हरियाणा के जींद के जुलाना में 7 दिसंबर को जननायक जनता दल (जजपा) की प्रदेश स्तरीय रैली है। इस रैली से पहले जजपा के युवा प्रदेशाध्यक्ष और पूर्व डिप्टी सीएम के छोटे भाई दिग्विजय चौटाला ने एक चौंकाने वाला बयान देकर भाजपा विरोधी वोटों को साधने का प्रयास किया है। जुलाना में दिग्विजय चौटाला ने कहा कि 2019 के विधानसभा चुनाव के बाद जजपा ने पहले कांग्रेस को गठबंधन का प्रस्ताव देकर सरकार बनाने का ऑफर किया था। मगर, इसे कांग्रेस ने ठुकरा कर सरकार बनाने से इनकार कर दिया था। इसके बाद प्रदेश और जनता के हित को देखते हुए हमें भाजपा के साथ जाना पड़ा था। हालांकि खुद कांग्रेस और भाजपा, दोनों ने ही जजपा के इस दावे को झुठला दिया है। कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष उदयभान ने तो यहां तक कह दिया कि अब इनको कोई पूछ नहीं रहा है। ये सुबह से शाम तक झूठ बोलते है। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली ने भी कुछ ऐसी ही प्रतिक्रिया दी। कांग्रेस और भाजपा नेता बोले- जजपा का जनाधार खिसका
दिग्विजय चौटाला के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष उदयभान ने कहा कि “जजपा ने कभी कांग्रेस के साथ सरकार बनाने की कोई बात नहीं कही। ऐसा कहा होता तो यह मीडिया में भी बात आती। दरअसल, जजपा ने जो सत्ता में रहकर लूट मचाई है, लोग उसे जान गए हैं। लोगों में इनकी क्रेडिबिलिटी खत्म हो गई है। अब इनको कोई पूछ नहीं रहा तो सुबह से लेकर शाम तक ये लोग झूठ बोलते हैं”। वहीं, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली ने कहा- “दिग्विजय चौटाला को इतने समय बाद यह बात क्यूं याद आई। अब उनकी बातों को कोई सीरियस नहीं लेता है”। दिग्विजय चौटाला के बयान की 3 बड़ी बातें… जानिए विधानसभा चुनाव 2019 और 2024 में क्या हुआ था… विधानसभा चुनाव 2024 में जजपा हीरो से जीरो बनी
2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाने वाली जजपा 2024 में आजाद समाज पार्टी (ASP) के साथ मिलकर 85 सीटों पर लड़ी। राज्य में पार्टी को कुल 1.25 लाख वोट ही मिले। 2019 में उचाना में रिकॉर्ड वोटों से जीतने वाले दुष्यंत चौटाला इस बार पांचवें स्थान पर खिसक गए। उन्हें 7950 वोट ही मिले थे। सिर्फ डबवाली में उनके भाई दिग्विजय चौटाला की जमानत बच पाई। दिग्विजय को यहां 35,261 वोट मिले। इसके अलावा प्रदेश में अधिकतर सीटों पर जजपा की जमानत जब्त हो गई थी। 12 मार्च को टूटा दोनों का गठबंधन
दरअसल, 2019 के विधानसभा चुनाव में BJP को हरियाणा में पूर्ण बहुमत नहीं मिल पाया था। इसकी वजह से 10 सीटें जीतने वाली JJP के साथ गठबंधन कर राज्य में सरकार बनाई गई। इस सरकार में खट्टर को CM तो JJP कोटे से दुष्यंत चौटाला को डिप्टी CM बनाया गया। करीब साढ़े 4 साल तक सबकुछ ठीक चला, लेकिन इसी साल 12 मार्च को अचानक खट्टर ने CM पद से इस्तीफा दे दिया और दोनों पार्टियों का गठबंधन टूट गया। दोनों पार्टियों को लोकसभा चुनाव में हुआ नुकसान
बाद में निर्दलीय विधायकों के समर्थन से BJP ने नायब सैनी के नेतृत्व में फिर से सरकार बना ली। लोकसभा चुनाव में BJP और JJP दोनों ने अलग होकर चुनाव लड़ा। BJP को जहां 10 लोकसभा सीटों में से 5 सीटों का नुकसान हुआ तो JJP की बुरी तरह हार हुई। खुद हिसार सीट से दुष्यंत चौटाला की मां नैना चौटाला हार गईं।
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