बांका के रजौन थाना क्षेत्र में आनंदपुर गांव स्थित भागलपुर-बौसी रेल मार्ग के रेलवे गेट संख्या 15 के पास शनिवार देर शाम उस समय अफरातफरी मच गई, जब रेलवे प्रशासन ने जेसीबी मशीन से दर्जनों गांवों के आवागमन का मुख्य रास्ता बंद करने का प्रयास किया। इस कार्रवाई की सूचना मिलते ही सैकड़ों ग्रामीण मौके पर पहुंच गए और जोरदार विरोध प्रदर्शन करते हुए काम रुकवा दिया। ग्रामीणों के विरोध के बाद रेलवे प्रशासन को जेसीबी से काटे गए रास्ते को तुरंत मिट्टी से भरना पड़ा। यह विरोध प्रदर्शन शनिवार रात तक जारी रहा। आनंदपुर गांव निवासी बासुकी भंडारी, नरेश मंडल, पवन कुमार, गांधी मंडल, अश्वनी भंडारी, मनीष कुमार, विपिन दास सहित अन्य ग्रामीणों ने बताया कि रेलवे प्रशासन बिना किसी पूर्व सूचना के अचानक शाम के समय जेसीबी लेकर पहुंचा और गेट संख्या 15 के पास रास्ता काटने लगा। हजारों लोगों की परेशानी बढ़ी ग्रामीणों का कहना है कि यह रास्ता प्रतिदिन दर्जनों गांवों के हजारों लोगों के लिए आवागमन का एकमात्र साधन है। ग्रामीणों ने सवाल उठाया कि चोरी-छिपे इस तरह रास्ता काटना कौन सा नियम है। उन्होंने इस कार्रवाई की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि यदि यह रास्ता बंद कर दिया गया तो आनंदपुर समेत आसपास के दर्जनों गांवों का संपर्क पूरी तरह कट जाएगा, जिससे लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। अधूरा छोड़ दिया गया डाउन ब्रिज ग्रामीणों का कहना है कि उनके गांव से बाजार, स्कूल, अस्पताल और अन्य आवश्यक स्थानों तक जाने के लिए कोई वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध नहीं है। ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि गेट संख्या 15 से लगभग 50 मीटर की दूरी पर एक डाउन ब्रिज अधूरा छोड़ दिया गया है। पुल तो बना दिया गया है, लेकिन दोनों ओर से पहुंच पथ नहीं बनाए गए हैं। ऐसे में पुल का उपयोग कैसे किया जाए, यह समझ से परे है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि भविष्य में इस तरह की कार्रवाई की गई तो वे आंदोलन करने को मजबूर होंगे।
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