बांका जिले में बाल विवाह, बाल शोषण और जेंडर आधारित हिंसा की रोकथाम के लिए बुधवार को एक विशेष जागरूकता रैली का आयोजन किया गया। यह रैली जिलाधिकारी नवदीप शुक्ला के निर्देश पर महिला एवं बाल विकास निगम तथा जिला हब फॉर एम्पावरमेंट ऑफ वीमेन द्वारा ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ योजना के तहत चलाए जा रहे 16 दिवसीय विशेष अभियान के अवसर पर निकाली गई। रैली का नेतृत्व जिला मिशन समन्वयक राज अंकुश शर्मा और जिला परियोजना प्रबंधक संजय कुमार ने किया। इसमें कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय की किशोरियों, किशोरों, शिक्षक-शिक्षिकाओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं और स्थानीय लोगों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। रैली का मुख्य उद्देश्य बाल विवाह और जेंडर आधारित हिंसा जैसी कुप्रथाओं को समाप्त कर समाज में जागरूकता बढ़ाना था। बेटी हूं तो गम नहीं, हम किसी से कम नहीं के नारे लगाए यह रैली कस्तूरबा बालिका विद्यालय से शुरू होकर समाहरणालय, बाबू टोला, आजाद चौक सहित शहर के प्रमुख इलाकों से गुजरी और अभ्यास मध्य विद्यालय परिसर में समाप्त हुई। पूरे मार्ग में बच्चों ने “हमलोगों ने ठाना है, बाल विवाह मिटाना है”, “बेटी हूं तो गम नहीं, हम किसी से कम नहीं” और “बेटी हूं तो क्या गम है, हमें आसमान छूने का दम है” जैसे नारों के साथ लोगों को जागरूक किया। हिंसा के प्रभावों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई अभियान के दौरान छात्रों को बाल विवाह के दुष्परिणामों और जेंडर आधारित हिंसा के प्रभावों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। पिरामल फाउंडेशन की गांधी फेलो सुष्मिता कुमारी ने इस पहल को समाज में सकारात्मक परिवर्तन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। इस अवसर पर जिला हब फॉर एम्पावरमेंट ऑफ वीमेन के वित्तीय साक्षरता विशेषज्ञ शेखर कुमार दास, विद्यालय के शिक्षक-शिक्षिका और सभी बच्चे उपस्थित रहे। कार्यक्रम का मुख्य लक्ष्य समाज के हर वर्ग तक जागरूकता का संदेश पहुंचाना था।
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