छठ पूजा को लेकर घाटों में बेदियों को सजाने का काम शुरु हो गया है। रविवार को सुबह से ही घाटों में भक्त पहुंचे और अपनी अपनी बेदियों को पेंट करना व अलग अलग स्लोगन लिखकर सजाना शुरु कर दिया है। जय छठी मइया और उगता सूर्य बनाया हाथों में झोला लेकर लोग घाट किनारे बनी बेदियों पर पहुंचे, उसके बाद सबसे पहले बेदी को पेंट किया गया, उसके बाद जय छठी मैया लिखा गया और उगते हुए सूरज का चित्र बनाया गया। घाटों पर अपने बड़ों के साथ साथ बच्चे भी पहुंचे। बेदियों पर भगवान के स्लोगन के साथ साथ बच्चों ने अपने अपने नाम भी लिखे। पेंटरों की सज गई दुकान दीवाली के बाद पेंटरों का धंधा फिलहाल मंदा नहीं पड़ा है। सुबह से ही छठ पूजा के घाटों किनारे पेंटर भी झोला लेकर पहुंच गए। भक्तों की डिमांड पर पेंटरों ने भी 100-200 रुपए प्रति बेदी व काम के हिसाब से बेदियों को सजाना शुरु कर दिया। बातचीत में बताया कि दीवाली के बाद लगा था कि काम मंदा पड़ेगा, लेकिन छठी मइया की कृपा से काम चल रहा है। पूरा परिवार रखता है छठ व्रत बेदी सजा रहे आशुतोष रावत ने बताया कि उनका पूरा परिवार छठ का व्रत रहता है। उनकी मम्मी ने उनके जन्म के बाद से व्रत शुरु किया था जो कि अभी तक रह रही हैं। इस समय तो उनकी बहन ने भी रखना शुरु कर दिया है।
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