भास्कर न्यूज | पतरघट पतरघट प्रखंड क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों तथा मुख्य सड़कों पर स्थानीय लोगों द्वारा मनमर्जी से स्पीड ब्रेकर बनाए जाने से वाहन चालकों सहित आम राहगीरों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बिना विभागीय अनुमति और मानक मापदंड के बनाए गए ये स्पीड ब्रेकर दुर्घटनाओं में इजाफा कर रहे हैं। नवनिर्मित पीसीसी ढलाई सड़कों पर बनाए गए ये ब्रेकर दूर से दिखाई नहीं देते, जिस कारण वाहन चालक अचानक नियंत्रण खो बैठते हैं और दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं। स्थानीय लोगों का मानना है कि स्पीड ब्रेकर से वाहन की गति नियंत्रित होगी और हादसे कम होंगे, लेकिन वास्तविकता इसके उलट है। मनमाने तरीके से बनाए गए अवैध ऊंचे ब्रेकर दुर्घटना की संभावनाओं को दोगुना कर रहा है। पतरघट-मधेपुरा मुख्य मार्ग स्थित कपसिया चौक से भेलवापट्टी होते धबौली बस्ती जाने वाली सड़क में लगभग 18 स्पीड ब्रेकर, बजरंगी टोला से जम्हरा भरना मार्ग तथा किशनपुर-पामा-लहौना होते पस्तपार सड़क पर स्थानीय लोगों द्वारा लगभग 21 स्पीड ब्रेकर बना दिए गए हैं। इन बस्तियों के आसपास मात्र एक से डेढ़ किलोमीटर में 10 से 12 ब्रेकर बना दिए गए हैं, वहीं 500 मीटर की दूरी में 4-5 ब्रेकर है। जहां ब्रेकर नहीं हैं, वहां बिजली का खंभा गिराकर अस्थायी ब्रेकर बना दिया जाता है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्पीड ब्रेकर निर्माण में निर्धारित मापदंडों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। स्थानीय दबाव में ठेकेदार भी बिना नाप-तौल और डिजाइन के ऊंचे चौड़े ब्रेकर बनाकर लोगों को खुश कर रहे हैं। नवनिर्मित सड़कों पर स्पीड ब्रेकर बनाने की जैसे होड़ सी लगी हुई है। जिससे सड़क दुर्घटना में लगातार वृद्धि हो रही है, लेकिन प्रशासन और जनप्रतिनिधि इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठा रहे हैं। जानकारी के अनुसार स्पीड ब्रेकर निर्माण से पूर्व संबंधित विभाग की अनुमति अनिवार्य है। ब्रेकर का ढलान सही होना चाहिए और उसे पेंट या बोर्ड से दर्शाया जाना चाहिए। लेकिन पतरघट क्षेत्र में इन सभी नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं और मनमानी से ब्रेकर बनाकर सड़क सुरक्षा को जोखिम में डाला जा रहा है। स्थानीय लोगों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि अवैध ब्रेकरों को चिन्हित कर हटाया जाए और जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई किया जाए।
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