बिहार सरकार के ग्रामीण विकास एवं परिवहन मंत्री श्रवण कुमार दिल्ली दौरे पर हैं। गुरुवार को केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात की। इस दौरान विकास कार्यों को लेकर चर्चा हुई। विभिन्न मद में बकाया छह हजार करोड़ रुपए भुगतान कराने की ओर ध्यान आकर्षित किया गया। औपचारिक बैठक में पथ निर्माण विभाग की महत्वाकांक्षी योजनाओं पर केंद्रीय मंत्री का ध्यान आकर्षित कराया। गडकरी ने बिहार की परियोजनाओं को प्राथमिकता देने का आश्वासन दिया। उन्होंने हाल के विधानसभा चुनावों में एनडीए की जीत पर बिहार की जनता को बधाई देते हुए कहा कि यह जनादेश विकास कार्यों को तेज करने का स्पष्ट संकेत है। रुकी हुई राशि को शीघ्र जारी करने और राज्य की योजनाओं पर सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने का भरोसा दिलाया। केंद्र से राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं, ग्रामीण सड़कों के विकास और परिवहन सुविधाओं के आधुनिकीकरण के लिए विशेष पैकेज की मांग रखी है। प्रधानमंत्री आवास योजना: लाखों परिवार इंतजार में केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान से हुई मुलाकात में बिहार के मंत्री ने राज्य की ग्रामीण विकास योजनाओं की विकट स्थिति का खुलासा किया। प्रधानमंत्री आवास योजना, मनरेगा और एनआरएलएम जैसी प्रमुख योजनाओं में फंसी हजारों करोड़ रुपए की राशि ने लाखों लाभार्थियों को संकट में डाल दिया है। प्रधानमंत्री आवास योजना की स्थिति चिंताजनक बताई गई। वित्तीय वर्ष 2024-25 और 2025-26 को मिलाकर बिहार को 12 लाख 21 हजार से अधिक आवासों का लक्ष्य दिया गया है। अब तक 11 लाख 35 हजार परिवारों को प्रथम किश्त, 7 लाख 46 हजार परिवारों को द्वितीय किश्त और 3 लाख 26 हजार परिवारों को तृतीय किश्त का भुगतान किया जा चुका है। लेकिन राज्य नोडल खाते में राशि समाप्त होने से वर्तमान में 3 लाख 88 हजार लाभार्थियों को द्वितीय किश्त और 4 लाख 20 हजार लाभार्थियों को तृतीय किश्त का भुगतान रुका हुआ है। निर्माण कार्य पूरा कर चुके गरीब आवास विहीन परिवार अगली किश्त के इंतजार में परेशान हैं। वित्तीय वर्ष 2025-26 में योजना मद में केवल 1,497 करोड़ रुपए की विमुक्ति हुई है। जबकि अनुमानित 4,491 करोड़ रुपए की राशि अभी भी लंबित है। प्रशासनिक मद में भी सिर्फ 18 करोड़ रुपए मिले हैं, जिससे संविदा कर्मियों के मानदेय भुगतान सहित अन्य प्रशासनिक खर्च अटके हुए हैं। मनरेगा में 3,257 करोड़ का संकट महात्मा गांधी नरेगा की स्थिति और भी गंभीर है। सामग्री मद में वित्तीय वर्ष 2025-26 सहित कुल 3,257 करोड़ 49 लाख रुपए की देयता लंबित बताई गई। इसमें पिछले वर्षों की 623 करोड़ 57 लाख रुपए, वर्ष 2024-25 की 2,119 करोड़ 86 लाख रुपए और चालू वित्त वर्ष की 514 करोड़ 5 लाख रुपए की देयता शामिल है। इस लंबित देयता के निष्पादन के लिए कुल 1,577 करोड़ 99 लाख रुपए के अतिरिक्त केंद्रांश की आवश्यकता है। एनआरएलएम में भी अटकी रकम DAY-NRLM योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 4,221 करोड़ रुपए की वार्षिक कार्य योजना स्वीकृत हुई है, लेकिन अब तक केवल 1,407 करोड़ रुपए ही प्राप्त हो सके हैं। शेष राशि के अभाव में योजना का कार्यान्वयन बाधित हो रहा है। SNA-SPARSH मॉड्यूल: नई समस्या बिहार के मंत्री ने केंद्र सरकार से अनुरोध किया है कि केंद्र प्रायोजित योजनाओं में केंद्रांश विमुक्ति के लिए SNA-SPARSH मॉड्यूल के अनिवार्य कार्यान्वयन में 31 मार्च 2026 तक अस्थायी छूट प्रदान की जाए। श्रवण कुमार ने बताया कि इस नए मॉड्यूल के लागू होने से जुलाई माह से ही राशि की विमुक्ति बाधित हो गई है, जिसका सीधा असर जनकल्याणकारी योजनाओं पर पड़ रहा है। वित्तीय वर्ष की समाप्ति में केवल चार माह शेष हैं और इस अवधि तक राज्य का IFMIS विकसित होने की संभावना है, इसलिए DAY-NRLM को वर्तमान SNA पद्धति के तहत ही राशि जारी की जाए। बिहार के प्रधान सचिव, वित्त विभाग ने भी 10 नवंबर 2025 को इस संबंध में पत्र भेजा है। सकारात्मक संकेत दोनों केंद्रीय मंत्रियों ने बिहार के मंत्री को आश्वासन दिया कि राज्य की जनता से जुड़ी योजनाओं पर सकारात्मक विचार करते हुए राशि जल्द से जल्द जारी की जाएगी। शिवराज सिंह चौहान ने विशेष रूप से ग्रामीण जनता से संबंधित योजनाओं को प्राथमिकता देने का भरोसा दिलाया।
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