विनय झा| कटिहार जिले के लिए एक अत्यंत चिंताजनक और गंभीर स्वास्थ्य संकट सामने आया है। जिले में किसी भी जगह का पानी पीने लायक नहीं है। जिला जल जांच प्रयोगशाला की हालिया रिपोर्ट ने एक ऐसा चौंकाने वाला खुलासा किया है, जिसने जिले के करीब 36 लाख लोगों के स्वास्थ्य पर गहरा प्रश्नचिह्न लगा दिया है। प्रयोगशाला में जिले के सभी 16 प्रखंडों के भूजल की गहन जांच की गई और परिणाम यह है कि किसी भी प्रखंड का पानी पीने योग्य मानकों पर खरा नहीं उतरता है। रिपोर्ट में स्पष्ट हुआ है कि जिले के प्रखंडों के भूजल में आयरन की मात्रा मानक से अधिक पाई गई है। इसके अलावा आर्सेनिक की मात्रा अमदाबाद, बरारी, समेली, कुरसेला, मनिहारी और मनसाही पाया गया है। जांच के अनुसार, किसी भी प्रखंड में आयरन की मात्रा एक पीपीएम से कम नहीं है, जबकि सरकारी मानक के अनुसार 1 लीटर पानी में अधिकतम 1 पीपीएम यानी 1 मिलीग्राम ही आयरन की मात्रा होनी चाहिए। इससे स्पष्ट है कि कटिहार का भूजल आयरन युक्त जहर बन चुका है। स्थिति को और भी खतरनाक बनाते हुए, जिले के कुरसेला के तीन इलाकों में पानी में खतरनाक यूरेनियम की मात्रा भी अधिक पाई गई है, जो सीधे तौर पर कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियों को न्योता देता है। जिला जल परीक्षण प्रयोगशाला की इस भयावह रिपोर्ट के तुरंत बाद, दैनिक भास्कर ने सात निश्चय योजना के तहत संचालित नल-जल योजना की जमीनी पड़ताल की। कदवा, आजमनगर, प्राणपुर, हसनगंज, बरारी, बारसोई, डंडखोरा, कोढ़ा सहित अन्य प्रखंडों की पड़ताल में बेहद चौंकाने वाले मामले सामने आए। बारसोई प्रखंड के सुधानी पंचायत के वार्ड 9 मलुर गांव में एक भी घर को नल-जल का लाभ नहीं मिल रहा। ज्यादातर घरों में पाइप तो बिछे हैं लेकिन कटे रहने के कारण सप्लाई बंद है। नालसर, चापाखोर और धर्मपुर पंचायतों में भी इसी तरह नल-जल का हाल बदतर है। पीएचईडी विभाग के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर मुकेश प्रसाद विश्वास ने बताया कि जल गुणवत्ता के मानक के अनुसार आर्सेनिक का सुरक्षित स्तर 0.1 पीपीएम होता है। अगर यह स्तर इससे ऊपर होता है तो जल को कॉन्टैमिनेटेड माना जाता है। जिले के मनिहारी, मनसाही, अमदाबाद, कुरसेला और समेली क्षेत्र में जल में आर्सेनिक की मात्रा मानक से अधिक पाई गई है। इसी तरह आयरन का मानक 1 पीपीएम है। जहां इसका स्तर इससे अधिक होगा, वहां का जल भी कॉन्टैमिनेटेड माना जाएगा। इसके अलावा कुछ क्षेत्रों में यूरेनियम की उपस्थिति की जानकारी भी मिली है। मुकेश प्रसाद ने बताया कि यूरेनियम और अन्य प्रदूषित जल की शुद्धिकरण प्रक्रिया के लिए विभागीय पत्राचार और तैयारी की जा रही है। जल परीक्षण और विश्लेषण के बाद समस्या का समाधान सुनिश्चित करने हेतु विशेष कार्यवाही की जाएगी। मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के अंतर्गत ढेरुआ और बलुआ पंचायत में जलमीनार और पाइपलाइन तो तैयार हैं, पर नियमित जलापूर्ति नहीं हो रही। कई जगह नल का पानी दिनों-दिन बंद रहता है और पाइपलाइन जगह-जगह टूटी पड़ी है। लोगों को मजबूरी में चापाकल का आयरनयुक्त पानी पीना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने कहा कि अनियमित आपूर्ति से योजना का उद्देश्य अधूरा है और विभाग तत्काल व्यवस्था सुधार करे। सालमारी: सालमारी और बलिया बेलौन क्षेत्र में नल-जल योजना की स्थिति खराब है। कई जगहों पर जलापूर्ति बंद है, तो कुछ वार्डों में दूषित पानी सप्लाई हो रहा है। क्षेत्र में मात्र 30% घरों को ही नियमित रूप से नल-जल का लाभ मिल पा रहा है। बाकी परिवार चापाकल और निजी स्रोतों पर निर्भर हैं। ग्रामीणों ने बताया कि योजना शुरू होने के वर्षों बाद भी शुद्ध पेयजल की सुविधा उपलब्ध नहीं हो सकी है। प्राणपुर: प्राणपुर प्रखंड की 12 पंचायतों के 12–15 वार्डों में नल-जल योजना के तहत काम तो हुआ, लेकिन लगभग 90% जगहों पर सप्लाई ठप पड़ी है। देखरेख और मरम्मत के अभाव में पाइपलाइन जर्जर हो चुकी है और नलों से पानी आना बंद है। ग्रामीणों को पीने के पानी की भारी किल्लत झेलनी पड़ रही है। लोगों का कहना है कि योजना की निगरानी न होने से करोड़ों की व्यवस्था व्यर्थ पड़ी है। बरारी: बरारी प्रखंड के विभिन्न पंचायतों में नल-जल कनेक्शन का बुरा हाल है। दक्षिणी भंडार तल के वार्ड 2 में दो जलटंकियां लगी हैं, लेकिन पिछले एक महीने से दोनों टंकियों से जलापूर्ति पूरी तरह बंद है। कई जगह पाइप फटे हैं, कहीं कनेक्शन है तो भी घर तक पानी नहीं पहुंच रहा। ग्रामीणों ने कहा कि योजना की लापरवाही से पीने के पानी की गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई है। आजमनगर: आजमनगर प्रखंड में नल-जल योजना की स्थिति बेहद दयनीय हो चुकी है। कई पंचायतों में जलमीनार तो बने हैं लेकिन जलापूर्ति लंबे समय से ठप है। कहीं-कहीं केवल औपचारिक रूप से पानी छोड़ा जा रहा है, जिससे ग्रामीणों की जरूरत पूरी नहीं हो पाती। .अमदाबाद 0.012 .आजमनगर 0.01 .बरारी 0.013 .बरसोई 0.01 .डंडखोरा 0.01 . हसनगंज 0.01 .कदवा 0.01 .कोढ़ा 0.01 . प्राणपुर 0.01 .बलरामपुर 0.01 . समेली 0.012 . फलका 0.01 . कुरसेला 0.015 .मनिहारी 0.050 . मनसाही 0.014 कटिहार के कई क्षेत्रों में आयरन युक्त जल बारसोई: मलुर गांव में एक भी नल नहीं चलता प्रखंड वार आर्सेनिक की मात्रा
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