उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार प्रदेश की आंतरिक सुरक्षा को सुदृढ़ करने के लिए घुसपैठियों के खिलाफ “सर्जिकल स्ट्राइक” शुरू करने जा रही है। एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई है। बयान में कहा गया कि योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व की सरकार ने कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति के तहत घुसपैठियों के खिलाफ अभियान शुरू कर दिया है। सरकार के इस कदम से जहां प्रदेश की आतंरिक सुरक्षा और सुदृढ़ होगी, वहीं दूसरी ओर प्रदेशवासियों को सरकारी योजनाओं का लाभ और पारदर्शी तरीके से मिलेगा। इस निर्णय से पात्र व्यक्ति ही योजनाओं का लाभ उठा सकेगा।
बयान के मुताबिक उप्र सरकार घुसपैठियों की पहचान कर उन्हे निरुद्ध केंद्र में रखेगी, इन केंद्रों की सुरक्षा व्यवस्था अभेद होगी, जिसे भेद पाना किसी के लिए भी नामुमकिन होगा। सरकार के सख्त कदम से प्रदेश में सुरक्षा व्यवस्था पर एक सकारात्मक असर पड़ेगा। यह कदम अपराधियों और अवैध गतिविधियों पर नियंत्रण को आसान बनाएगा। प्रदेश में अपराधों की संख्या कम होगी और इसके साथ ही लोगों का विश्वास भी सरकार की कार्यप्रणाली पर बढ़ेगा। बयान के अनुसार प्रदेश में घुसपैठियों की वजह से सरकारी योजनाओं का लाभ अपात्र लोग भी उठे रहे हैं। ऐसे में इनकी पहचान होने से सरकारी योजनाओं का लाभ असली हकदारों तक पहुंचेगा।
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इससे पहले, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नागरिकों से अपील की थी कि वे सतर्क रहें और घरेलू अथवा व्यावसायिक कार्यों में किसी भी व्यक्ति को नियुक्त करने से पहले उसकी पहचान अवश्य सत्यापित करें। योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश की सुरक्षा, सामाजिक संतुलन और सुदृढ़ कानून-व्यवस्था सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि राज्य में अवैध रूप से रह रहे रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों के विरुद्ध सख्त एवं निर्णायक अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में उच्चतम न्यायालय की हालिया टिप्पणी का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय ने सुनवाई के दौरान अत्यंत महत्वपूर्ण टिप्पणी की है कि घुसपैठियों के लिए लाल कालीन नहीं बिछाया जा सकता। इससे स्पष्ट है कि घुसपैठिए किसी भी कीमत पर स्वीकार्य नहीं हैं।” उन्होंने कहा कि संसाधनों पर अधिकार नागरिकों का है, घुसपैठियों का नहीं। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि राज्य की सुरक्षा और सामाजिक संतुलन बनाए रखना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में अवैध रूप से रह रहे रोहिंग्या और बांग्लादेशी नागरिकों के विरुद्ध सघन अभियान शुरू किया गया है तथा सभी शहरी स्थानीय निकायों को संदिग्ध विदेशी नागरिकों की पहचान कर सूची तैयार करने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक संसाधनों पर अनधिकृत बोझ हटाना आवश्यक है और कल्याणकारी योजनाओं के लाभ को वंचितों तक पहुंचने से रोका नहीं जा सकता, इसी उद्देश्य से दस्तावेज सत्यापन का विशेष अभियान चलाया जा रहा है और पहचाने गए घुसपैठियों को आगे की कार्रवाई के लिए निरुद्ध केंद्र भेजा जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हर मंडल में ऐसे केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं।
जनता से अपील करते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा कि घरेलू या व्यावसायिक कार्यों में किसी भी व्यक्ति को नियुक्त करने से पहले उसकी पहचान अवश्य सत्यापित करें। उन्होंने कहा, “राज्य की सुरक्षा हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है, क्योंकि सुरक्षा ही समृद्धि की नींव है।” हम आपको याद दिला दें कि उच्चतम न्यायालय ने भारत में रह रहे रोहिंग्या को लेकर कानूनी स्थिति पर सवाल उठाते हुए दो दिसंबर को पूछा था कि जब देश के अपने नागरिक ही गरीबी से जूझ रहे हैं, तो “घुसपैठियों” को “लाल कालीन बिछाकर स्वागत” क्यों दिया जाए।
वहीं दूसरी ओर उत्तर प्रदेश के विभिन्न शहरों में नेताओं की ओर से जागरूकता अभियान चला कर दुकानदारों से कहा जा रहा है कि वह नौकरी पर रखने से पहले लोगों की पहचान की जांच अवश्य करवाएं। इस क्रम में लखनऊ की मेयर भी आज सड़कों पर उतरीं।
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