नवादा में राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकार, नई दिल्ली और बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार, पटना के निर्देश पर एक विधिक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम 7 दिसंबर को सुबह 11 बजे नरहट प्रखंड के जमुआरा ग्राम पंचायत के सामुदायिक भवन में हुआ। इसका आयोजन जिला विधिक सेवा प्राधिकार ने प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश-सह-अध्यक्ष शिल्पी सोनीराज के मार्गदर्शन और सचिव धीरेन्द्र कुमार पाण्डेय के निर्देशन में किया। NALSA (वरिष्ठ नागरिकों को कानूनी सेवा योजना-2015) के तहत आयोजित इस कार्यक्रम का उद्घाटन जिला विधिक सेवा प्राधिकार के डिप्टी चीफ लीगल एड डिफेंस काउंसिल मो० साजिद अयुब खान और पी.एल.वी. निरंजन कुमार ने किया। इस दौरान नरहट प्रखंड के जमुआरा पंचायत के आमजन, वरिष्ठ नागरिक और अन्य प्रतिष्ठित व्यक्ति उपस्थित थे। अपने संबोधन में, मो० साजिद अयुब खान और निरंजन कुमार ने वरिष्ठ नागरिकों के अधिकारों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि भारत में वरिष्ठ नागरिकों के सम्मानजनक जीवन, सुरक्षा और भरण-पोषण के लिए एक सशक्त कानूनी ढांचा मौजूद है। विशेष रूप से, माता-पिता एवं वरिष्ठ नागरिक भरण-पोषण तथा कल्याण अधिनियम, 2007 के तहत उन्हें प्रमुख अधिकार प्राप्त हैं। इन अधिकारों में भरण-पोषण एवं वित्तीय सुरक्षा का अधिकार, संपत्ति की सुरक्षा का अधिकार, चिकित्सा एवं कल्याण से संबंधित अधिकार, और अन्य सरकारी लाभ एवं सुविधाएं प्राप्त करने का अधिकार शामिल हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यदि बच्चे या संबंधी भरण-पोषण आदेश का पालन नहीं करते हैं, तो अधिकरण उनके विरुद्ध वारंट जारी कर सकता है और वसूली के लिए संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई भी की जा सकती है। वक्ताओं ने आमजन से आग्रह किया कि वे अपने क्षेत्र के गरीब और जरूरतमंद व्यक्तियों को विधिक सहायता उपलब्ध कराने में सहयोग करें, ताकि उनका शोषण रोका जा सके। उन्होंने जोर दिया कि कानून की जानकारी के अभाव में लोगों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है और उनका भयादोहन भी होता है। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों और वरिष्ठ नागरिकों ने भाग लिया और कानूनी जागरूकता से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त की।
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