जहानाबाद के रतनी फरीदपुर प्रखंड की नेहालपुर पंचायत के पूर्व मुखिया ललित नारायण सिंह पिछले दो साल से पैरालिसिस से पीड़ित हैं। शरीर का एक हिस्सा निष्क्रिय होने के बावजूद उन्हें अब तक दिव्यांगता प्रमाण पत्र नहीं मिल पाया है। वे इसके लिए अधिकारियों और अस्पताल के चक्कर लगाने को मजबूर हैं। ईमानदारी और सेवा भाव के लिए थे मशहूर ललित नारायण सिंह अपनी ईमानदारी और सेवा भाव के लिए जाने जाते थे। मुखिया रहते हुए उन्होंने पंचायत में कई विकास कार्य कराए थे। गांव-गांव जाकर सरकारी योजनाओं की जानकारी देना और पात्रों तक लाभ पहुंचाना उनकी कार्यशैली का हिस्सा था, जिसके कारण वे पूरे क्षेत्र में सम्मानित थे। उपमुख्यमंत्री और मुख्यमंत्री ने की थी सराहना वर्ष 2013 में तत्कालीन उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने उन्हें सम्मानित किया था। बाद में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी उनसे मुलाकात कर उनके कार्यों की सराहना की थी। दिव्यांगता प्रमाणित करवाने के लिए लगा रहे चक्कर आज यही पूर्व मुखिया अपनी दिव्यांगता प्रमाणित करवाने के लिए सदर अस्पताल सहित कई सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगा रहे हैं। उनकी आर्थिक स्थिति भी कमजोर हो गई है, जिससे उन्हें अपने इलाज के लिए भी संघर्ष करना पड़ रहा है। प्रशासनिक उदासीनता स्थानीय लोगों का कहना है कि एक सम्मानित जनप्रतिनिधि को इस तरह भटकना प्रशासनिक उदासीनता को दर्शाता है। ग्रामीणों ने प्रशासन से तत्काल हस्तक्षेप कर दिव्यांग प्रमाण पत्र जारी करने और उनके इलाज की व्यवस्था करवाने की मांग की है। इस संबंध में अस्पताल प्रबंधक प्रमोद कुमार ने बताया कि ऐसा एक मामला संज्ञान में आया है, जिसकी जांच की जा रही है। जो भी लोग इसमें दोषी पाए जाते हैं उन पर कार्रवाई किया जाएगा।
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