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जन सुराज का पंचायत से प्रदेश तक संगठनात्मक संरचना भंग:चुनाव में हार के बाद पार्टी में पुनर्गठन की शुरुआत, कमजोरियों पर हुई चर्चा

बिहार की राजनीति में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराने की कोशिश में जुटी जन सुराज ने बड़े संगठनात्मक बदलाव का निर्णय लिया है। विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद पार्टी ने आत्ममंथन करते हुए पंचायत से लेकर प्रदेश स्तर तक की पूरी संगठनात्मक संरचना को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया है। पार्टी का मानना है कि नए जनादेश के बाद नए जोश और नई सोच के साथ संगठन को फिर से खड़ा करना आवश्यक है, ताकि भविष्य की चुनावी लड़ाइयों में पार्टी मजबूती से उतर सके। पार्टी प्रवक्ता सैयद मसीह उद्दीन ने बताया कि संगठन भंग कर दिया गया है, लेकिन नई टीम के गठन तक यह भंग कमेटी ही कार्य करती रहेगी, ताकि राजनीतिक और संगठनात्मक गतिविधियां बाधित न हो। जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक कर चुनावी परिणामों, कमजोरियों और भविष्य की संभावनाओं पर विस्तार से चर्चा की है। वरिष्ठ नेताओं को 12 प्रमंडलों की जिम्मेदारी पार्टी ने अपने वरिष्ठ नेताओं को राज्य के सभी 12 प्रमंडलों का दायित्व सौंपा है। ये नेता अपने क्षेत्र के जिलों में जाकर संगठनात्मक समीक्षा करेंगे, कार्यकर्ताओं से फीडबैक लेंगे और उन सभी कारकों की पहचान करेंगे जिनकी वजह से पार्टी चुनावी मैदान में अपेक्षित प्रदर्शन नहीं कर सकी। नेताओं को तीन प्रमुख जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं 1. नए सिरे से प्रभावी संगठनात्मक ढांचे का निर्माण। 2. चुनाव में हार के कारणों की विस्तृत जांच और रिपोर्ट तैयार करना 3. अनुशासनहीनता और भीतरघात के मामलों की छानबीन कर दोषियों की सूची शीर्ष नेतृत्व को सौंपना है। पार्टी का मानना है कि हार के पीछे केवल रणनीतिक कमियां ही नहीं, बल्कि कई जगह आंतरिक कलह, असंगठित प्रबंधन और कमजोर सक्रियता भी जिम्मेदार रही। 21 दिसंबर को सामान्य परिषद की बड़ी बैठक पार्टी ने आगामी 21 दिसंबर को पटना में सामान्य परिषद की महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है। इस बैठक में पार्टी के शीर्ष नेता, जिला स्तर के नेता और विभिन्न पदाधिकारी एक साथ बैठकर अपने अनुभव साझा करेंगे। कौन से क्षेत्रों में पार्टी अच्छा कर सकती थी? किस स्तर पर संगठन कमजोर पड़ा? कार्यकर्ताओं में ऊर्जा कैसे बढ़ाई जाए? अगली चुनावी लड़ाई के लिए क्या दीर्घकालिक रणनीति तैयार की जाए? इन सभी सवालों पर विस्तृत विमर्श होगा और इसी आधार पर जन सुराज पार्टी अपनी नई रूपरेखा तय करेगी। पार्टी नेतृत्व का कहना है कि यह बैठक आगामी वर्षों के लिए पार्टी की दिशा दर्शक साबित होगी। बिहार की राजनीति में नए बदलावों के संकेत जन सुराज पार्टी का पूरा संगठन भंग करना और नए ढांचे का निर्माण करना एक बड़ा कदम माना जा रहा है। पार्टी भविष्य में बिहार की राजनीति में एक मजबूत विकल्प के रूप में उभरने के लिए पूरी तैयारी में जुट गई है। चुनाव के बाद पार्टी जिस व्यापक समीक्षा और पुनर्गठन प्रक्रिया शुरू कर रही है, उससे यह संकेत मिलता है कि आने वाले समय में जन सुराज अपनी रणनीति और कैडर दोनों स्तर पर पूरी तरह नए रूप में सामने आएगी।


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