कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की लिखी बातें सिर्फ इतिहास नहीं, भारत की बदलती सोच का रिकॉर्ड हैं। जो कोई भी देश की लोकतांत्रिक यात्रा को समझना चाहता है, उसके लिए उनके शब्द एक शक्तिशाली दिशासूचक हैं। राहुल की यह टिप्पणी जवाहरलाल नेहरू के चुने हुए कामों के डिजिटाइजेशन के पूरा होने पर आई। जवाहरलाल नेहरू के चुने हुए काम अब 100 वॉल्यूम के पूरे सेट के साथ ऑनलाइन कर दिए गए हैं। इसमें देश के पहले प्रधानमंत्री से जुड़े लगभग 35,000 डॉक्यूमेंट्स और लगभग 3000 इलस्ट्रेशन हैं, जिन्हें डिजिटाइज किया गया है और इन्हें फ्री में डाउनलोड किया जा सकता है। वॉल्यूम 44 से आगे यानी सितंबर 1958 से उनके भाषण ओरिजिनल हिंदी में और एक इंग्लिश ट्रांसलेशन भी उपलब्ध हैं। उनके लेटर, स्पीच, इंटरव्यू, फाइलों पर एडमिनिस्ट्रेटिव नोटिंग, डायरी एंट्री और यहां तक कि डूडल भी शामिल हैं। नेहरू आर्काइव में मौजूद कुछ तस्वीरें… जयराम रमेश बोले- और खतों को ढूंढने की कोशिश जारी जवाहरलाल नेहरू मेमोरियल फंड (JNMF) के ट्रस्टी जयराम रमेश ने कहा कि इसके दूसरे फेज में नेहरू को लिखे गए खतों को ढूंढने की कोशिशें होंगी। रमेश ने कहा कि गांधी-नेहरू, सरदार वल्लभभाई पटेल-नेहरू और सुभाष चंद्र बोस-नेहरू के बीच का लेटर काफी बड़ा है, लेकिन विंस्टन चर्चिल-नेहरू और रवींद्रनाथ टैगोर-नेहरू जैसे कुछ दूसरे लेटर के साथ ऐसा नहीं है। उन्होंने कहा कि इसे शामिल करना नेहरू आर्काइव में सबसे बड़ा वैल्यू एडिशन होगा। अभी ओरिजिनल प्रिंट वर्जन की कॉपी भी डिजिटल टैक्स्ट के साथ उपलब्ध है।
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