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बाबरी मस्जिद के खंडहरों पर राम मंदिर- अमेरिकी रिपोर्ट:वकील विष्णु शंकर जैन बोले- यह नरेटिव युद्ध; काशी के संतों ने चेतावनी दी

अमेरिका की यूनाइटेड स्टेट्स कमीशन ऑन इंटरनेशनल रिलीजियस फ्रीडम (USCIRF) ने 2025 की वार्षिक रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट में बाबरी मस्जिद, PM नरेंद्र मोदी, अमित शाह सहित RSS (राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ) का जिक्र है। RSS पर धार्मिक नीतियों से लेकर स्कूली किताबों को बदलने तक कई आरोप लगाए हैं। इस रिपोर्ट पर अखिल भारतीय संत समिति ने नाराजगी जाहिर की है। समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती ने USCIRF की रिपोर्ट को खारिज किया। उन्होंने कहा- यह रिपोर्ट भारत की समावेशी सांस्कृतिक विरासत उसकी संप्रभुता और सभी भारतीयों के लिए सुनिश्चित संवैधानिक गारंटी का घोर अपमान है। वहीं, राम मंदिर कानूनी केस में शामिल रहे एडवोकेट विष्णु शंकर जैन ने कहा- मंदिरों को तोड़कर कई मस्जिदें बनाई गई हैं, फिर भी मंदिर के प्रमाण मौजूद हैं। यह रिपोर्ट देश में तनाव बढ़ा रही है, और उन्हें हमारी न्याय व्यवस्था के बारे में कुछ भी नहीं पता। पहले जानिए रिपोर्ट में क्या लिखा है 1- 1992 में हिंदू भीड़ ने 16वीं सदी की मस्जिद को ढहा दिया
USCIRF के अनुसार- 2024 में पीएम मोदी ने अयोध्या में बाबरी मस्जिद के खंडहरों पर राम मंदिर का उद्घाटन किया। 1992 में हिंदू भीड़ ने 16वीं सदी की मस्जिद को ढहा दिया था। दावा किया था कि यह भगवान राम का जन्मस्थान है। इस घटना के बाद दंगे हुए। जिसमें 2 हजार लोग मारे गए थे। 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया कि विवादित जमीन एक ट्रस्ट को सौंपी जाएगी, जो वहां एक हिंदू मंदिर का निर्माण करवाएगा। USCIRF ने इसे ‘धार्मिक स्वतंत्रता’ के संदर्भ में पेश किया है, जबकि भारत इसे न्यायिक और संवैधानिक प्रक्रिया के बाद पूरी तरह निपटा हुआ मामला मानता है। 2- RSS किताबों से मुस्लिम शासकों का इतिहास हटा रहा
RSS का उद्देश्य- धार्मिक परिवर्तन को रोकना, गोहत्या पर रोक और स्कूल की पाठ्य पुस्तकों से मुस्लिम शासकों से जुड़ी बातें हटवाने के एजेंडों को आगे बढ़ाना है। खबर में आगे बढ़ने से पहले भास्कर पोल में अपनी राय दीजिए… 3- 12 राज्यों में एंटी कन्वर्जन लॉ USCIRF ने अपनी रिपोर्ट में ‘एंटी कन्वर्जन लॉ’ का भी जिक्र किया है। लिखा- साल भर में, 28 में से 12 राज्यों ने नए धर्मांतरण-विरोधी कानून लागू करने या मौजूदा कानूनों को और सख्त बनाने की कोशिश की। इसमें छत्तीसगढ़ के ईसाई पादरी द्वारा जबरन हिंदुओं का धर्म परिवर्तन, असम सरकार ने असम हीलिंग (प्रिवेंशन ऑफ ई-विल) प्रेक्टिसेज बिल, राजस्थान में लव जिहाद के लिए नया कानून और गुजरात फ्रीडम ऑफ रिलिजन एक्ट समेत अन्य मामलों का जिक्र किया गया। 4- चुनाव से पहले नफरती भाषण USCIRF ने पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह पर भी सवाल उठाए हैं। रिपोर्ट में लिखा है कि जून चुनावों (लोकसभा चुनाव 2024) से पहले मुसलमानों के खिलाफ नफरती भाषण और भेदभावपूर्ण बयानबाजी की गई। पीएम मोदी ने मुसलमानों को ‘घुसपैठिए’ कहा और गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि अगर विपक्ष सत्ता में आया तो वह शरीयत लागू करेगा। हैरान करने वाली बात ये है कि विपक्ष के चुनावी घोषणापत्र तक में ऐसी कोई बात शामिल नहीं थी। USCIRF की रिपोर्ट पर संत समाज नाराज अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती ने कहा, 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हुई। इसके बाद से ही सांप्रदायिक वैमनस्य फैलाकर भारत में अस्थिरता फैलाने के प्रयास शुरू हो गए। इसी कड़ी में दुर्भावनापूर्ण तरीके से रिपोर्ट यह जारी की गई है। अमेरिका की संस्था USCIRF ने भारत को लेकर जो रिपोर्ट जारी की है। वह साफ दिखाती है कि कुछ विदेशी संस्थान अब खुलकर भारत के खिलाफ खड़े होने लगे हैं। कभी उनके वित्त विभाग के सलाहकार भारत में ब्राह्मणों के वर्चस्व की थ्योरी फैलाते हैं, तो कभी उनकी एजेंसियां अल्पसंख्यकों पर तथाकथित अत्याचारों की मनगढ़ंत कहानियों की फाइलें जारी कर देती हैं। यह सब किसी एक ही खेल का हिस्सा लगता है। ऐसा खेल जिसकी पटकथा भारत को कमज़ोर दिखाने की नीयत से लिखी गई है। अन्य देशों पर क्यों नहीं जारी हुआ रिपोर्ट
स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा- जहां तक यह सवाल है कि भारत में अल्पसंख्यकों के साथ कैसा व्यवहार होता है। अमेरिका और उसकी एजेंसियों को पहले अपने ही इतिहास पर नजर डाल लेनी चाहिए। कभी उन्होंने यह नहीं बताया कि बांग्लादेश में सोलह प्रतिशत हिंदू कैसे घटकर साढ़े सात प्रतिशत रह गए। कभी यह नहीं पूछा कि पाकिस्तान में आठ प्रतिशत हिंदू एक प्रतिशत से भी कम कैसे बचे। अफगानिस्तान एक हिंदू बचा, इसका जिक्र नहीं
स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा- अफगानिस्तान में जो हिंदू थे, आज एक अकेला व्यक्ति बचा है। इस पर कोई रिपोर्ट नहीं, कोई बयान नहीं। फिजी में कर्नल राबुका के तख्तापलट के बाद हिंदुओं पर जो अत्याचार हुए, उसका कहीं नामोनिशान नहीं। और फिर विश्व में जहां जहां इस्लाम या ईसाई धर्म फैला, वह किन लोगों की कीमत पर फैला, उस खूनखराबे पर कभी कोई रिपोर्ट नहीं। पांच सौ वर्षों के संघर्ष के बाद बना मंदिर
स्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती ने कहा – USICRF को शायद यह भी मालूम नहीं कि श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर किसी सरकार की दया से नहीं बना। पांच सौ वर्षों के संघर्ष और सर्वोच्च न्यायालय के सर्वसम्मत फैसले के आधार पर बना है। बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के मुद्दई हाशिम अंसारी के बेटे तक ने पांच अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री को रामायण भेंट की थी। यह बात साफ कह देती है कि भारत के मुसलमानों ने निर्णय को स्वीकार किया था। यह देश की परंपराओं और सामंजस्य की मिसाल है। उन्होंने कहा- अमेरिका की एजेंसियों को यह समझना होगा कि भारत की एकता और अखंडता पर सवाल उठाने का अधिकार किसी बाहरी संस्था को नहीं है। वे ऐसी बातें अपने देश में रखें, यहां की सामाजिक संरचना को बिना समझे इस तरह की रिपोर्टें जारी करने से काम नहीं चलेगा। अगर वे इसी राह पर चलते रहे, तो हमें भी अपने संबंधों पर फिर से विचार करना ही पड़ेगा। 9-10 दिसंबर को संतों ने बुलाई है बैठक
स्वामी जीतेंद्रानंद ने कहा- अखिल भारतीय संत समिति अमेरिकी एजेंसियों को स्पष्ट चेतावनी देती है कि वह भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने और राष्ट्र की एकता एवं अखंडता पर प्रश्नचिह्न लगाने का अपना यह दुस्साहस पूर्ण आचरण तत्काल बंद करें। अन्यथा, हमें भी अमेरिका और उसकी एजेंसियों के संबंध में पुनर्विचार करने और उचित प्रतिक्रिया देने के लिए बाध्य होना पड़ेगा। आगामी 9 व 10 दिसंबर 2025 को होने वाली शीर्ष संतों के राष्ट्रीय बैठक में हम इन सभी मुद्दों पर विस्तृत चर्चा करके अपनी भावी रणनीति तय करेंगे। हम सही समय आने पर ठोस निर्णय भी लेंगे और उसे क्रियान्वित भी करेंगे। एडवोकेट विष्णु शंकर जैन ने कहा- यह नरेटिव युद्ध
USCIRF की रिपोर्ट पर एडवोकेट विष्णु शंकर जैन ने कहा- यह रिपोर्ट पूरी तरह से तथ्यात्मक आधार के विपरीत है। मंदिरों को तोड़कर कई मस्जिदें बनाई गई हैं, फिर भी मंदिर के प्रमाण मौजूद हैं। हाल ही में संभल में एएसआई के अधिकारियों पर हमला किया गया। उन्हें सर्वेक्षण करने की अनुमति नहीं दी गई। यह रिपोर्ट देश में तनाव बढ़ा रही है, और उन्हें हमारी न्याय व्यवस्था के बारे में कुछ भी नहीं पता। उन्होंने कहा- मस्जिदों को तोड़कर कई मंदिर बनाए गए हैं। मेरा मानना है कि तथ्य इसके बिल्कुल विपरीत हैं। इस देश में ऐसी सोच को दबाने और विघटनकारी ताकतों को पनपने से रोकने के लिए इस समय एक नरेटिव युद्ध चल रहा है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि एक विदेशी एजेंसी, जिसे इन मामलों के तथ्यों की कोई जानकारी नहीं है। और अगर ऐसी न्यायिक रिपोर्ट दी जा रही है, तो उसका एकमात्र उद्देश्य ज्ञानवापी, श्री कृष्ण जन्मभूमि या अन्य मामलों को दबाना है। ————————- ये खबर भी पढ़ें…. मेरठ में ओलंपियन दुल्हन ने शादी में की फायरिंग, VIDEO:बॉक्सर दूल्हे ने नोटों की गड्डियां उड़ाईं, दोनों पर FIR मेरठ की इंटरनेशनल जेवलिन थ्रोअर अन्नू रानी और किक बॉक्सर साहिल भारद्वाज जीवनसाथी बन गए। लाल रंग का लहंगा पहने अन्नू अपनी सहेलियों के साथ स्टेज तक पहुंचीं। यहां साहिल ने आगे बढ़कर उनका हाथ पकड़ा और उन्हें स्टेज पर ले गए। फिर घुटनों के बल बैठकर अन्नू को फूलों का गुलदस्ता दिया। पढ़ें पूरी खबर…


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