खगड़िया के परबत्ता अंचल कार्यालय से वर्षों पुराने अभिलेख गायब होने का गंभीर मामला सामने आया है। इस संबंध में अंचल अधिकारी हरिनाथ राम ने तत्कालीन लिपिक निरंजन कुमार सिन्हा के खिलाफ परबत्ता थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई है। निरंजन कुमार सिन्हा वर्तमान में खगड़िया जिला परिषद कार्यालय में पदस्थापित हैं। उन पर आरोप है कि जिन अभिलेखों के संधारण की जिम्मेदारी उनकी थी, वे अंचल कार्यालय में उपलब्ध नहीं पाए गए। दाखिल-खारिज वाद की नकल मांगने पर मामला सामने आया यह मामला तब सामने आया जब बन्देहरा निवासी अनिल सिंह उर्फ महेन्द्र नारायण सिंह ने वर्ष 1977-78 से लेकर 2010 तक की दाखिल-खारिज वाद की नकल मांगी। यह नकल जमीन संबंधी मामलों की पुष्टि के लिए आवश्यक थी। अंचल कार्यालय ने आवेदक को सूचित किया कि संबंधित फाइलें कार्यालय में उपलब्ध नहीं हैं। आवेदक ने लोक शिकायत निवारण प्रणाली के तहत की शिकायत फाइलें न मिलने पर आवेदक ने लोक शिकायत निवारण प्रणाली के तहत शिकायत दर्ज कराई। सुनवाई के बाद 07 अक्टूबर को एक आदेश जारी किया गया, जिसमें संबंधित कर्मी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने और इसका विवरण लोक शिकायत निवारण कार्यालय को भेजने का निर्देश दिया गया। सूत्रों के अनुसार, उक्त अवधि के दाखिल-खारिज अभिलेखों के संधारण की जिम्मेदारी तत्कालीन लिपिक निरंजन कुमार सिन्हा की थी। नजारत कार्यालय में खोजने पर भी संबंधित फाइलें नहीं मिलीं। प्रशासन ने इसे सरकारी कर्तव्य में चूक और अभिलेख गायब होने का गंभीर मामला माना है। पुलिस ने लिपिक के खिलाफ जांच की शुरू अंचल अधिकारी हरिनाथ राम की लिखित शिकायत के आधार पर परबत्ता थाना पुलिस ने लिपिक निरंजन कुमार सिन्हा के खिलाफ सुसंगत धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। जांच के दायरे में आएंगे और भी दस्तावेजअं चल कार्यालय के सूत्रों का मानना है कि यदि एक अभिलेख गायब है, तो यह संभावना नकारा नहीं जा सकती कि अन्य वर्षों के अभिलेख भी प्रभावित हों।
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