भास्कर न्यूज|नवादा मेंस्कौर प्रखंड स्थित चर्चित मां सीता की निर्वासन स्थली सीतामढ़ी मेले की शुरुआत के दिन मंदिर परिसर के बाहर ध्वजारोहण किया गया। इस पावन अवसर पर अयोध्या से पहुंचे महर्षि गोपाल जी महाराज ने ध्वजारोहण कर चार माह बाद होने वाले विश्व शांति महायज्ञ की नींव रखी। महर्षि गोपाल जी महाराज ने बताया कि ध्वजारोहण का उद्देश्य सनातन धर्म की मूल भावना समूह हित, मानव सेवा और सामाजिक समरसता को पुनर्जीवित करना है। उन्होंने कहा कि आज समाज में धर्म को लेकर अनेक प्रकार की वैमनस्यता और भ्रम फैले हुए हैं। लोग सोचते हैं कि धर्म का मतलब केवल पूजा-पाठ है, जबकि सनातन धर्म का स्वरूप व्यापक है। यह समाज के उत्थान और व्यक्ति के कल्याण दोनों के लिए कार्य करता है। महर्षि ने घोषणा की कि अगहन पूर्णिमा पर किए गए इस ध्वजारोहण के चार माह बाद विश्व शांति गौ प्रतिष्ठा महायज्ञ का आयोजन होगा। इसी अवसर पर सामूहिक 108 कन्याओं का दहेजरहित विवाह भी कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि इसमें किसी जाति या वर्ग का भेद नहीं होगा और सभी जरूरतमंद परिवारों का पंजीकरण ट्रस्ट के माध्यम से किया जाएगा। उन्होंने कहा कि समाज में दहेज प्रथा बड़ी समस्या बन चुकी है। संस्था द्वारा कराए जाने वाले विवाहों में आवश्यक वस्तुएं हम देंगे, ताकि दंपत्ति एक नई सोच और नई व्यवस्था के साथ समाज में उदाहरण बन सकें। विश्व शांति महायज्ञ ट्रस्ट के सचिव पवन कुमार सिंह ने बताया कि संस्था द्वारा विवाह में उपयोग होने वाली सभी आवश्यक सामग्रियां दोनों पक्षों को उपलब्ध कराई जाएंगी।
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