शिवहर में महान स्वतंत्रता सेनानी ठाकुर नवाब सिंह की गुरुवार को पुण्यतिथि मनाई गई। इस दौरान लोगों ने उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। कार्यक्रम का आयोजन नवाब उच्चतर विद्यालय के प्रांगण में किया गया। उनके प्रपौत्र कुमार पद्माकर ने बताया कि ठाकुर नवाब सिंह का जन्म 1867 में शिवहर शहर के पास हरनाही पंचायत के महुअरिया गांव में हुआ था। शिक्षा के प्रति उनके गहरे लगाव के कारण उन्होंने 1934 में ठाकुर नवाब सिंह हाई स्कूल की स्थापना की थी। ‘गोरे बाबू’ का स्वतंत्रता आंदोलन में योगदान ‘गोरे बाबू’ के नाम से विख्यात ठाकुर नवाब सिंह ने अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष में अपना जीवन समर्पित कर दिया। उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और सीतामढ़ी-शिवहर-मुजफ्फरपुर-मोतिहारी क्षेत्र में आंदोलन का नेतृत्व किया। उन्होंने नमक सत्याग्रह सहित कई आंदोलनों में सक्रिय भागीदारी की। गांधीवादी विचारधारा के थे ठाकुर नवाब सिंह की विचारधारा गांधीवादी थी, लेकिन उन्होंने शहीद भगत सिंह द्वारा स्थापित नौजवान भारत सभा से भी स्वाधीनता की प्रेरणा ली। खुदीराम बोस की बहादुरी से प्रभावित होकर उन्होंने भारतीयों को स्वाभिमान से जीने का हक दिलाने के लिए संघर्ष किया। 1940 में वे सुभाष चंद्र बोस से मिले और बाद में महात्मा गांधी के संपर्क में आकर सत्याग्रह आंदोलन से जुड़ गए। श्रद्धांजलि कार्यक्रम में ये लोग रहे मौजूद पुण्यतिथि के अवसर पर ठाकुर नवाब सिंह के प्रपौत्र कुमार पद्माकर (ठाकुर दिवाकर सिंह के पुत्र) ने पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इस दौरान मुरली मनोहर सिंह, विद्यालय के प्रधानाध्यापक अबू जफर, सुधीर रंजन मिश्रा, पूर्व प्रभारी प्रधानाध्यापक रूप नारायण मिश्र, पूर्व शिक्षक नागेंद्र साह, विद्यालय के बड़ाबाबू चंद्रशेखर, राजीव कुमार सिंह, प्रशांत कुमार, सौरभ कुमार, उदय शंकर और डॉक्टर चंद्रभूषण कुमार सहित कई अन्य लोगों ने भी श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
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