DniNews.Live

Fast. Fresh. Sharp. Relevant News

जिले के स्कूलों के पाठ्यक्रम में फायर सेफ्टी शामिल होगी

सिटी रिपोर्टर | जहानाबाद जिले के स्कूलों के पाठ्यक्रम में फायर सेफ्टी शामिल होगा। गृह मंत्रालय के निर्देश पर माध्यमिक शिक्षा निदेशक सज्जन आर ने इस बाबत पत्र भेजा है। शिक्षा मंत्रालय की ओर से फायर सेफ्टी-ए गाइड फॉर स्टूडेंट पाठ्यक्रम तैयार किया गया है। अगलगी की बढ़ती घटनाओं से बचाव को लेकर बच्चों को जागरूक करने के लिए यह पहल की गई है। छठी से 12वीं तक के बच्चों के लिए इसे पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना है।पत्र में निर्देश दिया गया है कि स्थानीय अग्निशमन और आपात सेवा के अधिकारियों को भी स्कूलों में बुलाया जाएगा। इनके माध्यम से शिक्षकों को ट्रेनिंग दी जाए ताकि वे बच्चों को जागरूक कर सकें। जिन शिक्षकों को अधिकारियों के माध्यम से ट्रेनिंग दी जाएगी। पाठ्यक्रम में फायर सेफ्टी का परिचय, आग के प्रकार, बिजली से आग के खतरे, अगलगी से बचाव के उपाय, आग लगने पर किए जाने वाले उपाय, आग से बचाव वाले उपकरणों की जानकारी समेत कई चीजें शामिल की गई हैं। इसमें फायर ट्रायंगल शीर्षक वाले पाठ में गर्मी, पेट्रोल, ऑक्सीजन के संबंध में जानकारी दी गई है। इसमें बच्चों को बताया जाएगा कि इन चीजों से अगलगी की घटनाएं कैसे बढ़ती हैं और बचने के क्या उपाय हैं। मैट्रिक-इंटर के लिए अलग-अलग जांच सिटी रिपोर्टर | जहानाबाद 2026 में होनेवाली इंटर और मैट्रिक परीक्षा के केन्द्रों की जांच के लिए चार सदस्यीय कमेटी बनाई गई है। छात्र-छात्राओं की संख्या के अनुपात में आवासन क्षमता को लेकर कमेटी जांच रिपोर्ट सौंपेंगी।अधिकारियों ने इसका निर्देश दिया है। एक सप्ताह के भीतर परीक्षा कोषांग में ये अधिकारी रिपोर्ट सौंपेंगे। केन्द्रों पर छात्र-छात्राओं की संख्या के अनुसार बेंच-डेस्क हैं या नहीं, शौचालय, बिजली, पानी की क्या स्थिति है, इन सबकी रिपोर्ट देनी है। अधिकारियों ने कहा कि जिले के शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों को इसमें लगाया गया है। सभी को अलग-अलग केन्द्रों का जिम्मा दिया गया है। मूलभूत सुविधाओं की जांच ये करेंगे ताकि बाद में किसी तरह की परेशानी नहीं हो। जितने छात्रों की संख्या दी गई है, उसके अनुसार संबंधित केन्द्र पर जगह है या नहीं, इसकी भी जांच करेंगे। अधिकारी ने कहा कि इनमें कई केन्द्र ऐसे हैं, जिनमें मैट्रिक और इंटर दोनों के केन्द्र दिये गये हैं। ऐसे में दोनों के लिए कमेटी अलग-अलग जांच करेगी। कमेटी में डीपीओ के साथ संबंधित प्रखंड के बीईओ भी रहेंगे। संबंधित स्कूल के हेडमास्टर भी इसमें सहयोग करेंगे और संसाधन का ब्योरा देंगे। इस रिपोर्ट के आधार पर ही आगे सभी केन्द्राधीक्षकों की बैठक की जाएगी। इन केन्द्रों पर कई जगह शौचालय की कमी को लेकर शिकायत आई है। ऐसे में छात्राओं के केन्द्र पर शौचालय की व्यवस्था को लेकर विशेष निगरानी का निर्देश दिया गया है।


https://ift.tt/5ugqoCm

🔗 Source:

Visit Original Article

📰 Curated by:

DNI News Live

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *