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खगड़िया में बाल विवाह मुक्त अभियान का रथ रवाना:प्रभारी DM ने जागरूकता रथ को हरी झंडी दिखाई

खगड़िया को बाल विवाह मुक्त बनाने के उद्देश्य से जिला प्रशासन ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण पहल की शुरुआत की। प्रभारी जिलाधिकारी अभिषेक पलासिया ने समाहरणालय परिसर से ‘बाल विवाह मुक्त बिहार अभियान’ के तहत जागरूकता रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर विभिन्न विभागों के पदाधिकारी, आंगनबाड़ी सेविकाएं, शिक्षक और बड़ी संख्या में आमजन उपस्थित रहे। इस जागरूकता रथ का मुख्य उद्देश्य उन ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों तक पहुंच बनाना है, जहां सामाजिक प्रथाओं, परंपराओं और जागरूकता की कमी के कारण बाल विवाह के अधिक मामले सामने आते हैं। रथ में लगी एलईडी स्क्रीन, पोस्टर, बैनर, स्लोगन और ऑडियो संदेशों के माध्यम से लोगों को बाल विवाह के नुकसान, कानूनी प्रावधानों और इसके सामाजिक दुष्परिणामों की जानकारी दी जा रही है। दो साल तक की सजा या एक लाख रुपए तक का जुर्माना अभियान के दौरान लोगों को भारतीय कानून के प्रावधानों से अवगत कराया जा रहा है। इसके तहत 18 वर्ष से कम उम्र की लड़की और 21 वर्ष से कम उम्र के लड़के का विवाह बाल विवाह की श्रेणी में आता है। यह एक दंडनीय अपराध है, जिसमें दोषी पाए जाने पर दो साल तक की सजा या एक लाख रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। माता-पिता, रिश्तेदारों और पंचायत स्तर पर शामिल किसी भी व्यक्ति पर कानूनी कार्रवाई का प्रावधान है। बच्चों के जीवन के साथ एक बड़ा अन्याय बाल विवाह जागरूकता रथ के माध्यम से यह भी समझाया जा रहा है कि बाल विवाह केवल कानून का उल्लंघन नहीं, बल्कि बच्चों के जीवन के साथ एक बड़ा अन्याय है। कम उम्र में विवाह से लड़कियों की शिक्षा बाधित होती है, उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ता है। इसके परिणामस्वरूप मातृ मृत्यु दर और कुपोषण बढ़ता है, जिससे बच्चों का भविष्य अंधकारमय हो जाता है। अभियान में इस बात पर जोर दिया जा रहा है कि बाल विवाह एक गंभीर सामाजिक समस्या है। इसे समाप्त करने में केवल प्रशासन ही नहीं, बल्कि आमजन की सक्रिय भागीदारी भी आवश्यक है। DM ने लोगों से की सहयोग की अपील प्रभारी DM अभिषेक पलासिया ने कहा कि जिला प्रशासन का मुख्य लक्ष्य खगड़िया को पूरी तरह बाल विवाह मुक्त जिला बनाना है। इसके लिए स्कूलों, आंगनबाड़ी केंद्रों, पंचायत प्रतिनिधियों और सामाजिक संगठनों को भी अभियान में जोड़ा जा रहा है। उन्होंने ग्रामीणों से अपील की कि वे किसी भी संभावित बाल विवाह की सूचना तुरंत प्रशासन को दें, ताकि समय रहते कार्रवाई की जा सके। शिकायत के लिए जारी हुए हेल्पलाइन नंबर जनता की सुविधा के लिए जिला प्रशासन ने कई हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं, जिन्हें 24×7 संचालित किया जाएगा—
112 – पुलिस हेल्पलाइन
1098 – बाल सहायता हेल्पलाइन (चाइल्डलाइन)
1800-102-7222 – 24×7 बाल संरक्षण हेल्पलाइन
इन नंबरों पर मिली हर सूचना पर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। ग्रामीण क्षेत्रों पर विशेष फोकस प्रशासन का कहना है कि अभियान के अगले चरण में पंचायत स्तर पर नुक्कड़ नाटक, जागरूकता सभाएँ, विद्यालयों में विशेष कार्यक्रम और महिलाओं की समूह बैठकें आयोजित की जाएँगी, ताकि संदेश अधिक से अधिक लोगों तक पहुँच सके।
जिला प्रशासन को उम्मीद है कि जागरूकता रथ और सामुदायिक सहयोग की बदौलत खगड़िया जल्द ही बाल विवाह मुक्त जिलों की सूची में शामिल होगा।


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