भास्कर न्यूज|अररिया कृषि विज्ञान केंद्र व बिहार पशु विश्वविद्यालय पटना के संयुक्त तत्वावधान में अररिया प्रखंड के रहिकपूर में पशु स्वास्थ्य शिविर आयोजित किया गया। जिसमें कृषि विज्ञान केंद्र के वरीय वैज्ञानिक सह प्रधान डॉ विनोद कुमार व बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय पटना के पुष्पेंद्र कुमार सिंह, डॉ वीरेंद्र कुमार, वैज्ञानिक सुमन कुमारी मुख्य रूप से शामिल हुए। यह कार्यक्रम बिहार पशु विश्वविद्यालय पटना द्वारा अनुसूचित जाति वर्ग के किसानों के लिए मुख्य रूप से आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में डॉक्टर पुष्पेंद्र कुमार सिंह ने किसानों को पशुओं की अच्छी देखरेख के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी। उन्होंने जानकारी देते हुए कहा पशुपालन का मतलब सिर्फ पालना नहीं, बल्कि उनके भोजन, आश्रय, स्वास्थ्य और प्रजनन जैसी सभी ज़रूरतों का प्रबंधन करना है। यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और कई किसानों की आजीविका का मुख्य आधार है। उन्होंने कहा पशुपालन का महिला सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण योगदान है। जिससे समाज में उनकी आय और भूमिका में वृद्धि हो रही है और आजीविका के दृष्टिकोण से गरीबी उन्मूलन का प्रमुख केंद्र बनता जा रहा है। मौके पर मौजूद वैज्ञानिक उद्यान सुमन कुमारी ने किसानों को देसी नस्ल के गाय पालने की सलाह दी। उन्होंने बताया देसी गाय अपनी उच्च रोग प्रतिरोधक क्षमता और स्थानीय जलवायु के अनुकूल होने के साथ मानव, स्वस्थ के लिए बहुत ही लाभकारी होता है देसी नस्ल की गाय अच्छी दूध देती है। जो की पोषक तत्वों से भरपूर होता है और कुपोषण जैसी समस्या से लड़ने में बहुत ही लाभकारी होता है। डॉ वीरेंद्र कुमार ने उपस्थित किसानों को देसी नस्ल के मुर्गी पालन को किस प्रकार समृद्ध बनाएं इसकी विस्तृत जानकारी दी गई। किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा कुकुट पालन से जुड़े किसानों को ड्रिंकर फीडर उपादान के तौर पर दिया गया।
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