DniNews.Live

Fast. Fresh. Sharp. Relevant News

‘पापा…जो अंकल घर आए थे, वही जंगल ले गए’:पिता बोले- इतना कहकर बेटी बेहोश हुई; गौहरगंज रेप पीड़िता के परिजन ने बताई आपबीती

बिटिया घर के सामने वाले रास्ते से लड़खड़ाती हुई आ रही थी। पूरी खून से लथपथ थी। मुझे देखते ही घबराहट में ‘पापा’ कहकर लिपट गई। बस इतना ही कह पाई कि जो अंकल घर आए थे, वही मुझे जंगल में ले गए। कहते-कहते उसकी आवाज टूट गई और वह मेरे ही हाथों में बेहोश होकर गिर पड़ी। ये कहना है 6 साल की उस मासूम बच्ची के पिता का जिसके साथ 21 नवंबर की रात गौहरगंज क्षेत्र में दरिंदगी की गई। बच्ची भोपाल के एम्स (AIIMS) अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच एक मुश्किल जंग लड़ रही है। हालांकि, डॉक्टरों की मेहनत और परिवार की दुआओं से वह अब होश में है और अपने घरवालों से टूटी-फूटी बातें कर पा रही है, लेकिन उसकी तीन और सर्जरी होनी बाकी हैं। इसका मतलब है कि उसे अभी कई और दिन अस्पताल के बिस्तर पर ही गुजारने होंगे, उस दर्द को सहते हुए जिसकी कल्पना भी किसी के लिए नामुमकिन है। डॉक्टरों का कहना है कि पीड़िता को तीन घंटे देरी से इलाज के लिए एम्स लाया गया था जिसके कारण ज्यादा खून बह चुका था। अगर उसे वक्त पर अस्पताल लाया जाता तो शायद इतनी जटिल सर्जरी की नौबत नहीं आती। इस घिनौनी वारदात का आरोपी, 23 वर्षीय सलमान खान, अब भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। पिछले 5 दिनों से गौहरगंज थाने के सामने सैकड़ों लोगों का हुजूम जमा है। उनकी बस एक ही मांग है – आरोपी का एनकाउंटर। वे चाहते हैं कि आरोपी ने बच्ची के साथ जो बेरहमी की, उसे भी सरेआम सजा दी जाए। आखिर 21 नवंबर की उस शाम ऐसा क्या हुआ था? यह समझने के लिए दैनिक भास्कर ने पीड़िता के माता-पिता से बातचीत की। पिता बोले- उसने घटना से पहले मुझसे बात की थी
मासूम के पिता बताते हैं कि शाम के साढ़े 5 बजे होंगे। आरोपी सलमान हमारे घर के पास आया। वह हमारी कॉलोनी में अक्सर आता था। हमसे बातें करता, बच्चों को चॉकलेट देता। 21 नवंबर को भी वह आया था। मुझसे पूछा-‘कैसे हो?’ मैंने कहा-‘ठीक हूं।’ कुछ मिनट बाद वह चला गया और मैं भी अंदर खाने के लिए चला गया।’ तब मुझे पता नहीं था कि ये शख्स भरोसे का नकाब ओढने वाला एक शैतान है। वह आगे बताते हैं कि करीब एक घंटे बाद शाम 6:30 बजे मेरी 6 साल की बेटी खेलने के लिए बाहर निकली। उसने मां से कहा कि वह पहले पड़ोस वाली आंटी को टमाटर देकर आएगी और फिर खेलने जाएगी। यह कहकर वह घर से निकली। शाम के करीब 7:30 बजे होंगे, मैंने पत्नी से बेटी के बारे में पूछा तो उसने बताया कि खेलने गई है। पिता बोले- मैंने उसे जिस हालत में देखा वो भूल नहीं पाऊंगा
इसके बाद भी जब वह नहीं लौटी तो हमने उसे आस-पड़ोस में ढूंढना शुरू किया, लेकिन उसका कहीं पता नहीं चला। बच्ची के पिता कहते हैं कि रात करीब आठ बजे मैं बेटी को ढूंढते हुए घर के बाहर सड़क पर खड़ा था, तभी मेरी नजर उस मंजर पर पड़ी जिसने मेरे पैरों तले जमीन खिसका दी। वह कहते हैं, जो मैंने देखा, वह मैं जिंदगी भर नहीं भूल पाऊंगा। वह घर के सामने वाली सड़क से आती दिखी, उसने सिर्फ ऊपर कुर्ती पहन रखी थी और वह पूरी तरह खून से लथपथ थी। वह मुझे देखते ही जोर से ‘पापा’ चिल्लाई और दौड़कर मेरी सीने से ऐसे लिपटी जैसे जान बचाने के लिए आखिरी सहारा मिल गया हो। उस मासूम ने अपनी टूटी हुई आवाज में जो कहा, वह किसी भी पिता के लिए सुनना असहनीय था। उसने कहा, जो अंकल शाम को आए थे, वो मुझे जंगल की ओर, थोड़ा आगे ले गए, और मेरा मुंह दबा दिया। आरोपी सलमान, भरोसे के नकाब में छिपा दरिंदा
पीड़िता के पिता ने बताया कि आरोपी सलमान खान पहले राजा भैया के क्रेशर पर काम करता था, लेकिन उसके खराब आचरण और बुरी आदतों के कारण राजा भैया ने उसे नौकरी से निकाल दिया था। नौकरी से निकाले जाने के बाद वह आवारा घूमने लगा। पिछले एक-दो महीनों से वह उनके एरिया में ही रह रहा था। वह जानबूझकर कॉलोनी के लोगों से घुलता-मिलता, खासकर बच्चों से, ताकि कोई उस पर शक न करे। वह बच्चों के लिए एक “टॉफी वाले अंकल” की छवि बना चुका था। इसी भरोसे का फायदा उठाकर उसने इस घिनौनी वारदात को अंजाम दिया। उसने न सिर्फ एक बच्ची के शरीर को, बल्कि एक परिवार के विश्वास को भी तार-तार कर दिया। ​​​​मां का दर्द, मेरी बच्ची के गाल थप्पड़ों से सूज गए थे
जब हमने पीड़िता की मां से बात की, तो उनका गला रुंध गया। उन्होंने रोते हुए बताया कि उनके दो बेटे और दो बेटियां हैं, और पीड़िता उनकी सबसे छोटी और लाड़ली बेटी है, जो दूसरी कक्षा में पढ़ती है। उन्होंने बताया कि आरोपी सलमान को उनके बच्चे पहले से जानते थे, क्योंकि वह अक्सर घर के पास आता-जाता था और टॉफियां लाता था। उस रात का खौफनाक मंजर याद करते हुए मां ने बताया, ‘बच्ची के साथ बहुत मारपीट भी की गई थी। उसके दोनों गाल इतने लाल और सूज गए थे, मानो किसी ने उसे बार-बार और बहुत जोर से थप्पड़ मारे हों। उसके दोनों घुटनों और हाथों पर गहरे चोट और छिलने के निशान थे। यहां तक कि उसकी कमर भी बुरी तरह छिल गई थी।’ मां ने बताया कि सबसे भयानक चोटें उसके निजी अंगों पर थीं, जो इतनी गंभीर थीं कि डॉक्टरों को तुरंत कई सर्जरी करनी पड़ीं। उन्होंने कहा, ‘जब उसे एम्स लाया गया, तब तक वह बेहोश थी, पर अब सर्जरी के बाद उसे होश आ गया है, वो बात कर पा रही है। पर अभी भी उसे कई दिन तक अस्पताल में रखा जाएगा।’ तीन घंटे देरी से मिला इलाज
पीड़िता को सबसे पहले गौहरगंज के सरकारी अस्पताल ले जाया गया, वहां से डॉक्टरों ने उसे औबेदुल्लागंज रेफर कर दिया। सूत्रों ने बताया कि जब पीड़िता को अस्पताल ले जाया गया तब वहां पर 600-700 लोगों की भीड़ अस्पताल में जुट गई थी। बीएमओ अमृता जीवने ड्यूटी पर नहीं थी। बीएमओ ने एसडीएम से कहा कि उनके पास डायल 108 एम्बुलेंस में पेट्रोल तक भरवाने के लिए पैसे नहीं हैं और एम्बुलेंस भी बेकार पड़ी है। जिसके बाद सागर फैक्ट्री से एम्बुलेंस अरेंज करवाई गई। इसी अव्यवस्था के कारण ओबेदुल्लागंज से भोपाल निकलने में ही तीन घंटे से ज्यादा समय लग गया, जिससे बच्ची का अत्यधिक खून बह गया। ​सर्जरी के बाद कॉम्पलिकेशन
शनिवार को डॉक्टरों ने लड़की की सर्जरी की। उसका इलाज करने वाले डॉक्टर्स ने बताया कि उसके प्राइवेट पार्ट बुरी तरह क्षतिग्रस्त थे। डॉक्टरों को मजबूरन प्राइवेट पार्ट तक जाने वाली नसों को बायपास करके नई व्यवस्था तैयार करनी पड़ी, ताकि मोशन पास हो सके, प्राइवेट पार्ट की हीलिंग शुरू हो सके। बच्ची फिलहाल आईसीयू में है और बातचीत कर पा रही है। पूरी हीलिंग के बाद उसकी एक और सर्जरी होगी। डॉक्टरों का कहना है कि वह उसे अभी तक इसलिए डिस्चार्ज नहीं कर रहे है क्योंकि इन्फेक्शन फैलने का डर है। पूरी रिकवरी में कम से कम छह महीने लगेंगे। इसके बाद भी उसके पूरी तरह सामान्य होने को लेकर डॉक्टर आशंकित हैं। अस्पताल में जंग लड़ती मासूम और उबलता जन-आक्रोश
भोपाल के एम्स में बच्ची का इलाज जारी है। डॉक्टरों की एक टीम लगातार उसकी निगरानी कर रही है। वह होश में तो है, लेकिन शारीरिक और मानसिक रूप से गहरे सदमे में है। उसके सामने अभी एक लंबा और दर्दनाक सफर है। वहीं, दूसरी ओर गौहरगंज में लोगों का गुस्सा सातवें आसमान पर है। आरोपी की फरारी ने पुलिस प्रशासन पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना है कि अगर पुलिस समय पर कार्रवाई करती, तो आरोपी अब तक सलाखों के पीछे होता। वे इस मामले में किसी भी तरह की ढिलाई बर्दाश्त करने को तैयार नहीं हैं। उनकी एक ही मांग है – ‘सलमान को फांसी दो’ या ‘उसका एनकाउंटर करो’। ये खबरें भी पढ़ें…. रायसेन के गौहरगंज में अघोषित कर्फ्यू:पथराव के बाद पुलिस का लाठीचार्ज, आंसू गैस के गोले छोड़े; रेप का आरोपी सलमान 5 दिन बाद भी फरार 6 साल की बच्ची से रेप, जंगल में रोती मिली:रायसेन में लोगों ने 4 घंटे तक हाईवे पर लगाया जाम; आरोपी पर 10 हजार का इनाम 6 साल की बच्ची से रेप, रात में धरना-प्रदर्शन:रायसेन में महिलाओं-बच्चियों ने किया थाने का घेराव; फांसी या एनकाउंटर जैसी सजा देने की मांग


https://ift.tt/YHljxMk

🔗 Source:

Visit Original Article

📰 Curated by:

DNI News Live

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *