मार्गशीर्ष पूर्णिमा के अवसर पर शुक्रवार को गया शहर के प्रमुख विष्णु मंदिर में भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी का भव्य श्रृंगार किया गया। सुबह 3 बजे से ही रंग-बिरंगे फूलों से सजे देव विग्रह श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र बने रहे। सुबह से ही मंदिर परिसर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी, जिससे पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया। इस साल मंदिर प्रशासन ने श्रृंगार को पारंपरिक और प्राकृतिक स्वरूप देने पर विशेष जोर दिया। सैकड़ों किलोग्राम गेंदे, गुलाब, ऑर्किड, कमल और रजनीगंधा के फूलों से भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी का अनुपम श्रृंगार सजाया गया था। स्वर्णाभ अलंकरण, पुष्पमालाएं और नयनाभिराम सजावट ने देव विग्रहों को दिव्य आभामंडल प्रदान किया। गर्भगृह में विभिन्न प्रकार की रंगीन रोशनियों और दीपों की सजावट से आस्था का माहौल और भी गहरा हो उठा। मां लक्ष्मी के सामने सुख-समृद्धि की कामना भक्तों ने भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना के बाद मां लक्ष्मी के सामने सुख-समृद्धि और पारिवारिक कल्याण की कामना की। कई श्रद्धालुओं ने बताया कि मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर की गई पूजा विशेष रूप से धन, सौभाग्य और गृहस्थ सुख प्रदान करने वाली मानी जाती है। मंदिर परिसर में सुबह से भजन-कीर्तन का आयोजन भी किया गया, जिसमें स्थानीय कलाकारों ने भगवान विष्णु के अवतारों से संबंधित भक्ति गीतों की प्रस्तुति दी। स्वयंसेवकों की एक टीम तैनात मंदिर प्रशासन के अनुसार, इस साल पिछले साल की तुलना में भक्तों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई। सुरक्षा और व्यवस्था बनाए रखने के लिए स्वयंसेवकों की एक टीम तैनात की गई थी। इस दौरान प्रसाद वितरण और अन्नकूट का भी आयोजन किया गया, जिसमें हजारों श्रद्धालुओं ने भाग लिया। मार्गशीर्ष पूर्णिमा के इस शुभ अवसर पर आयोजित भव्य श्रृंगार और उत्सव ने भक्तों के हृदय पर गहरी छाप छोड़ी। पूरे गया शहर में धार्मिक उत्साह और भक्ति का अद्भुत वातावरण देखने को मिला।
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