जमुई में गिद्धौर रियासत की अंतिम महारानी प्रतिभा मंजरी सिंह का 91 साल की आयु में कोलकाता में निधन हो गया है। उन्होंने शनिवार को अंतिम सांस ली। राजपरिवार के सदस्य आनंद सिंह ने उनके निधन की पुष्टि करते हुए बताया कि वे कुछ समय से अस्वस्थ थीं। महारानी प्रतिभा मंजरी सिंह का जन्म 21 जुलाई 1934 को मयूरभंज के शाही परिवार में हुआ था। वे मयूरभंज के महाराज स्व. प्रताप चंद्र भांजदेव की सुपुत्री थीं। विवाह के उपरांत वे गिद्धौर रियासत की महारानी बनीं और स्व. महाराजा बहादुर प्रताप सिंह की धर्मपत्नी थीं। उनके बेटे राजकुंवर राज राजेश्वर प्रताप सिंह हैं। गिद्धौर, जमुई और आसपास के क्षेत्रों में गहरा शोक महारानी अपने सौम्य स्वभाव, गरिमामयी व्यक्तित्व और समाज के प्रति किए गए योगदानों के लिए जानी जाती थीं। उनके निधन की खबर से गिद्धौर, जमुई और आसपास के क्षेत्रों में गहरा शोक व्याप्त हो गया। जनप्रतिनिधियों, सामाजिक संगठनों और स्थानीय नागरिकों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। मंत्री श्रेयसी सिंह का संबंध गिद्धौर राजपरिवार से बिहार सरकार की मंत्री श्रेयसी सिंह, जिनका संबंध गिद्धौर राजपरिवार से है, ने सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलि देते हुए लिखा, “गिद्धौर राज के स्व. महाराजा प्रताप सिंह जी की धर्मपत्नी और गिद्धौर राज रियासत की अंतिम महारानी भाभी सा प्रतिभा मंजरी देवी के निधन का समाचार पाकर अत्यंत पीड़ा हुई। उनका मृदुभाषी और सरल स्वभाव जीवनपर्यंत स्मरण रहेगा।” गिद्धौर की ऐतिहासिक परंपरा के लिए एक अपूरणीय क्षति गिद्धौर के सामाजिक कार्यकर्ता सुशांत साईं सुंदरम ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि प्रतिभा मंजरी सिंह का निधन गिद्धौर की ऐतिहासिक परंपरा के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उन्होंने हमेशा समाज के प्रति संवेदनशीलता और संस्कृति के संरक्षण का परिचय दिया। राजपरिवार ने बताया कि उनका अंतिम संस्कार कोलकाता में उनके पुत्र राजकुंवर राज राजेश्वर प्रताप सिंह द्वारा किया गया। महारानी के निधन से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर है और लोग उन्हें श्रद्धापूर्वक याद कर रहे हैं।
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