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बंगाल में SIR के विरोध में BLO का प्रदर्शन:यूपी में असिस्टेंट बीएलओ की सोते-सोते मौत, देश में अब तक 29 की जान गई

देश के 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 28 अक्टूबर से स्पेशल इंटेंसिव रिविजन (SIR) की प्रक्रिया जारी है। इसके लिए बूथ लेवल अधिकारी (BLO) नियुक्त किए गए हैं। हालांकि कई राज्यों में BLO के सुसाइड और मौत की खबरें भी आ रहीं हैं। उत्तर प्रदेश के संभल में सोमवार को सहायक बीएलओ की सोते-सोते मौत हो गई। इससे पहले 30 नवंबर को मुरादाबाद में SIR काम में लगे टीचर ने सुसाइड कर लिया था। राज्य में अब तक 8 कर्मचारियों की जान जा चुकी है। 3 ने सुसाइड, 3 की हार्ट अटैक से और एक की ब्रेन हेमरेज से मौत हुई थी। सात राज्यों में अब तक 29 BLO की मौत हो चुकी है। सबसे ज्यादा मध्य प्रदेश में 9 BLO की जान गई है। वहीं SIR के विरोध में सोमवार को कोलकाता में पश्चिम बंगाल के मुख्य चुनाव अधिकारी (CEO) के ऑफिस के बाहर BLO अधिकार रक्षा कमेटी के सदस्यों ने प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस बैरिकेड तोड़ने की कोशिश की। ठीक उसी समय BJP नेता सुवेंदु अधिकारी और पार्टी के कई MLA चुनाव अधिकारियों के साथ तय मीटिंग के लिए वहां पहुंचे थे। वहां मौजूद बीजेपी कार्यकर्ताओं से भी प्रदर्शनकारियों की बहस हुई। प्रदर्शनकारियों ने बीजेपी मीटिंग का विरोध किया BLO कमेटी काम के लिए बेहतर हालत की मांग को लेकर कई दिनों से विरोध कर रही है। सोमवार को आंदोलन तेज हो गया। वे मरे हुए BLO के परिवारों को मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं। कमेटी सदस्य इस बात पर अड़े रहे कि उन्हें भी ज्ञापन देने के लिए अंदर जाने दिया जाए। वहीं सुवेंदु अधिकारी ने CEO से मीटिंग के बाद बताया कि BJP ने 17,111 बूथों का डेटा दिया है और 14 दिसंबर के बाद होने वाली सुनवाई पर सख्त नजर रखने को कहा है। उन्होंने कहा कि कमीशन के कंट्रोल रूम से लाइव CCTV निगरानी के बिना कोई भी सुनवाई नहीं होनी चाहिए। अधिकारी ने CEO ऑफिस के बाहर BLO के विरोध को चुनाव आयोग के खिलाफ TMC की लिखी स्क्रिप्ट बताया। BJP नेता ने आरोप लगाया कि TMC SIR रोकना चाहती है ताकि अपने घुसपैठियों वाले वोट बैंक को बचा सके। जब अधिकारी बाहर निकले, तो BLO प्रदर्शनकारियों ने चोर-चोर के नारे लगाए। जवाब में अधिकारी ने भी चोर-चोर दूर हटाओ, डाकू रानी दूर हटाओ जैसे नारे लगाए। कोलकाता में प्रदर्शन से जुड़ी 2 तस्वीरें… SIR की डेडलाइन 7 दिन बढ़ाई गई चुनाव आयोग ने 30 नवंबर को SIR की समय सीमा एक सप्ताह बढ़ाने का फैसला किया था। आयोग ने कहा था कि अब अंतिम मतदाता सूची 14 फरवरी 2026 को प्रकाशित की जाएगी। मतदाता जोड़ने-हटाने का एन्यूमरेशन पीरियड यानी वोटर वेरिफिकेशन अब 11 दिसंबर तक चलेगा, जो पहले 4 दिसंबर तक तय था। वहीं, पहले ड्राफ्ट लिस्ट 9 दिसंबर को जारी होनी थी, लेकिन अब इसे 16 दिसंबर को जारी किया जाएगा। 99.53% फॉर्म लोगों तक पहुंचे शनिवार को चुनाव आयोग ने अपनी प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि 51 करोड़ मतदाताओं के लिए बनाए गए गणना फॉर्म में से 99.53% फॉर्म लोगों तक पहुंचा दिए गए हैं। इनमें से लगभग 79% फॉर्म का डिजिटलीकरण भी पूरा हो चुका है। यानी यानी घर-घर से BLO जो फॉर्म भरकर लाते हैं, उनमें लिखे नाम, पते और अन्य विवरण को ऑनलाइन सिस्टम में दर्ज किए जा चुके हैं। अब जानिए SIR क्या है… SIR मामला सुप्रीम कोर्ट में, 2 दिसंबर को सुनवाई SIR का मामला सुप्रीम कोर्ट में भी पहुंच चुका है। SIR के खिलाफ दायर तमिलनाडु, बंगाल और केरल की याचिका पर लगातार सुनवाई हो रही है। इस दौरान चुनाव आयोग ने कहा- SIR प्रक्रिया को लेकर राजनीतिक दल जानबूझकर डर का माहौल बना रही हैं। चीफ जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच केरल सरकार की याचिका पर सुनवाई 2 दिसंबर को करेगी। वहीं तमिलनाडु में याचिका पर 4 दिसंबर और पश्चिम बंगाल की याचिका पर 9 दिसंबर को सुनवाई होगी। इसी दिन चुनाव आयोग राज्य की ड्राफ्ट वोटर लिस्ट भी जारी करेगा। बेंच ने कहा- अगर राज्य सरकार मजबूत आधार देती हैं तो हम तारीख बढ़ाने का निर्देश दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि SIR पहले कभी नहीं हुआ तो यह वजह EC के फैसले को चुनौती देने का आधार नहीं बन सकती।


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