नालंदा जिले के चण्डी प्रखंड में निर्माणाधीन 132/33 केवी ग्रिड उपकेंद्र का शुक्रवार को बिहार स्टेट पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड (बीएसपीटीसीएल) के प्रबंध निदेशक राहुल कुमार ने निरीक्षण किया। एमडी ने परियोजना की प्रगति का जायजा लिया और जिम्मेदार एजेंसियों को तय समय सीमा में कार्य पूरा करने का निर्देश दिया। निरीक्षण के दौरान मुख्य अभियंता (परियोजना) रतन कुमार, विद्युत अधीक्षण अभियंता संचरण अंचल, बिहारशरीफ, कार्यान्वयन एजेंसी के प्रतिनिधि और अन्य तकनीकी अधिकारी उपस्थित रहे। एमडी ने विभिन्न निर्माण बिंदुओं की स्थिति देखने के साथ कार्यों की गुणवत्ता, सुरक्षा मानकों और स्टाफिंग को लेकर भी अभियंताओं से विस्तार से जानकारी ली। प्रबंध निदेशक ने कहा कि ग्रिड उपकेंद्र क्षेत्र की बिजली संरचना को नई दिशा देने वाला महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है, इसलिए कार्य में किसी भी प्रकार की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। चण्डी के ग्रामीण इलाकों को मिलेगी बेहतर बिजली बताया गया कि 2×50 एमवीए क्षमता वाला यह उपकेंद्र कुल 5 शक्ति उपकेंद्रों से जोड़ा जाएगा। इससे चण्डी और आस-पास के ग्रामीण इलाकों में निर्बाध और गुणवत्तापूर्ण विद्युत आपूर्ति की उम्मीद है। यह उपकेंद्र 220/132/33 केवी अस्थावां ग्रिड और 132/33 केवी हरनौत ग्रिड से जोड़ा जाएगा, जिससे दोनों मौजूदा ग्रिड स्टेशनों को एक वैकल्पिक स्रोत भी उपलब्ध हो जाएगा। निरीक्षण के क्रम में एमडी राहुल कुमार हरनौत स्थित 132/33 केवी ग्रिड उपकेंद्र भी पहुंचे, जहां चल रहे क्षमता-वृद्धि कार्य की प्रगति की समीक्षा की। उन्हें बताया गया कि यहां एक अतिरिक्त 80 एमवीए ट्रांसफॉर्मर स्थापित किया जा रहा है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि यह कार्य भी जल्द से जल्द पूरा किया जाए ताकि क्षेत्र में लगातार, स्थिर और पर्याप्त बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके। उपभोक्ताओं को राहत की उम्मीद बीएसपीटीसीएल के अधिकारियों का मानना है कि इन परियोजनाओं के पूरा होने के बाद नालंदा जिले के ग्रामीण उपभोक्ताओं को कम वोल्टेज, बार-बार ट्रिपिंग और ओवरलोड जैसी समस्याओं से काफी हद तक राहत मिलेगी। ऊर्जा विभाग की यह कोशिश है कि बढ़ती मांग को ध्यान में रखते हुए ट्रांसमिशन नेटवर्क को तकनीकी रूप से अधिक सक्षम और बहू-विकल्पीय बनाया जाए।
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