गयाजी के टिकारी विधानसभा क्षेत्र चुनाव प्रचार के दौरान HAM प्रत्याशी के साथ मारपीट और रोड़ेबाजी की घटना अब पॉलिटिकल रंग ले चुकी है। जांच में यह साफ हुआ है कि यह हमला अचानक नहीं था। बल्कि पूरी तरह से सुनियोजित साजिश के तहत किया गया था। जिला प्रशासन की जांच रिपोर्ट में जो बातें सामने आई हैं। उसने स्थानीय राजनीति में नई हलचल मचा दी है। सूत्रों का कहना है कि निवर्तमान विधायक के साथ गांव में विरोध की पटकथा पहले ही लिखी जा चुकी थी। पटकथा लिखने वालों ने बुधवार की सुबह में तैयारी कर ली थी लेकिन उस दिन गांव में सुबह अनिल सिंह नहीं पहुंचे। शाम को पहुंचे। जिस व्यक्ति पर उपद्रव फैलाने की आशंका पहले से थी, वही मुख्य आरोपी निकला। पुलिस की रिपोर्ट में लिखा गया है कि बाउंड डाउन भरने वाला मिलन यादव, जो पहले से ही प्रशासन की निगरानी में था, वही इस हिंसा की साजिश में शामिल था। घटना के बाद से वह फरार बताया जा रहा है। पुलिस ने अब तक 10 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। जबकि 40 से अधिक लोगों पर नामजद रिपोर्ट दर्ज की गई है। रोड़ेबाजी और मारपीट हुई थी पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि जब विधायक के विरोध में शुरू में महज 20 से 25 लोग मौजूद थे, तो अचानक कुछ ही मिनटों में भीड़ 200 से अधिक हो गई। यह सब पहले से तय योजना का हिस्सा बताया जा रहा है। विधायक के गाड़ी से उतरने को लेकर हुई बहस ने देखते ही देखते उग्र रूप ले लिया। भीड़ ने रोड़ेबाजी और मारपीट शुरू कर दी। गाड़ियों में तोड़फोड़ हुई, और अनिल सिंह को सुरक्षा कर्मियों के सहयोग से किसी तरह मौके से निकलना पड़ा। इस दौरान ईंट लगने से अनिल सिंह का हाथ टूट गया। इस पूरे मामले पर एनडीए समर्थक कह रहे हैं कि घटना के पीछे राजद से जुड़े आपराधिक तत्वों का हाथ है, जो चुनावी माहौल को बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं। उनका कहना है कि लोकतंत्र में मतभेद हो सकते हैं, लेकिन हिंसा किसी भी सूरत में स्वीकार्य नहीं है। हिंसा किसी बात का समाधान नहीं है दूसरी ओर राजद ने इस हमले की निंदा करते हुए कहा कि यह घटना सुनियोजित नहीं थी। उनका कहना है कि टिकारी के दीघोरा इलाके में विकास के कार्यों की कमी को लेकर लोगों में पहले से आक्रोश था। विधायक को यह बात पता थी, फिर भी वे उस गांव में पहुंचे। राजद नेताओं का कहना है कि विकास नहीं तो नाराजगी स्वाभाविक है। लेकिन हिंसा समाधान नहीं। एसडीपीओ एसके चंचल ने बताया कि अब तक 10 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है। मुख्य प्राथमिक अभियुक्त अभी फरार है, लेकिन पुलिस टीम उसकी तलाश में लगातार छापेमारी कर रही है। प्राथमिक अभियुक्त का नाम बताना अभी उचित नहीं है, लेकिन सभी आरोपी जल्द पकड़ लिए जाएंगे। पुलिस लगातार कार्रवाई में जुटी है। जानिए क्या है पूरा मामला टिकारी में बुधवार देर शाम जीतन राम मांझी की HAM पार्टी के कैंडिडेट पर हमला हुआ था। इसमें HAM प्रत्याशी अनिल कुमार सिंह का हाथ टूट गया। अनिल सिंह बुधवार शाम करीब 4 बजे अपने विधानसभा क्षेत्र में चुनाव प्रचार के लिए गए थे। इसी दौरान गांव के लोगों ने पथराव कर दिया। इस मामले का कुछ वीडियो भी सामने आया है। वीडियो में गांव के लोगों की भीड़ अनिल सिंह और उनके समर्थकों को खदेड़ती दिख रही है। इसके अलावा, उनकी गाड़ियों में तोड़फोड़ भी की जा रही है। घटना कोच थाना क्षेत्र के दिघौरा गांव की है।
चुनाव प्रचार के लिए निकले थे अनिल सिंह जानकारी के मुताबिक, चुनाव प्रचार के लिए पहुंचे डॉ. अनिल कुमार को ग्रामीणों ने घेरा। इसके बाद ग्रामीणों ने सड़क निर्माण के विषय पर सवाल पूछना शुरू किया। अनिल सिंह गांव के लोगों को जवाब दे ही रहे थे, तभी गांव के लोगों ने उनका विरोध कर दिया। इसके बाद अनिल सिंह के साथ मौजूद समर्थकों ने उन्हें रोकने की कोशिश की। इसी दौरान अनिल सिंह के समर्थकों और गांव के लोगों के बीच नोकझोंक शुरू हो गई। गांव के लोगों ने अचानक अनिल सिंह और उनके समर्थकों पर पथराव शुरू कर दिया। थोड़ी देर बाद उनकी गाड़ियों में तोड़फोड़ करने लगे और फिर आखिर में गांव के लोगों ने अनिल सिंह और उनके समर्थकों को खदेड़ दिया।
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