मैं पीरियड में थी। दर्द से शरीर टूट रहा था। फिर भी वो लो मुझे डांस करने के लिए कहते थे। कहते थे- कपड़े उतारकर प्राइवेट पार्ट एक्सपोज करो। भीड़ के सामने मेरे कपड़े उतरवाए जाते थे। विरोध करने पर टॉर्चर किया जाता था। इसके बदले मुझे एक हजार रुपए मिलते थे। मैंने कभी डांस नहीं किया था। यहां छोटे-छोटे कपड़े पहनाकर भीड़ में नचवाया गया। थिएटर मालिक जो चाहता मैं वो करती थी। एक दीदी मुझे यहां लेकर आई थी। उन्होंने कहा था कि तुम्हें वेटर का काम करना है। मुझसे गलती हुई जो उनकी बात मानकर यहां चली आई। झकझोर देने वाली ये कहानी राजस्थान की रहने वाली 17 साल की रुबी (बदला हुआ नाम) की है। भास्कर के ‘ऑपरेशन सोनपुर’ के बाद NGO मिशन मुक्ति फाउंडेशन की पहल पर पुलिस ने थिएटर से 5 नाबालिग लड़कियों को रेस्क्यू किया है। यह दर्द सिर्फ एक रुबी का नहीं है, थिएटर से रेस्क्यू बाकी 4 लड़कियों की भी कुछ ऐसी ही कहानी है। पढ़िए भास्कर के ऑपरेशन सोनपुर के बाद रेस्क्यू की गई लड़कियों की पूरी कहानी… मेरे साथ मेरी छोटी बहन को भी रेस्क्यू किया गया है। 1 महीने पहले हमें वेटर का काम का कहकर बिहार लाया गया था। मैं अपनी बहन के साथ पटना आ गई। इसके बाद हमें सोनपुर ले जाया गया। यहां आने पर पता चला एजेंट ने हमारे साथ धोखा किया है। हम दोनों बहनों को मेले में थिएटर में पहुंचा दिया गया। हम करीब 20 दिनों वहां थे। बहुत गंदा लगता था। थिएटर मालिक छोटे-छोटे कपड़े पहनने के लिए कहता था। घर जाने की बात कहते तो डराया जाता था। स्टेज के सामने लोग गंदी नजरों से देखते थे। कपड़ों के अंदर हाथ डाल देते थे। शिकायत करने पर कोई सुनने वाला नहीं था। हमें ज्यादा से ज्यादा शरीर दिखाने के लिए कहा जाता। मना करने पर दोनों बहनों को टॉर्चर करते थे। अगर पुलिस नहीं आती तो पता नहीं कब और कैसे हम उस गंदगी से बाहर निकल पाते। थिएटर वाले भीड़ के सामने मांस नोचने के लिए फेंक देते हैं। थिएटर के लोग पैसे के लिए कुछ भी कर सकते हैं। एक हजार रुपए देकर हम लोगों के शरीर से खेला जा रहा था। इसके बदले थिएटर वाले मोटी कमाई कर रहे थे। मुझे पता नहीं था थिएटर में यह सब करने के लिए ले जाया जा रहा है। बताया गया था लेडीज वेटर का काम करना है। धोखे से थिएटर में पहुंचा दिया गया। यहां से निकलना बहुत मुश्किल है। हम थिएटर वालों के हाथ बंध गए थे। एजेंट काम के लिए लाया, लेकिन इतने गंदे काम में लगा दिया, जिसे बता नहीं सकती हूं। भीड़ के सामने छोटे-छोटे कपड़ों में नाचने के लिए खड़ा कर दिया गया। ऐसे कपड़ों में भीड़ के सामने जाने में शर्म आती थी, लेकिन अंदर से धक्का देकर भेजा जाता था। स्टेज पर पहुंचने के बाद मजबूरी में वह सब कुछ करना पड़ता था, जैसा थिएटर वाले चाहते थे। पब्लिक डिमांड करती थी, गंदे इशारे कर प्राइवेट पार्ट दिखाने को बोलती थी। स्टेज से अंदर नहीं जाने दिया जाता था। भोजपुरी के अश्लील गानों पर जब भीड़ जोश में आती थी, तो वह अश्लील हरकतें करने लगती थी। सब कुछ देखना और सहना पड़ता था। मैं नेपाल की लड़की हूं, मुझे भोजपुरी के अश्लील गानों पर डांस करना अच्छा नहीं लगता था। लेकिन मैं थिएटर में इस तरह फंस गई, यहां से निकलना मुश्किल था। पुलिस की रेड पड़ी तो लगा नया जीवन मिल गया। मुझे काम का लालच देकर बिहार लाया गया। यहां आए तो पता चला, वेटर का काम बोलकर डांसर बनाया गया है। विरोध का भी कोई असर नहीं पड़ा। हमसे वही सब कराया गया जो वहां पहले से मौजूद लड़कियां कर रही थीं। ज्यादातर लड़कियां थिएटर की आदी हो चुकी थीं। वह लटके झटके दिखाकर मालिक को खुश कर लेती थीं। मैं शर्मीली थी, इसलिए यह नहीं कर पाती थी। बोला जाता था, स्टेज पर डांस के समय बहाने से कपड़े हटाकर प्राइवेट पार्ट दिखाओ। इससे थिएटर में भीड़ बढ़ेगी। भीड़ बढ़ी तो पैसे बढ़ाने का लालच दिया जाता था। एक हजार रुपए दिए जाते थे और पूरी रात भोजपुरी के अश्लील गानों पर नचवाया जाता था। अधिकतर लड़कियां ऐसा करती भी थीं। वह इस काम में पूरी तरह से घुल गई हैं। वह वही करती हैं, जैसा थिएटर के मालिक लोग चाहते हैं। कस्टमर के सामने कपड़े उतरवाना तो आम बात है। मैं राजस्थान से आकर बिहार में फंस गई। मेरा इस दुनिया में कोई नहीं। मम्मी-पापा मर चुके हैं। रिश्तेदार भी ध्यान नहीं देते हैं। पड़ोस की दीदी बोली बिहार में वेटर का काम है। काम करोगी तो अच्छा पैसा मिल जाएगा। तुम्हारी जिंदगी पूरी तरह से सेट हो जाएगी। मैं दीदी की चाल समझ नहीं पाई। वह धोखे से मुझे बिहार लाई और सोनपुर मेले में दे दिया। मैंने कभी डांस नहीं किया था, यहां फूहड़ गानों पर नचवाया जाने लगा। कस्टमर के सामने कपड़े उतरवाए जाने लगे। विरोध पर टॉर्चर किया जाता था, एक हजार रुपए देकर जो बोला जाता था, उसे करने का दबाव बनाया जाता था। हमारा शरीर कैसा है, हम डांस की स्थिति में हैं या नहीं, इससे कोई मतलब नहीं होता था। बस गंदा गाना चलाया जाता था और उस पर अश्लील इशारा कर नाचने को बोला जाता था। हर दिन भीड़ के सामने नाचने और कपड़े उतारकर प्राइवेट पार्ट्स को एक्सपोज करने को मजबूर किया जाता था। डर्टी थिएटर से 5 नाबालिग लड़कियां बरामद भास्कर की इन्वेस्टिगेशन टीम को इनपुट मिला था कि एशिया के सबसे बड़े पशु मेले में थिएटर की आड़ में सेक्स रैकेट चलाया जा रहा है। इन्वेस्टिगेशन में भास्कर ने उन चेहरों को बेनकाब किया जो थिएटर के नाम पर लड़कियों का सौदा करते थे। भास्कर रिपोर्टर थिएटर से जुड़े 5 धंधेबाजों से डांसरों की डील की, जिसमें एजेंट्स ने थिएटर की आड़ में चल रहे सेक्स रैकेट का खुलासा किया। एजेंट्स ने पूरा सिस्टम समझाया कि कैसे बैक डोर और साइड डोर से कस्टमर की एंट्री होती है। लड़कियों को स्टेज से कैसे पसंद कराया जाता है। भास्कर के खुलासे के बाद प्रशासन अलर्ट हो गया। मिशन मुक्ति फाउंडेशन के वीरेंद्र कुमार सिंह ने बड़ी जिम्मेदारी निभाते हुए सारण के SP कुमार आशीष के साथ मिलकर मेले के सभी थिएटर में छापेमारी करवाई। पुलिस और NGO की तत्परता से गुलाब विकास और न्यू गुलाब विकास थिएटर से 5 नाबालिग लड़कियों का रेस्क्यू किया गया। इनमें राजस्थान, यूपी, बंगाल, एमपी और नेपाल की लड़कियां शामिल हैं। पुलिस मामले की जांच पड़ताल कर रही है। ऐसा पहली बार हुआ जब मेले के दौरान पुलिस ने SP के आदेश पर थिएटर की छापेमारी कर नाबालिग लड़कियों को बरामद किया है। गंदे गानों पर अश्लील इशारों के साथ डांस कराया जाता था पुलिस की रेस्क्यू में बरामद 5 नाबालिग लड़कियों ने जो खुलासा किया वह डर्टी थिएटर के पर्दे के पीछे की कहानी बताती है। पुलिस के मुताबिक सारण के हरिहरनाथ थाना क्षेत्र हुई कार्रवाई में मिली लड़कियों ने बताया कि उन्हें गंदे गानों पर थिरकने को कहा जाता था। लड़कियों को कम कपड़ों में अंगों का प्रदर्शन करने को मजबूर किया जाता था। वह विरोध भी नहीं कर पाती थी, अश्लील डांस के लिए दबाव बनाया जाता था। पुलिस के मुताबिक NHRC के पत्र पर मिशन मुक्ति फाउंडेशन, रेस्क्यू फाउंडेशन दिल्ली, नारायणी सेवा संस्थान छपरा, CWC और स्थानीय पुलिस की मदद से थिएटर में चल रहे अश्लीलता का खुलासा हो सका है। पुलिस ने पहली रेड गजग्रह चौक स्थित न्यू गुलाब विकास थिएटर में की, यहां से 16 और 17 साल की दो नाबालिग लड़कियों को बरामद किया गया। वहीं दूसरी छापेमारी गुलाब विकास थिएटर में की गई जहां से तीन नाबालिग लड़कियां बरामद हुईं। लड़कियों को जिला महिला सुरक्षा इकाई में रखा गया है। पुलिस की FIR में थिएटर मालिकों के नाम नहीं हैं इस एक्शन के बाद भी पुलिस थिएटर मालिकों को बचाने में लगी है। थिएटर जब लगाया जाता है तो पुलिस ही उसकी अनुमति देती है। पुलिस ने इस छापेमारी में थिएटर मालिकों के भागने का जिक्र FIR में किया है। पुलिस की कार्रवाई के दौरान थिएटर संचालक मौके पर थे। पुलिस ने संबंधित थिएटर के मालिकों का नाम भी FIR में नहीं लिखा है। दोनों थिएटर संचालकों को अज्ञात बताया गया है। हालांकि SP कुमार आशीष इस मामले को लेकर काफी गंभीर हैं, वह पुलिस से ऐसे संचालकों पर कड़ी कार्रवाई करने की बात कर रहे हैं। SP का कहना है इस धंधे में शामिल सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जाएगा। पुलिस थिएटर से जुड़े बाकी लोगों की भी भूमिकाओं की जांच कर रही है। ———— भास्कर का ऑपरेशन सोनपुर भी देखिए जिसके बाद ये एक्शन हुआ बिहार के सोनपुर मेले में 1000 लड़कियों का डर्टी थिएटर:कैमरे पर एजेंट बोला- बाहर ड्रिंक कीजिए, लड़की कॉटेज में मिलेगी आप बाहर ड्रिंक करके मूड बना लीजिएगा। आराम से बैठकर डांस देखिएगा। डेढ़ सौ डांसर्स में जिसे पसंद कीजिएगा, वह कॉटेज में चली जाएगी। आपकी एंट्री बैक डोर से कराएंगे। बाहर किसी को कुछ पता नहीं चलेगा और आप अंदर ऐश कीजिएगा। पैसे खर्च कीजिए सब व्यवस्था हो जाएगी। यहां तो पुलिस वाले भी डांसर्स के साथ ऐश करते हैं, इसलिए पकड़े जाने का तो टेंशन ही बिल्कुल मत लीजिए।सोनपुर मेले में ये ऑफर देते थिएटर से जुड़े एजेंट्स भास्कर के कैमरे में कैद हुए हैं। थिएटर की आड़ में शराब पार्टी और सेक्स रैकेट के इनपुट पर भास्कर ने ऑपरेशन सोनपुर चलाया। पढ़िए और देखिए डांसर्स की पूरी डील..।
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