भास्कर न्यूज | हसनगंज दिसंबर माह की शुरुआत होते ही हसनगंज प्रखंड सहित आसपास के इलाकों में ठंड में तेज बढ़ोतरी दर्ज की गई है। सोमवार को पूरे दिन आसमान में बादल छाए रहे। बीच-बीच में धूप निकलने के बावजूद ठंडी हवाओं के कारण कनकनी बढ़ी रही। बदलते मौसम का असर बुजुर्गों, बच्चों और दैनिक मजदूरों पर स्पष्ट रूप से देखा जा रहा है। मौसम का यह अचानक बदलाव किसानों की चिंता भी बढ़ा रहा है। ग्रामीण राकेश यादव, अशोक यादव, अब्दुल वाहिद, मो. कलाम, मो. हजरत अली, मो. इसराफिल सहित कई किसानों ने बताया कि दिसंबर की पहली तारीख से ही मौसम में भारी परिवर्तन देखने को मिल रहा है। दिनभर धूप ठीक से न निकल पाने के कारण खेतों में कनकनी बनी रहती है, जो रबी फसलों के लिए नुकसानदायक हो सकता है। किसानों ने बताया कि खेतों में मक्का रोपनी और सरसों की बुवाई हो चुकी है तथा अधिकांश खेतों में पौध भी निकल आए हैं। इन फसलों को सामान्य रूप से धूप की आवश्यकता होती है। वहीं कई किसानों ने खरीफ फसल धान की कटाई कर खेतों में जमा कर रखा है, जिसके सुखाने के लिए धूप अत्यंत जरूरी है। धूप न मिलने से फसल खराब होने का खतरा बढ़ गया है। चिकित्सक डॉ आयुष भारद्वाज के अनुसार बढ़ती ठंड में विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है। गर्म कपड़े पहनें, हाइड्रेटेड रहें और त्वचा को सूखने से बचाएं। विटामिन-डी के लिए हल्की धूप का लाभ लें तथा मौसमी व पौष्टिक भोजन करें। बादाम, अखरोट, किशमिश जैसे सूखे मेवे लाभदायक हैं। नियमित व्यायाम करें, लेकिन बहुत सुबह या अत्यधिक ठंड में बाहर जाने से बचें। पुरानी बीमारी वाले मरीज डॉक्टर की सलाह से ही दिनचर्या में बदलाव करें। श्वसन रोगी (अस्थमा, सीओपीडी आदि) सुबह जल्दी बाहर निकलने से परहेज करें और लक्षण दिखते ही चिकित्सकीय परामर्श लें। खांसी, जुकाम या बुखार होने पर घरेलू उपचार पर निर्भर न रहें, तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। ठंड के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए लोगों को सतर्क रहने तथा स्वास्थ्य संबंधी दिशा-निर्देशों का पालन करने की अपील की गई है।
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