पश्चिम बंगाल में 32000 प्राइमरी टीचर्स की नौकरी अब नहीं जाएगी। कलकत्ता हाई कोर्ट की एक डिवीजन बेंच ने बुधवार को 2023 का फैसला पलट दिया। जस्टिस तपब्रत चक्रवर्ती और रीताब्रत कुमार मित्रा की बेंच ने कहा कि 9 साल बाद नौकरी खत्म करने का प्राइमरी टीचरों और उनके परिवारों पर बहुत बड़ा असर पड़ेगा। दरअसल 2023 में जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय की सिंगल बेंच ने 2016 में भर्ती हुए टीचरों की नियुक्तियों को रद्द कर दिया था। इस भर्ती के खिलाफ कुछ कैंडीडेट ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। पिटीशनर्स का आरोप था कि प्राइमरी एजुकेशन बोर्ड ने सिलेक्शन प्रोसेस में फ्रॉड किया था। हालांकि डिवीजन बेंच ने कहा कि वह सिंगल बेंच के आदेश को बरकरार रखने के पक्ष में नहीं है, क्योंकि सभी भर्तियों में अनियमितताएं साबित नहीं हुई हैं। इन टीचरों की भर्ती 2016 में पश्चिम बंगाल बोर्ड ऑफ प्राइमरी एजुकेशन ने 2014 के टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट (TET) पैनल के जरिए की थी।
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