बाद कभी भी आ जाइए, तलवार मिल जाएगी। रिपोर्टर – नंबर दीजिएगा तभी ना। सुभाष – यहीं रहेंगे, आकर ले लीजिएगा, कैसी चाहिए बढ़िया या वैसे जनरल ही? रिपोर्टर – बढ़िया में चाहिए, ज्यादा संख्या में चाहिए। सुभाष – स्टील में चाहिए या लोहे में? रिपोर्टर – दोनों में चाहिए, कोई है क्या आपके पास? सुभाष – स्टील की 3500 और लोहे की 640 रुपए में मिलेगी। रिपोर्टर – मॉडल तो दिखा दीजिए। सुभाष – बेचना मना है, मोबाइल में देख लीजिए इसी को मंगा देंगे। —————– ऑपरेशन सोनपुर का पहला पार्ट भी पढ़िए… बिहार के सोनपुर मेले में 1000 लड़कियों का डर्टी थिएटर:कैमरे पर एजेंट बोला- बाहर ड्रिंक कीजिए, लड़की कॉटेज में मिलेगी आप बाहर ड्रिंक करके मूड बना लीजिएगा। आराम से बैठकर डांस देखिएगा। डेढ़ सौ डांसर्स में जिसे पसंद कीजिएगा, वह कॉटेज में चली जाएगी। आपकी एंट्री बैक डोर से कराएंगे। बाहर किसी को कुछ पता नहीं चलेगा और आप अंदर ऐश कीजिएगा। पैसे खर्च कीजिए सब व्यवस्था हो जाएगी। यहां तो पुलिस वाले भी डांसर्स के साथ ऐश करते हैं, इसलिए पकड़े जाने का तो टेंशन ही बिल्कुल मत लीजिए। सोनपुर मेले में ये ऑफर देते थिएटर से जुड़े एजेंट्स भास्कर के कैमरे में कैद हुए हैं। थिएटर की आड़ में शराब पार्टी और सेक्स रैकेट के इनपुट पर भास्कर ने ऑपरेशन सोनपुर चलाया। पूरी रिपोर्ट पढ़िए
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