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‘पैसे नहीं दोगे तो बेटी को मार देंगे’:दरभंगा में फंदे से लटकी मिली 2 बच्चों की मां; भाई बोला- ये साजिशन हत्या है

दरभंगा के बिरौल थाना क्षेत्र में सोमवार देर रात दो बच्चों की मां की फंदे से लटकी लाश मिली। घटना के बाद मृतका के पति, सास-ससुर घर में ताला बंद कर फरार हो गए। उधर, घटना की सूचना के बाद मौके पर पहुंचे मृतका के भाई ने दहेज के लिए हत्या की बात कही। मामला लदहो पंचायत के बुंआरी गांव का है। मृतका की पहचान 27 साल की आरती देवी के रूप में हुई है। मंगलवार तड़के घटना की जानकारी मृतका के पति ने ही फोन कर दी थी, लेकिन बाद में कई बार कॉल करने पर भी उसने फोन रिसीव नहीं किया। वहीं, घटना की सूचना मिलते ही बिरौल थानाध्यक्ष चंद्र मणि, एसआई मुकेश कुमार और पुलिस टीम मौके पर पहुंची। पुलिस ने परिजनों की मौजूदगी में घटनास्थल का गहन निरीक्षण किया। पुलिस के मुताबिक, प्रारंभिक जांच में यह मामला आत्महत्या का प्रतीत हो रहा है, हालांकि पुलिस ने किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले एफएसएल टीम को भी घटनास्थल पर बुलाया। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए डीएमसीएच भेज दिया। 3 साल पहले रविंद्र साहू से हुई थी आरती की शादी मृतका के भाई राहुल कुमार साहू ने बताया कि करीब 3 साल पहले आरती की शादी रविंद्र साहू से हुई थी। आरती दो बच्चों की मां है। बड़ा बेटा 16 महीने का है, जबकि बेटी मात्र 3 महीने की है। राहुल साहू ने बताया कि घटना के बाद दोनों बच्चों को अपने गांव ले आए हैं, क्योंकि ससुराल पक्ष के सभी लोग घर में ताला लगाकर फरार हो चुके हैं। राहुल ने आरोप लगाया कि जब परिवार घटना स्थल पर पहुंचा, तो दोनों मासूम बच्चे घर में रो रहे थे, उनके पास कोई नहीं था। राहुल ने बताया कि उनकी बहन माता-पिता की इकलौती बेटी थी, और परिवार उसे बेहद मानता था। उन्होंने बताया कि शादी के समय परिजनों की ओर से टीवी, फ्रिज, वाशिंग मशीन, आवश्यक फर्नीचर और 10 भर सोना दिया गया था। साथ ही, गाड़ी खरीदने के नाम पर 5 लाख 51 हजार रुपए दिए गए थे। इसके बाद भी समय-समय पर दहेज की मांग होती रही। ‘दो महीने पहले रविंद्र ने बुलेट के लिए ढाई लाख रुपए मांगे थे’ राहुल के अनुसार, दो महीने पहले उनके बहनोई ने बुलेट के लिए 2 लाख 51 हजार रुपए की मांग की, जो परिवार ने पूरा किया। फिर हाल ही में मृतका के पिता से 5 लाख रुपए और मांगे गए ताकि स्विफ्ट डिजायर कार खरीदी जा सके, लेकिन पिता की बीमारी और आर्थिक स्थिति खराब रहने के कारण परिवार ये रकम नहीं दे सका। उन्होंने यह भी कहा कि मृतका की ननद और उसका पति बार-बार धमकी देते थे कि “पैसे नहीं दोगे तो बेटी को मार देंगे।” राहुल ने बताया कि कुछ माह पहले भी बहन के साथ मारपीट की गई थी। वह स्वयं समझाने गए थे, तब मामला शांत हो गया था। लेकिन ननद और ननदोई के आने पर स्थिति फिर बिगड़ जाती थी। मेरे सामने बहन को पीटा गया जब मैं रोकने गया तो मुझ पर भी चप्पल उठाया गया। राहुल ने कहा कि “मेरी इकलौती बहन थी। दहेज के चक्कर में मेरी बहन की हत्या कर दी गई है। हम प्रशासन से कड़ी से कड़ी कार्रवाई की मांग करते हैं। दोषियों को फांसी की सजा मिलनी चाहिए, ताकि किसी अन्य बहन के साथ ऐसा अत्याचार न हो।” उन्होंने आरोप लगाया कि मृतका के पति रविंद्र समेत परिवार के सभी लोग साजिश में शामिल हैं और घटना के बाद फरार हो गए। मृतका के चचेरे भाई ने कहा- ये आत्महत्या नहीं, साजिशन की गई हत्या है मृतका के चचेरे बड़े भाई ललित कुमार साहू ने कहा कि यह घटना आत्महत्या नहीं, बल्कि ‘‘साजिशन की गई हत्या’’ है। उनका आरोप है कि आरती देवी को पहले मारा-पीटा गया और फिर फांसी लगाकर उसे मार दिया गया। ललित कुमार ने बताया कि मृतका का पति रविन्द्र साहू, ननद, ननदोई और सास समेत परिवार के सभी सदस्यों ने मिलकर उसकी बहन की हत्या की है। उन्होंने कहा कि शादी के बाद लगातार दहेज की मांग की जाती थी। ढाई लाख रुपए बुलेट बाइक खरीदने के लिए दिए गए थे, लेकिन बाद में ससुराल वालों ने स्विफ्ट डिजायर कार की मांग शुरू कर दी। जब परिवार ने समय मांगते हुए कहा कि जमीन बेचनी पड़ेगी, तो आरोप है कि मृतका को प्रताड़ित किया जाने लगा। ललित बोले- मेरी बहन को खाना तक नहीं दिया जाता था ललित कुमार ने कहा कि मेरी बहन को खाना तक नहीं दिया जाता था और आए दिन उसकी पिटाई की जाती थी। हालात सुधारने के लिए उनका छोटा भाई भी समझाने गया था, लेकिन उसके साथ भी मारपीट की गई। मृतका का पति रविन्द्र साहू ट्यूशन पढ़ाने के साथ बैंक सीएसपी संचालित करता है। परिजनों ने बताया कि घटना वाले दिन आज सुबह करीब 3 बजे ससुराल पक्ष से फोन आया कि ‘‘आपकी बहन अब इस दुनिया में नहीं रही’’। इसके बाद सभी के फोन बंद हो गए। परिजन रात में ही लगभग 4 बजे बलोल गांव पहुंचे, जहां आरती देवी का शव फंदे से लटका मिला। परिजनों ने यह भी दावा किया कि मृतका की तीन महीने की बच्ची के कान से खून बह रहा था और उसके सिर के पिछले हिस्से में गंभीर चोट के निशान थे। ऐसा प्रतीत होता है कि बच्ची को गोद से जोर से छीना गया और नीचे फेंका गया हो। दोनों छोटे बच्चों को गंभीर अवस्था में परिजन अपने गांव ले गए हैं। पुलिस बोली- पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार थानाध्यक्ष चंद्र मणि ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि यह आत्महत्या है या इसमें किसी प्रकार का दबाव, पारिवारिक विवाद, दहेज प्रताड़ना अथवा अन्य कारण जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस हर संभव पहलू पर बारीकी से जांच कर रही है।


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