गोपालपुर के डोमनचक में प्रॉपर्टी डीलर अशरफी राय की हत्या सुपारी देकर कराई गई। इसका मास्टरमाइंड न्यू बाइपास के पास जगनपुरा का रहने वाला है। उसी ने दोनों शूटरों को कुछ दिन पहले सेट किया, सुपारी दी और अशरफी राय का फोटो दिया। रामकृष्णनगर क्षेत्र के शाहपुर रोड स्थित मंदिर के पास उनकी लगभग तीन बीघा जमीन है। इसकी कीमत करीब 20 करोड़ है। इस जमीन को लेकर परिवार में वर्षों से विवाद चल रहा था। लगभग तीन माह पहले कोर्ट का फैसला आने के बाद उन्होंने चाहरदीवारी कराई थी, जिससे विवाद और बढ़ गया। सूत्रों के अनुसार, पुलिस ने मास्टरमाइंड की पहचान कर ली है। गिरफ्तारी के बाद मामले का खुलासा हो जाएगा। अशरफी और उनके परिवार का व्यवसाय कम्युनिटी हॉल है। चार बसें भी चलती हैं। पुश्तैनी जमीन काफी है, जिसकी कीमत करोड़ों में है। सोमवार की शाम डोमनचक स्थित घर के पास ही अशरफी राय को दो शूटरों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर हत्या कर दी थी। ग्रामीणों और परिजनों ने दोनों शूटरों को खदेड़कर भोगीपुर में पकड़ने के बाद मार डाला था। हत्या में पांच नामजद, दोनों शूटरों की हत्या में 50 अज्ञात पर केस एक शूटर सरिस्ताबाद का, दूसरा कुम्हार टोली का
घटना के दूसरे दिन दोनों शूटरों की पहचान हो गई। एक का नाम रोहण उर्फ प्रवीण है, जो कंकड़बाग की कुम्हार टोली का रहने वाला था। उसकी प|ी ने प्रवीण के हाथ में बेटी के नाम से बने टैटू से पहचान की। वह मोटर पार्ट की दुकान में सेल्समैन का काम करता था। देर रात तक जब प्रवीण घर नहीं पहुंचा तो मंगलवार की सुबह परिजन कंकड़बाग थाना उसकी तस्वीर लेकर गए। दूसरा शूटर विजय कुमार है, जो गर्दनीबाग के सरिस्बाद का रहने वाला था। उसकी प|ी ने भी उसके हाथ में बने टैटू से पहचान की। दोनों शूटर मोबाइल लेकर नहीं गए थे। सदर एसडीपीओ रंजन कुमार ने बताया कि अशरफी राय के पोते मनीष के बयान पर पांच को नामजद किया गया है। साथ ही रोहण और विजय की हत्या में पुलिस के बयान पर 50 अज्ञात पर केस दर्ज किया गया है। पुलिस ने दोनों शूटरों के शवों को पोस्टमार्टम कराने के बाद परिजनों को सौंप दिया। पट्टीदारों से करीब 14 कट्ठा के प्लॉट का विवाद चल रहा था
मृतक के परिवार की सदस्य शकुंतला देवी ने बताया कि पट्टीदारों से जगनपुरा स्थित लगभग 14 कट्ठा के प्लॉट का विवाद चल रहा था। इस प्लॉट पर हाईकोर्ट से अशरफी राय को डिग्री मिल गई थी। उस पर अशरफी राय ने मार्केट बनवा लिया। इसी जमीन पर काम रोकने के लिए गोतिया सुरेश राय के दोनों बेटे रंजीत, टिशू, स्वर्गीय नागेश्वर राय की बेटी सुषमा देवी, दामाद धर्मेंद्र और नाती ने थाने और डीएसपी पास आवेदन दिया था, पर काम नहीं रुका। परिजनों का दावा है कि घटना से आधा घंटे पहले रंजीत गया था। इसके बाद दोनों बदमाश आए और फायरिंग की। दोनों शूटरों ने मुरेठा बांधा था। दादा अशरफी राय के पास एक दिव्यांग व्यक्ति भी था, जिसे अपराधियों ने धक्का दे दिया। 10 राउंड से अधिक फायरिंग की। दोनों शूटरों के मोबाइल में मिले कई संदिग्ध नंबर
सूत्रों के अनुसार, पुलिस ने दोनों शूटरों के मोबाइल नंबर की सीडीआर निकाल ली है। कई संदिग्ध नंबर मिले हैं, जिन पर दोनों ने बार-बार बात की है। पुलिस उन नंबरों का पता लगाने में जुटी है। सूत्रों के अनुसार, घटनास्थल से दो नई टी-शर्ट बरामद की गई है। पुलिस कयास लगा रही है कि दोनों घटना के बाद नई टी-शर्ट पहन लेते, ताकि सीसीटीवी कैमरे से पहचान नहीं हो सके। दोनों ने घटना में चोरी की बाइक का इस्तेमाल किया था। पुलिस को एक सीसीटीवी कैमरे का डीवीआर हाथ लग गया है, जिसमें दिख रहा है कि दोनों शूटरों को किन-किन लोगों ने मार डाला। ऐसे छह लोगों की पहचान हो गई है। अशरफी राय
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