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चालीसवां मेला में 40 फीट का ताजिया आकर्षण का केंद्र:मधेपुरा के रौता बेलही में दशकों से हो रहा आयोजन, लोग बोले-पुरानी सांस्कृतिक परंपरा

मधेपुरा के कुमारखंड प्रखंड के रौता पंचायत स्थित रौता बेलही में तीन दिवसीय 40वां मुहर्रम मेला श्रद्धा और उत्साह के वातावरण में आयोजित किया जा रहा है। मेले में सबसे अधिक आकर्षण का केंद्र ताजिया है, जिसे देखने के लिए सुबह से लेकर देर शाम तक लोगों की भीड़ उमड़ती रही। मेला परिसर में बच्चों, युवाओं और महिलाओं की चहल-पहल पूरे कार्यक्रम में रौनक बिखेरती रही। मेला कमेटी के अध्यक्ष दाऊद आलम ने बताया कि मुहर्रम के 40 दिन बाद हर वर्ष इस मेला का आयोजन किया जाता है, जिसे स्थानीय लोग 40वां मुहर्रम मेला के नाम से जानते हैं। मेला सामाजिक मेल-मिलाप, पारंपरिक संस्कृति का माध्यम उन्होंने कहा कि यह मेला न सिर्फ धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि सामाजिक मेल–मिलाप और पारंपरिक संस्कृति का भी महत्वपूर्ण माध्यम है। मेला में दर्जनों मिठाई की दुकानों, झूला, बच्चों के मनोरंजन वाली सामग्रियों और जेनरल स्टोर की दुकानों ने लोगों का खूब ध्यान खींचा। दूर-दराज़ से आए लोगों ने खरीदारी के साथ मेला घूमने का भी भरपूर आनंद उठाया। पेयजल, सुलभ शौचालय और मेडिकल कैंप की व्यवस्था दुकानदारों के मुताबिक इस वर्ष भीड़ अपेक्षाकृत ज्यादा रही, जिससे बिक्री में बढ़ोतरी हुई है। मेला कमेटी की ओर से पेयजल, सुलभ शौचालय, मेडिकल कैंप और अन्य आवश्यक सुविधाओं की समुचित व्यवस्था की गई थी। सुरक्षा के मद्देनज़र कमेटी द्वारा दर्जनों वालेंटियर तैनात किए गए थे, जो मेला परिसर में लगातार सक्रिय नजर आए। उनके सहयोग से कार्यक्रम शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न हुआ। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि रौता का यह मेला क्षेत्र की एक पुरानी और महत्वपूर्ण सांस्कृतिक परंपरा है, जिसे देखने और इसमें शामिल होने के लिए लोग हर वर्ष उत्सुक रहते हैं। इस बार भी मेला लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरा और तीनों दिन पूरे क्षेत्र में उत्साह का माहौल बना रहा।


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