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जमालपुर रेल कारखाना ने 75 दिन में बनाया 88वां क्रेन:GM ने 20 करोड़ के क्रेन की चाबी सौंपी, रेल-सह-सड़क ट्रेन को दिखाई हरी झंडी

पूर्व रेलवे के महाप्रबंधक मिलिंद दाऊद उसकरे शनिवार को दो दिवसीय निरीक्षण दौरे पर सैलून स्पेशल से जमालपुर रेलवे स्टेशन पहुंचे। स्टेशन पर उतरने के बाद उन्होंने प्लेटफार्म और यात्री सुविधाओं सहित विभिन्न व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया। इसके बाद जीएम ने कोचिंग डिपो, यार्ड, डीजल शेड, रेल कारखाना, रेल अस्पताल और रेलवे कॉलोनी का भी जायजा लिया। निरीक्षण के दौरान महाप्रबंधक जमालपुर रेल कारखाना पहुंचे। उन्होंने कारखाना के अंदर क्रेन शॉप, वीएलसी, वीएससी शॉप, सीआरबी, बीएससी वैगन शॉप सहित लगभग दर्जनों इकाइयों का गहन निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने रेलकर्मियों द्वारा बनाए जा रहे विभिन्न उत्पादों की जानकारी ली और वहां कार्यरत महिला कर्मियों सहित अन्य कर्मचारियों से उनके कार्यों के बारे में बातचीत की। 20 करोड़ की लागत से बना क्रेन इसी क्रम में रेल कारखाना के अंदर क्रेन शॉप में 88वें क्रेन का लोकार्पण किया गया। यह 140 टन क्षमता वाला क्रेन 75 दिनों के भीतर लगभग 20 करोड़ रुपए की लागत से तैयार किया गया है। महाप्रबंधक ने इसकी चाबी उत्तर मध्य रेलवे, टूंडला से आए छह सदस्यीय रेल अधिकारी दल को सौंपी। टूंडला से आए रेल अधिकारियों ने क्रेन की चाबी मिलने पर खुशी व्यक्त की। उन्होंने मीडिया से कहा कि जमालपुर रेल कारखाना में निर्मित क्रेनों की गुणवत्ता उत्कृष्ट होती है। सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी इनमें कई नए कार्य किए जाते हैं, यही वजह है कि वे जमालपुर से क्रेन लेने आए हैं। 140 टन के बने क्रेन को दिखाया हरी झंडी हालांकि रेल कारखाना के अंदर क्रेन शॉप परिसर में इस नए 140 टन के बने क्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया जाना था। इसके अलावा जमालपुर जैक नया बनाया गया था, जिसका उद्घाटन किया जाना था। लेकिन समय का अभाव रहने के कारण ना तो क्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया और ना ही जैक का उद्घाटन किया गया। इस कारण थोड़ी देर के लिए मशीन बनाने वाली कर्मियों में मायूसी देखी गई। इधर रेल कारखाना के अंदर पहली बार रेल कर्मियों के द्वारा बनाया गया रेल सह सड़क वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। इस वाहन में सबसे खास यह बात है कि यह ट्रेन रेल पटरी के अलावा सड़कों पर भी दौड़ सकती है, जिसके लिए टायर वाली चक्का के साथ-साथ रेल चक्का दोनों इसमें लगाया गया है। वर्कशॉप के काम में तेजी की मांग बढ़ी इस अद्भुत रेल से सड़क वाहन को देख रेल महाप्रबंधक भी अचंभित हुए। पत्रकारों से बातचीत में जीएम ने कहा कि जमालपुर वर्कशॉप में सेक्सनवार कार्यों की गति बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि वर्कशॉप में एक हजार वैगनों के ‘प्योरिंग’ का लक्ष्य रखा गया है। वर्कशॉप के काम में तेजी के साथ कोच निर्माण और रख-रखाव की मांग भी बढ़ रही है। जीएम ने कहा कि आने वाले समय में जमालपुर स्टेशन को ट्रेन स्टेब्लिशमेंट का महत्वपूर्ण केंद्र बनाया जाएगा, जिसके लिए पीट लाइन और अन्य निर्माण कार्य प्रगति पर हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जमालपुर कारखाना का भविष्य उज्ज्वल है और यह पूर्व रेलवे के वैगन कार्यों का मुख्य केंद्र बनने जा रहा है। ट्रेनों के संचालन का मार्ग होगा प्रशस्त उन्होंने बताया कि जमालपुर–भागलपुर के बीच कोच डिपो स्थापित करने की प्रक्रिया जारी है। कोच डिपो बनने से इस क्षेत्र में अधिक ट्रेनों के संचालन का मार्ग प्रशस्त होगा। जीएम के दौरे के बाद भागलपुर–किऊल रेलखंड पर तीसरी–चौथी लाइन, जमालपुर में दो नए प्लेटफार्म, तीसरी सुरंग, अमृत भारत योजना के तहत लंबित कार्य जैसे 12 मीटर चौड़ा एफओबी, ईस्ट कॉलोनी की ओर प्रवेश–निकास द्वार, कॉमर्शियल बिल्डिंग सहित कई अधूरी परियोजनाओं में तेजी की उम्मीद बढ़ गई है। निरीक्षण के दौरान महाप्रबंधक के साथ डीआरएम मनीष कुमार गुप्ता, सीनियर डीसीएम कार्तिक कुमार सिंह सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।


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