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नीयत धुंधली और स्वार्थ की राजनीति…उपेंद्र कुशवाहा की बढ़ी टेंशन? इस विधायक ने खोला मोर्चा

उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा (आरएलएम) में नए सिरे से दरार पैदा हो गई है, क्योंकि पार्टी के विधायक शीर्ष नेतृत्व से असंतोष व्यक्त कर रहे हैं। पार्टी विधायक रामेश्वर महतो ने सोशल मीडिया पर पार्टी के नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए कहा कि राजनीति में सफलता केवल भाषणों से नहीं, बल्कि सच्ची मंशा और मजबूत नीतियों से हासिल होती है। सोशल मीडिया पर रामेश्वर महतो ने कहा कि राजनीति में सफलता केवल भाषणों से नहीं, बल्कि सच्ची मंशाओं और मजबूत नीतियों से भी मिलती है। जब नेतृत्व की मंशाएं अस्पष्ट हो जाती हैं और नीतियां जनहित की बजाय स्वार्थ की ओर झुकने लगती हैं, तो जनता को लंबे समय तक भ्रमित नहीं रखा जा सकता। आज का नागरिक जागरूक है; वह हर कदम, हर निर्णय और हर मंशा का बारीकी से विश्लेषण करता है।

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ऐसी अफवाहें फैल रही हैं कि रामेश्वर महतो मंत्री पद न मिलने से बेहद नाराज हैं। दरअसल, उपेंद्र कुशवाहा अपने बेटे दीपक प्रकाश को मंत्री पद दिलाने में कामयाब रहे। यह लंबे समय से पार्टी के भीतर विवाद का मुद्दा रहा है, और विधायक की नियुक्ति से इन अटकलों को और बल मिलता दिख रहा है। हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब किसी पार्टी विधायक ने पार्टी नेतृत्व के प्रति असंतोष व्यक्त किया हो। दरअसल, उपेंद्र कुशवाहा अपने बेटे के मंत्री बनने के बाद से लगातार पार्टी के भीतर आपत्तियां उठाते रहे हैं। बिहार विधानसभा सत्र के दौरान भी विधायकों के बीच फूट साफ तौर पर दिखाई दी थी।

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हाल ही में उपेंद्र कुशवाहा ने माधव आनंद को विधायक दल का नेता और पत्नी स्नेहलता को मुख्य सचेतक नियुक्त किया है। गौरतलब है कि उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी ने इस विधानसभा चुनाव में छह सीटों पर चुनाव लड़ा और चार पर जीत हासिल की। आरएलएम के भीतर भाई-भतीजावाद को लेकर पहले से ही सवाल उठ रहे हैं। लेकिन अब रामेश्वर महतो की पोस्ट से यह स्पष्ट हो गया है कि पार्टी के भीतर असंतोष खुलकर सामने आ गया है। पार्टी की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन विधायक महतो की पोस्ट ने पार्टी को एक नए राजनीतिक संकट में डाल दिया है। उपेंद्र कुशवाहा का राजनीतिक करियर हमेशा उतार-चढ़ाव से भरा रहा है, और अब उनके अपने ही विधायक की नाराजगी ने आरएलएम के भीतर विवाद का एक नया कारण पैदा कर दिया है।


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