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नालंदा जिले का यू-डायस डाटा इंट्री में तीसरा स्थान:2025-26 सेशन में पांच लाख से अधिक छात्रों का डाटा दर्ज; राजधानी पटना को पीछे छोड़ा

नालंदा जिले ने सरकारी विद्यालयों में छात्रों के यू-डायस पोर्टल पर डाटा इंट्री के मामले में पटना समेत कई बड़े जिलों को पीछे छोड़ दिया है। शैक्षणिक सत्र 2025-26 में नामांकित विद्यार्थियों की प्रोफाइल इंट्री में नालंदा प्रदेश में तीसरे स्थान पर रहा, जो जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग की सक्रियता को दर्शाता है। औरंगाबाद अव्वल, नालंदा तीसरे पायदान पर यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट इंफॉर्मेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन (यू-डायस) पोर्टल पर छात्रों का विवरण दर्ज करने में औरंगाबाद जिला 98.73 फीसदी के साथ प्रथम स्थान पर रहा। भागलपुर 98.06 फीसदी के साथ दूसरे, जबकि नालंदा ने 97.87 फीसदी डाटा इंट्री के साथ तीसरा स्थान हासिल किया। विशेष बात यह है कि नालंदा ने राजधानी पटना को काफी पीछे छोड़ दिया है, जो 90 फीसदी से कम डाटा इंट्री वाले आठ जिलों में शामिल है। पांच लाख से अधिक छात्रों का डाटा दर्ज नालंदा जिले में चालू शैक्षणिक सत्र में कुल पांच लाख 57 हजार विद्यार्थी नामांकित हैं। इनमें से पांच लाख 45 हजार छात्रों का डाटा इंट्री पूरा हो चुका है, जबकि 832 छात्रों की प्रोफाइल इंट्री प्रक्रियाधीन है। हालांकि, अभी भी 11 हजार छात्रों का डाटा दर्ज किया जाना शेष है। जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) आनंद विजय ने समग्र शिक्षा के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (डीपीओ) को शत-प्रतिशत छात्रों का ब्योरा इंट्री कराने के सख्त निर्देश जारी किए हैं। प्रदेश में मिली-जुली तस्वीर बिहार में कुल 38 जिलों में से 30 जिलों ने 90 फीसदी से अधिक छात्रों का डाटा दर्ज कर लिया है, जो सकारात्मक संकेत है। लेकिन बक्सर, पटना, मधेपुरा, रोहतास, नावादा, लखीसराय, पूर्वी चंपारण और सीवान जैसे आठ जिलों का प्रदर्शन संतोषजनक नहीं रहा। सीवान सबसे निचले पायदान पर है, जबकि पूर्वी चंपारण 37वें और लखीसराय 36वें स्थान पर है। छात्रहित में अनिवार्य है डाटा इंट्री यू-डायस पोर्टल पर छात्रों का डाटा दर्ज होना महज एक औपचारिकता नहीं, बल्कि उनके भविष्य से जुड़ा अहम पहलू है। इस पोर्टल पर विवरण दर्ज रहने पर ही छात्रों को छात्रवृत्ति, पोशाक, साइकिल और सरकार की अन्य लाभकारी योजनाओं का लाभ मिल पाता है। साथ ही, यह प्रणाली छात्रों की शैक्षणिक गतिविधियों का व्यवस्थित रिकॉर्ड रखती है और शिक्षा व्यवस्था में सुधार तथा नीति-निर्माण में सहायक होती है। नालंदा का यह प्रदर्शन जिले में शिक्षा विभाग की कार्यकुशलता को दर्शाता है। अब चुनौती शेष 11 हजार छात्रों का डाटा शीघ्रातिशीघ्र दर्ज करने की है, ताकि जिला प्रथम स्थान की ओर अग्रसर हो सके।


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